गद्दी कल्याण बोर्ड की बैठक आयोजित


धर्मशाला, 23 जनवरी (विजयेन्दर शर्मा) ।    - मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार समाज के कमजोर, पिछड़े तथा जनजातीय वर्गों के सामाजिक-आर्थिक विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है ताकि उनके जीवन में आशातीत बदलाव लाया जा सके। मुख्यमंत्री आज धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश गद्दी कल्याण बोर्ड की 14वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं कार्यान्वित की जा रही है तथा विभिन्न बोर्ड गठित किए गए हैं ताकि उनके तीव्र विकास को सुनिश्चित बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि बोर्ड की बैठक में लिए गए निर्णयों को संबंधित विभाग अक्षरश: कार्यान्वित करेंगे।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के जनजातीय लोग गैर जनजातीय क्षेत्रों में भी  रहते हैं। जनजातीय लोगों ने दूरदराज क्षेत्रों में अपने घरों का निर्माण किया है, जिन्हें सडक़ से जोडऩे व अन्य मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने 670 जनजातीय बहुल बस्तियां चिन्हित की हैं, जिनमें से 480 बस्तियां चम्बा तथा कांगड़ा जिले में हैं। उन्होंने कहा कि जिन गांवों में जनजातीय लोगों की जनसंख्या 40 प्रतिशत से अधिक है उन्हें राज्य योजना के अतिरिक्त विशेष केन्द्रीय सहायता प्रदान की जा रही है। इन क्षेत्रों में चल रही योजनाओं को पूरा करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि 450 लाख रुपये सडक़ निर्माण पर, 125 लाख रुपये सिंचाई एवं पेयजल आपूर्ति योजनाओं, 157 लाख रुपये कृषि, 95 लाख रुपये बागवानी, 89 लाख रुपये पशुपालन तथा 72.47 लाख रुपये सामुदायिक भवनों के निर्माण पर व्यय किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भेड़ पालकों को समर्थन मूल्य प्रदान कर रही है। राज्य सरकार द्वारा मण्डी विकास सहायता के अन्तर्गत हिमाचल प्रदेश ऊन विकास संघ को हर वर्ष रखरखाव शुल्क के रूप में 15 प्रतिशत की राशि प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि बनूरी में 50 लाख रुपये की लागत से भेड़ पालकों की सुविधा के लिए समुदायिक भवन का निर्माण किया जा रहा है।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कुल्लू जिला के भुंतर में, मण्डी जिला के रिवालसर में, शिमला जिला के ढली और चम्बा में जनजातीय भवन/सराय का निर्माण किया गया है। इनमें जनजातीय लोगों को नाममात्र दरों पर ठहरने तथा खानपान की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि चम्बा जिला के सिहूंता तथा कांगड़ा जिला के दाड़ी में जनजातीय भवनों के निर्माण का कार्य शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा।श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि कांगड़ा-होली सुरंग का निर्माण प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा, जिससे विशेषकर भरमौर क्षेत्र के जनजातीय लोगों को वर्ष भर आवाजाही की सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि सीतलु नाग मन्दिर, सती माता मन्दिर कढ़ा तथा नडाल क्षेत्र के किलका माता मन्दिर व प्राचीन शिव मन्दिर को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की संभावनाएं तलाशी जाएगी। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों के बेरोजगार युवाओं को हिमाचल प्रदेश राज्य हस्तशिल्प तथा हथकरघा निगम द्वारा हस्तशिल्प एवं हथकरघा उद्यम के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनजातीय युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करने पर इस वित्त वर्ष के दौरान 220.68 लाख रुपये व्यय किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण केे उपरान्त स्वरोजगार के लिए उन्हें ट्रेड के अनुसार नि:शुल्क उपकरण भी प्रदान किए जाएंगे।मुख्यमंत्री ने कहा कि कांगड़ा जिला की ग्राम पंचायत गंगवाल, बालिर तथा लधवां में पेयजल आपूर्ति योजना का संवर्धन प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा ताकि क्षेत्र के जनजातीय लोग लाभान्वित हो सकें। उन्होंने शिक्षा विभाग को भरमौर क्षेत्र की ग्राम पंचायत चान्दपुर में राजकीय प्राथमिक पाठशाला, कुलानी को पुन: खोलने के निर्देश दिए। प्रदेश सरकार द्वारा पहले ही पूर्व सरकार द्वारा डीनोटिफाई किए गए 149 स्कूलों को पुन: खोलने का निर्णय लिया गया हैै। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए कि बैजनाथ विधानसभा क्षेत्र में हरेड़-फटेहर वाया तारस मार्ग पर पुल का निर्माण प्राथमिकता के आधार पर किया जाए।वन मंत्री श्री ठाकुर सिंह भरमौरी ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए कहा कि प्रदेश में सभी क्षेत्रों विशेषकर जनजातीय क्षेत्रों में मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह के कुशल नेतृत्व में अपार विकास सुनिश्चित हुआ है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार हमेशा ही जनजातीय तथा दूरदराज क्षेत्रों के प्रति संवेदनशील रही है और इन क्षेत्रों की भौगोलिक दृष्टि व मौसम की परिस्थितियों के मध्यनजर यहां के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तीव्र विकास के लिए जनजातीय लोग विशेषकर गद्दी समुदाय मुख्यमंत्री के सदैव ऋणी रहेंगे।

बैठक में सडक़ निर्माण, जलापूर्ति, स्वास्थ्य केन्द्र, विश्राम गृह और बैंक की शाखाएं, जनजातीय छात्रावास खोलने, सौर लाईट लगाने, भेड़ पालकों के लिए रैन बसेरे निर्मित करने, आंगनबाड़ी केन्द्र, जन शौचालय खोलने, बन्दूक के लाईसैंस जारी एवं उनका नवीकरण करने, शिप डिप टैंक, भेड़ पालकों को परमिट जारी करने के संबंध में नीति तैयार करने, ऊन कातने की मशीनें उपलब्ध करवाने, भरमौर क्षेत्र के धनछो में सराय का निर्माण करने, भेड़-बकरियों की चोरी पर रोक लगाने, भेड़ पालकों को टैंट उपलब्ध करवाने, भेड़-बकरियों की खरीद उपदान उपलब्ध करवाने और ऊन के समर्थन मूल्य में वृद्धि इत्यादि विषय पर विस्तार से चर्चा की गई।

पूर्व विधायक तथा ऊन संघ के अध्यक्ष श्री रघुवीर सिंह ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

प्रधान सचिव, जनजातीय श्री वी.सी. फारका ने बैठक की कार्यावाही का संचालन किया और मुख्यमंत्री को विश्वास दिलाया कि सभी निर्देशों पर निर्धारित समय के भीतर अमल किया जाएगा।

अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री पी. मित्रा, अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, विभागाध्यक्ष, गद्दी बोर्ड के सरकारी तथा गैर सरकारी सदस्यों ने भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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