अन्य पिछड़ा वर्ग का कल्याण राज्य सरकार की प्राथमिकता: मुख्यमंत्री



धर्मशाला, 23 जनवरी (विजयेन्दर शर्मा) ।    मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित अधिकांश लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से क्रीमीलेयर की आय सीमा को 4 लाख 50 हजार रुपये प्रतिवर्ष से बढ़ाकर 6 लाख रुपये प्रतिवर्ष किया है।
मुख्यमंत्री आज धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कल्याण बोर्ड की 8वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या 9 लाख 27 हजार 542 थी, जोकि प्रदेश की कुल जनसंख्या का 15$27 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरियों में इस वर्ग को समुचित प्रतिनिधित्व देने के उद्देश्य से प्रथम तथा द्वितीय श्रेणी की नौकरियों में 12 प्रतिशत और तृतीय तथा चतुर्थ श्रेणी वर्ग की नौकरियों में ओबीसी को 18 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने ओबीसी अनुसूची में और अधिक उप-जातियों को शामिल करने का मामला भारत सरकार से फरवरी, 2006 में उठाया था। केन्द्र सरकार ने तरखाण, बढई, रामगढ़ी, धीमान (लोहार को छोडक़र) विश्वकर्मा, पम्बा, हादि और सैणी उप-जातियों को इस अनुसूची में शामिल किया है, जबकि अन्य को शामिल करने का मामला केन्द्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के विचाराधीन है।
श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी भूमिहीन/आवासहीन परिवारों को आवास निर्माण के लिए भूमि प्रदान करने का निर्णय लिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में इन्हें तीन बिस्वा तथा शहरी क्षेत्रों में दो बिस्वा भूमि उपलब्ध करवाई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सन्तुलित विकास के लिए सभी श्रेणियों का एक समान विकास आवश्यक है। प्रदेश सरकार समाज के सभी वर्गों के कल्याण एवं उत्थान के प्रति वचनबद्घ है। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों विशेषकर कमजोर वर्गों के कल्याण एवं त्वरित विकास के लिए अनेक कार्यक्रम आरम्भ किए गए हैं। प्रदेश में विकास के क्षेत्र में अनेक मील पत्थर स्थापित किए हैं और गत एक वर्ष में सभी क्षेत्रों में विकास प्रक्रिया को गति मिली है।
उन्होंने मण्डी जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि जिले की गलमा पंचायत में लबाणा समुदाय के शवदाह गृह स्थल तक सम्पर्क मार्ग का निर्माण किया जाए। उन्होंने मण्डी जिले की लोहारा पंचायत के टांडा में लबाणा समुदाय के धार्मिक स्थल तक जाने वाले मार्ग की मुरम्म्त करने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में वानरों की समस्या प्रदेश में गम्भीर रूप धारण करती जा रही है। इस समस्या से समाज के सभी वर्गों को दो-चार होना पड़ रहा है। उन्होंने वनों में फलदार पौधे लगाने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि मानव तथा जंगली जानवरों के मध्य टकराव को रोका जा सके और वानरों को वनों में ही पर्याप्त मात्रा में भोजन उपलब्ध हो सके।
उन्होंने कहा कि सिरमौर जिले में बाता नदी के तटीकरण की परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए कि फतेहपुर को गुलाबनगर से जोडऩे के लिए बाटा नदी पर पुल निर्माण करने की व्यावहारिक रिपोर्ट तैयार की जाए।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डा$ कर्नल धनी राम शांडिल ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याण एवं उत्थान के लिए अनेक योजनाएं आरम्भ की गई हैं। इस वर्ग के लोगों को रोजगार के अधिक अवसर प्रदान करने के लिए प्रदेश में विभिन्न प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न कार्यक्रमों के अन्तर्गत लाभार्थी छात्रों की संख्या को इस वित्त वर्ष में 500 से बढ़ाकर 2500 किया गया है।
डा$ शांडिल ने कहा कि हिमाचल पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम कांगड़ा में स्थापित किया गया है और निगम द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित व्यक्तियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। निगम स्वरोजगार के लिए सस्ती ब्याज दरों पर 5 लाख रुपये तक के ऋण उपलब्ध करवाता है। इसके अतिरिक्त उच्च शिक्षा एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए निगम 50 हजार रुपये तक का ब्याजमुक्त ऋण प्रदान करता है। इस समुदाय के छात्रों को विभिन्न छात्रवृत्तियां भी प्रदान की जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के 2,92,921 वृद्घ, अपंग, विधवा, परित्यक्त एवं एकल महिलाओं को प्रतिमाह 500 रुपये की सामाजिक सुरक्षा पैंशन प्रदान की जा रही है। 80 वर्ष से उपर के नागरिकों को इस पैंशन के रूप में प्रतिमाह 1000 रुपये प्रदान किए जा रहे हैं। इस वित्त वर्ष प्रदेश में सामाजिक सुरक्षा पैंशन प्रदान करने पर 200 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं।
बैठक में सडक़ निर्माण, पेयजल एवं सिंचाई सुविधा, विद्युत आपूर्ति, अन्य पिछड़ा वर्ग के खाली पड़े पदों को भरने तथा इस वर्ग के लिए उपलब्ध आरक्षण में वृद्घि करने के विषयों पर गहन विचार विमर्श किया गया।
वन मंत्री श्री ठाकुर सिंह भरमौरी, मुख्य संसदीय सचिव सर्वश्री जगजीवन पाल और नीरज भारती, पूर्व मंत्री एवं सांसद श्री चन्द्र कुमार, पूर्व विधायक श्री सुरेन्द्र काकू, कार्यवाहक मुख्य सचिव श्री पी$ मित्रा, अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, विभागाध्यक्ष, वरिष्ठ अधिकारी तथा बोर्ड के गैर सरकारी सदस्य बैठक में उपस्थित थे।
अतिरिक्त मुख्य सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता श्री पी$सी$ कपूर ने बैठक की कार्यावाही का संचालन किया।

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