काजोल की बहन तनीषा मुखर्जी एग्स फ्रीज करवा चुकी

Kajol's sister Tanisha Mukherjee freezes her eggs

मां बनना हर औरत का सबसे खूबसूरत सपना होता है। ये सपना तब और खूबसूरत लगने लगता है जब उम्र की बंदिशों से दूर इसका फैसला लेने का हक भी महिला के ही पास होता है। आज विज्ञान ने स्वास्थ्य जगत में बहुत तरक्की कर ली है, अब महिलाएं बड़ी उम्र में भी एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती है। बॉलीवुड जगत से एकता कपूर, मोना सिंह के बाद अब काजोल की बहन तनीषा मुखर्जी ने भी खुलासा किया है कि वो भी 39 साल की उम्र में अपने एग्स फ्रीज करवा चुकी हैं। बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं की प्रजनन शक्ति घटने लगती है। एग फ्रीज़िंग महिलाओं की फर्टिलटी को बनाए रखने का एक बढ़िया तरीका है। फर्टिलिटी मेडिकल फील्ड में आईवीएफ के बाद एग फ्रीजिंग भी एक बड़ी तकनीक बनकर उभरी है।

आजकल कई ऐसी महिलाएं हैं जो करियर, सेहत या फिर परिवार से जुड़ी किसी समस्या के चलते अपने परिवार को आगे बढ़ाने का फैसला थोड़ा समय लेकर सोच समझ कर करना चाहती हैं, उनके लिए यह तकनीक किसी वरदान से कम नहीं है। फ्रोजन भ्रूण से फ्रोजन अंडों तक के बदलाव ने हर एक महिला को एक अवसर दिया है कि वे कभी भी गर्भवती हो सकती हैं। एग फ्रीजिंग की मदद से महिलाएं फर्टिलिटी को नियंत्रित कर सकती हैं और अपने चुनें हुए समय पर गर्भवती हो सकती हैं। 

क्या है एग फ्रीजिंग?
एग फ्रीज़िंग महिलाओं की फर्टिलटी को बनाए रखने का एक तरीका है। एग फ्रीजिंग में ओवरी से मैच्योर अंडों को निकालते हैं और लैब में ले जाकर जीरो तापमान पर फ्रीज करते हैं। महिला को जब इन अंडों की जरूरत पड़ती है तब उन्हें शुक्राणु के साथ मिलाकर गर्भाशय में स्थानांतरित किया जाता है। इस प्रकिया में अंडों की जैविक गति को कुछ समय के लिए रोका जाता है, जिससे उस गति को बाद में इस्तेमाल की जा सके। मेडिकल तौर पर एग फ्रीजिंग को क्राइयोप्रिजर्वेशन कहते हैं।

अंडों को फ्रीज करवाने की सही उम्र-
फर्टिलिटी एक्सपर्ट्स के अनुसार अंडे फ्रीज करने की सही उम्र 20 साल से लेकर 30 साल है। दरअसल, इस उम्न में गर्भावस्था के दौरान कॉम्लीकेशंस सबसे कम होते हैं। ऐसे में इस उम्र में अपने अच्छे गुणवक्ता वाले अंडों को फ्रीज करके उनका इस्तेमाल बाद में किया जा सकता है। एग फ्रीजिंग की सिफारिश 38 साल से ऊपर नहीं की जाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि 35 साल के बाद एग की गुणवत्ता और मात्रा में कमी आने लगती है।

एग फ्रीजिंग की प्रकिया-
एग फ्रीजिंग एक लंबी प्रक्रिया है, कई परीक्षण और निरीक्षण के बाद डॉक्टर इस प्रक्रिया को पूरा कर पाते हैं। इस प्रकिया के दौरान पहले महीने में महिला के ब्लड टेस्ट और अल्ट्रासाउंड की मदद से अंडों की कैपेबिलिटी की जांच की जाती है। अंडों की सेहत अच्छी होने पर ही उन्हें फ्रीज करके इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाता है। इसके लिए डॉक्टर कुछ दवाएं और सप्लीमेंट्स भी देते हैं। दूसरे महीने डॉक्टर अंडों के विकास पर ध्यान देते हैं। इस समय भी महिला के ब्लड टेस्ट, स्कैनिंग समय-समय पर होती रहती है। 
यदि प्रक्रिया सफल होती है तो 15 अंडों को फ्रीज किया जाता है।

एग फ्रीजिंग के दौरान किस उम्र में पड़ती है कितने एग की जरूरत-
एग फ्रीजिंग की प्रक्रिया के लिए यंग महिलाओं को कम एग देने पड़ते हैं जबकि अधिक उम्र की महिलाओं को फ्रीजिंग के लिए ज्‍यादा एग देने पड़ते हैं। डॉक्‍टरों की मानें तो 34 साल की उम्र की महिलाओं को अपने 10 एग फ्रीज करवाने की जरूरत होती है, वहीं 37 साल की उम्र की महिला को इस प्रक्रिया के लिए 20 एग देने पड़ते हैं। 42 की उम्र में 61 एग की जरूरत पड़ती है। इसलिए एग फ्रीजिंग के मामले में उम्र बहुत महत्‍वपूर्ण होती है।

एग फ्रीजिंग के साइडइफेक्ट्स-
जब महिला के शरीर में दोबारा से फ्रीज अंडे स्थानांतरित किए जाते हैं तो वह  1 सप्ताह के भीतर अपनी सामान्य गतिविधियां फिर से शुरू कर सकती है। लेकिन इस बात का ध्यान जरूर रखें कि हर स्त्री का शरीर अलग होता है।‌ ऐसे में  एग फ्रीजिंग के बाद आपको दर्द का अनुभव, प्रेग्नेंट होने की संभावना बनी रहती है। शरीर में अंडे स्थानांतरित करने के बाद वजन बढ़ने की समस्या या सूजन जैसे लक्षण दिखाई दें तो तुरंत महिला को अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यह सभी लक्षण हाइपरस्टिमुलेशन सिंड्रोम के संकेत हो सकते हैं।इसके अलावा यह तकनीक काफी महंगी है। 

BIJENDER SHARMA

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