राजकीय एवं सैन्य सम्मान के साथ किया शहीद का अंतिम संस्कार

राजकीय एवं सैन्य सम्मान के साथ किया   शहीद का अंतिम संस्कार
हमीरपुर 25 जुलाई  (विजयेन्दर  शर्मा)।     । जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर बारुदी सुरंग फटने से शहीद हुए भोरंज तहसील के लगमनवीं क्षेत्र के गांव घुमारवीं के सैनिक कमल देव वैद्य का रविवार को पूरे राजकीय एवं सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। शहीद के चचेरे भाई (ताया के लड़के) बॉबी वैद्य ने मुखाग्नि दी।
बड़े भाई ने ताबूत पर नए कपड़े रखे। शहीद भाई को हार और पगड़ी पहनाई। दरअसल कमल की अक्‍टूबर में शादी तय थी, इस बीच उसकी पार्थिव देह कफन में लिपटी आंगन में पहुंची। परिवार के सदस्‍यों ने शादी की कुछ रस्‍में निभाईं। यह सब देखकर शहीद के आंगन में मौजूद हर शख्‍स की आंखें नम थीं।
इससे पहले शहीद का पार्थिव शरीर रविवार सुबह सड़क मार्ग से उनके पैतृक गांव पहुंचाया गया।जिला प्रशासन को शनिवार को बलिदानी कमलदेव का पार्थिव शरीर हेलिकाप्टर के माध्यम से लाए जाने की सूचना प्राप्त हुई थी। लेकिन खराब मौसम के कारण हेलिकाप्टर राजौरी से उड़ान नहीं भर पाया था। इस कारण रविवार सुबह शहीद की पार्थिव देह हमीरपुर पहुंची। शहीद का पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही समूचा घुमारवीं गांव कमल देव अमर रहे के नारों से गूंज उठा।
 विधायक एवं हिमाचल प्रदेश विधानसभा में उप मुख्य सचेतक कमलेश कुमारी, उपायुक्त देबश्वेता बनिक, एसपी डॉ. कार्तिकेयन गोकुलचंद्रन, एसडीएम राकेश शर्मा, डीएसपी शेर सिंह ठाकुर, अन्य अधिकारियों ने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित करके श्रद्धांजलि अर्पित की।
थल सेना की डोगरा रेजिमेंट और कोर ऑफ इलैकटॉनिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स के अधिकारियों ने भी पुष्प चक्र अर्पित करके शहीद कमल देव वैद्य को अंतिम विदाई दी। हिमाचल प्रदेश पुलिस की टुकड़ी ने भी हवा में फायर करके शहीद को अंतिम सलामी दी। इस अवसर पर विधायक एवं उप मुख्य सचेतक कमलेश कुमारी, उपायुक्त देबश्वेता बनिक और अन्य अधिकारियों ने शहीद के पिता मदन लाल, माता, बड़े भाई देवेंद्र कुमार और अन्य परिजनों को ढांढस बंधाया तथा सरकार की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा दिया।
मदन लाल व विनीता देवी के घर जन्मे कमलदेव वैद्य ने पहली से दसवीं तक की पढ़ाई राजकीय उच्च पाठशाला लुद्दर महादेव व जमा दो की पढ़ाई राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भोरंज से की थी। राजकीय डिग्री कालेज हमीरपुर में प्रथम वर्ष की पढ़ाई के लिए कमलदेव दाखिल हुए ही थे कि हमीरपुर में हुई भर्ती रैली भी हो रही थी। वह भर्ती हो गए।पिता मदन लाल दिहाड़ी-मजदूरी का काम करते हैं तथा मां गृहिणी है। बड़े भाई देवेंद्र कुमार ने होटल मैनेजमेंट में डिप्लोमा किया है लेकिन कोरोना महामारी के बाद से घर पर ही है। दो बहनें इंदू व शशि हैं, जिनकी विवाह हो गया है।
कमलदेव के बलिदान पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, केंद्रीय सूचना प्रसारण एवं युवा सेवाएं खेलमंत्री अनुराग ठाकुर, हिमाचल प्रदेश विधानसभा में उपमुख्य सचेतक एवं विधायक कमलेश कुमारी, विधायक राजेंद्र राणा व इंद्रदत्त लखनपाल, पूर्व विधायक डा. अनिल धीमान, पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश कुमार, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता प्रेम कौशल, प्रोमिला कुमारी, जिला परिषद पवन कुमार ने शोक व्यक्त किया है।

BIJENDER SHARMA

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