पूर्व मुख्यमंत्री और हिमाचल प्रदेश के लोकप्रिय नेता श्री वीरभद्र सिंह जी के आकस्मिक निधन पर गहरा आघात लगा है। वीरभद्र सिंह जी ने बहुत लम्बे समय तक हिमाचल प्रदेश का नेतृत्व किया। उन्हे एक अनुभवी नेता और उनके शासन कौशल के लिए जाना जाता था। उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला। वह हमसे जितना गुस्सा करते थे उतना प्यार भी करते थे। उनका जाना कांग्रेस पार्टी और समूचे प्रदेश के लिए अपूर्णीय क्षति है। उनके परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके परिवारजनों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करे। ॐ शान्ति।
वीरभद्र सिंह जी जिनके नाम का अर्थ है बहादुर और कृपालु 28 वर्ष की छोटी सी आयु में सन 1962 में इन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा मंडी लोकसभा चुनाव क्षेत्र से पार्टी के प्रत्याशी के रूप में टिकट दिया गया। मंडी चुनाव क्षेत्र न केवल देश के विशालकाय चुनाव क्षेत्र में एक है अपितु भौगोलिक रूप से भी यो देश का दुर्गातम चुनाव क्षेत्र है।
जन सेवा के जज्बे से ओतप्रोत राजा साहब ने इस चुनाव क्षेत्र की ऊंचाई तथा गहरी घाटियों को अपने कदमों से नापा और यहां के लोगों की कठिनाइयों का अपने आप अनुभव प्राप्त किया। 1983 में पहली बार हिमाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने का गौरव हासिल हुआ। राजा साहब के कुशल और जुझारू नेतृत्व ने हिमाचल प्रदेश को विकास की महान ऊंचाइयां प्रदान की। इसीलिए साहब साहब के कार्यकाल को प्रदेश में विकास के युग के रूप में याद किया जाता है राजा साहब हमेशा कहते हैं कि कामों का विस्तार ही मेरी जीवन रेखा है और उनके कार्यकाल में राज्यों ने जो उपलब्धियां हासिल की वे उनके कथन की स संवत साक्षी है।
इनकी सफलता का शाहिद इससे बड़ा प्रमाण कोई नहीं हो सकता की समूचा हिमाचल प्रदेश इन्हें निर्विवाद रूप से विकास पुरुष के रूप में देखता है।
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ,भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं संसद सुरेश कश्यप, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, प्रभारी अविनाश राय खन्ना, सह प्रभारी संजय टंडन, संगठन महामंत्री पवन राणा, महामंत्री त्रिलोक जम्वाल, राकेश जम्वाल एवं त्रिलोक कपूर ने प्रदेश के 6 बार के मुख्यमंत्री पूर्व मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह जी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। राजा वीरभद्र सिंह जी आज सुबह 8th जुलाई 2021
प्रातः 3:40 पर लंबी बीमारी के बाद स्वर्गसिधार गये ।
वह 87 वर्ष के थे।
उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है। नेताओं ने शोक संदेश में राजा वीरभद्र सिंह जी की मृत्यु पर गहरा दुख एवं शोक प्रकट किया है।
प्रातः 3:40 पर लंबी बीमारी के बाद स्वर्गसिधार गये ।
वह 87 वर्ष के थे।
उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है। नेताओं ने शोक संदेश में राजा वीरभद्र सिंह जी की मृत्यु पर गहरा दुख एवं शोक प्रकट किया है।