प्रदेश सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया


  शिमला   , 08 जुलाई  (विजयेन्दर  शर्मा)।   हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन के बाद प्रदेश सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। शोक के दौरान प्रदेश में कोई सरकारी मनोरंजन संबंधी कार्यक्रम नहीं होंगे। प्रदेश के सरकारी दफ्तर खुले रहेंगे। तीन दिन तक राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार प्रदेश में आठ से 10 जुलाई तक राजकीय शोक रहेगा।
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का पार्थिव शरीर शुक्रवार को पहले रिज मैदान पर लोगों के दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद पार्थिव शरीर प्रदेश कांग्रेस के दफ्तर राजीव भवन ले जाया जाएगा और वहां पर पार्टी नेता कार्यकर्ता श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं संसद सुरेश कश्यप, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, प्रभारी अविनाश राय खन्न, सह प्रभारी संजय टंडन, संगठन महामंत्री पवन राणा, महामंत्री त्रिलोक जम्वाल, राकेश जम्वाल एवं त्रिलोक कपूर ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है।  उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा देवभूमि हिमाचल के 6 बार मुख्यमंत्री रहे हिमाचल के वरिष्ठ नेता आदरणीय वीरभद्र सिंह जी के निधन का समाचार हम सबके के लिए बेहद दुःख देने वाला है। हिमाचल के लिए यह एक अपूर्णीय क्षति है,जिसकी भरपाई कभी नहीं होगी। हिमाचल के विकास में उनका योगदान अनुकरणीय है,जिसे कभी भुलाया नहीं जाएगा।
बता दें तीन दिन पहले ही जेपी नड्डा खुद वीरभद्र सिंह से मिलने आईजीएमसी शिमला गए थेए लेकिन वह वेंटीलेटर पर थे तो उनसे मिल नहीं पाए थे। इस दौरान सीएम जयराम भी मौजूद थे।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि वह निशब्द हैं और एक युग का अंत हो गया। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा कहा-एक युग का अंत। दिलों के राजा नहीं रहे। विनम्र श्रद्धांजलि।
वीरभद्र सिंह का जन्म 23 जून, 1934 को बुशहर रियासत के राजा पदम सिंह के घर में हुआ। लोकसभा के लिए वह पहली बार 1962 में चुने गए।  उसके बाद 1967, 1971, 1980 और 2009 में भी चुने गए। वीरभद्र वर्ष 1983 से 1990, 1993 से 1998, 1998 में कुछ दिन तक तीसरी बार, फिर 2003 से 2007 और 2012 से 2017 में हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे।


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