सड़कों पर बेसहारा घूमने वाले बेसहारा गायों व गोवंश को अब जल्द ही छत नसीब हो जाएगी



 धर्मशाला, 29 अगस्त   (विजयेन्दर शर्मा)  ।  जिला की सड़कों पर बेसहारा घूमने वाले बेसहारा गायों व गोवंश को अब जल्द ही छत नसीब हो जाएगी। वर्तमान में जिला में सैंकड़ों गाय शहरों व गावों के आसपास सड़कों पर बेसहारा छोड़ी गई हैं। इनके रहने का कोई स्थायी ठिकाना नहीं है और धूप, बारिश व सर्दी के मौसम में सड़कों पर ही पड़ी रहती है।

अधिकतर गाय सड़कों पर दुर्घटनाओं का शिकार भी हो जाती है। यही नहीं यह बेसहारा पशु किसानों की फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचा रहे है। सड़कों पर बीमार, भूखी प्यासी व दुर्घटनाओं का शिकार हो रही गायों की दुर्दशा को देखते हुए इन गायों के लिए अभ्यारण्य बनाए जा रहे हैं। जिला में करीब 6 गो अभ्यारण्य बनाए जाने प्रस्तावित थे, जिसमें एक अभ्यारण्य का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है।

3 गो अभ्यारण्य का निर्माण कार्य जारी है तथा 2 अभ्यारण्य निर्माण संबंधी डी.पी.आर. आगामी कार्रवाई के लिए भेजी गई है। जानकारी के मुताबिक लूथान (ज्वालामुखी) में गो अभ्यारण्य का निर्माण कार्य लगभग समाप्त हो गया है। इसके अलावा खब्बल (ज्वाली) में बन रहे गो अभ्यारण्य का निर्माण कार्य 50 फीसदी हो चुका है। कुड्डन (पालमपुर) में बन रहे गो अभ्यारण्य का निर्माण कार्य 20 फीसदी तथा कगेहंन (जयसिंहपुर) में बन रहे गो अभ्यारण्य का निर्माण कार्य लगभग 10 फीसदी हुआ है। इसके अलावा सुलह व कांगड़ा में बनाए जाने वाले गो अभ्यारण्य के लिए डी.पी.आर. भेजी जा चुकी है। गो अभ्यारण्य बनने से बिना किसी बंधन के गायों को घूमने, चरने और प्राकृतिक वातावरण के बीच रहने की आजादी मिलेगी।

पशु पालन विभाग की माने तो लगभग 300 से 400 कनाल जगह गो अभ्यारण्य के तहत आती है। प्रत्येक गो अभ्यारण्य में लगभग 1000 पशु होते हैं। हालांकि इस क्षमता को आगे बढ़ाया भी जा सकता है। विभाग की मानें तो एक तरह से गो अभ्यारण्य के कुछ हिस्से को जंगल सा रूप दिया जाता है ताकि उसमें गोवंश घूम सकें। यहीं पर पानी आदि की व्यवस्था भी होती है। गो अभ्यारण से पशु बाहर न आए इसके लिए बाड़ भी लगाए जाते हैं। वहीं गो अभयारण्य में पशु अस्पताल भी बनाए जाते हैं। इसके अलावा पशुओं के लिए शेड की व्यवस्था भी होती है।

लूथान गो अभ्यारण्य निर्माण पर लगभग 3 करोड़ 55 लाख रुपया खर्च किया जा चुका है। इसके अलावा कुड्डन में बन रहे गो अभ्यारण्य निर्माण पर 2 करोड़ 92 लाख, कंगेहण में बन रहे गो अभ्यारण्य पर 2 करोड़ तथा खब्बल में बन रहे गो अभ्यारण्य निर्माण पर 2 करोड़ 66 लाख रुपया खर्च किया जा रहा है।

जिला में लगभग 8 हजार बेसहारा पशु हैं जो कि सड़कों पर घूम रहे हैं। जिला में करीब 22 गौसदन हैं जिनमें लगभग 2150 पशु हैं। गो अभ्यारण्य बनने से जहां सड़कों पर घूम रहे पशुओं को ठिकाना मिल जाएगा तो वहीं किसानों को भी खेतों के उजड़ने का भय नहीं रहेगा।

उपनिदेशक पशुपालन विभाग धर्मशाला संजीव धीमान के अनुसार जिला में 6 गो अभ्यारण्य बनाए जाने हैं। एक गो अभ्यारण्य का निर्माण कार्य लगभग समाप्त हो गया है। अन्य 3 जगह पर बन रहे गो अभ्यारण्य का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर जारी है। जल्द ही निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। 2 जगह गो अभ्यारण्य बनाने संबंधी डी.पी.आर. भेजी जा चुकी है। गो अभ्यारण्य में पशुओं को बेहतरीन सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी।
BIJENDER SHARMA

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