उप-स्वास्थ्य केन्द्र गलू में मनाया गया जिला स्तरीय स्तनपान दिवस
धर्मशाला, 03 अगस्त (विजयेन्दर शर्मा) । : खंड गोपालपुर के अधीनस्थ उप-स्वास्थ्य केन्द्र गलू में आज जिला स्तरीय स्तनपान दिवस मनाया गया। जिसकी अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.गुरदर्शन गुप्ता ने की।
इस अवसर पर उपस्थित महिलाओं को स्तनपान और उसके महत्व के बारे मे विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।
डॉ.गुप्ता ने बताया कि शिशु को स्तनपान जन्म के तुरंत बाद करवाना चाहिए। मां के स्तनों से जो पहला गाढ़ा पहला दूध(कोलोस्ट्रम)निकलता है, उसके पीने से बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। बच्चे को पहले छः माह तक सिर्फ और सिर्फ मां का दूध ही पिलाना चाहिए। मां का दूध छः माह तक बच्चे के लिए पूरक आहार है। तदोपरान्त बच्चे को अनुपूरक आहार जैसे नरम दलिया, मसले हुए फल, सब्जियां, दालें आदि दिन में दो से तीन बार (छः माह से आठ माह के बच्चे)तथा नौ से 23 माह के बच्चे को तीन से चार बार यह उपयुक्त पदार्थ देने चाहिए। मां का दूध दो साल या उससे अधिक समय तक जारी रखना चाहिए।
इस अवसर पर उपस्थित डॉ.अनुराधा ने बताया कि स्तनपान से शिशु और मां दोनों को ही लाभ होता है। मां का दूध शिशु को दस्त जैसी जानलेवा बीमारी से बचाता है तथा मां में स्तन कैंसर, मोटापा, डायबिटीज़, दिल की बीमारी तथा अंडाशय का कैंसर होने का जोखिम कम होता है।
इस अवसर पर गोपालपुर के खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ.मीनाक्षी गुप्ता, जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ.अनुराधा तथा स्वास्थ्य शिक्षिका अंजलि तथा अन्जना सहित बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थी।
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धर्मशाला, 03 अगस्त (विजयेन्दर शर्मा) । : खंड गोपालपुर के अधीनस्थ उप-स्वास्थ्य केन्द्र गलू में आज जिला स्तरीय स्तनपान दिवस मनाया गया। जिसकी अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.गुरदर्शन गुप्ता ने की।
इस अवसर पर उपस्थित महिलाओं को स्तनपान और उसके महत्व के बारे मे विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।
डॉ.गुप्ता ने बताया कि शिशु को स्तनपान जन्म के तुरंत बाद करवाना चाहिए। मां के स्तनों से जो पहला गाढ़ा पहला दूध(कोलोस्ट्रम)निकलता है, उसके पीने से बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। बच्चे को पहले छः माह तक सिर्फ और सिर्फ मां का दूध ही पिलाना चाहिए। मां का दूध छः माह तक बच्चे के लिए पूरक आहार है। तदोपरान्त बच्चे को अनुपूरक आहार जैसे नरम दलिया, मसले हुए फल, सब्जियां, दालें आदि दिन में दो से तीन बार (छः माह से आठ माह के बच्चे)तथा नौ से 23 माह के बच्चे को तीन से चार बार यह उपयुक्त पदार्थ देने चाहिए। मां का दूध दो साल या उससे अधिक समय तक जारी रखना चाहिए।
इस अवसर पर उपस्थित डॉ.अनुराधा ने बताया कि स्तनपान से शिशु और मां दोनों को ही लाभ होता है। मां का दूध शिशु को दस्त जैसी जानलेवा बीमारी से बचाता है तथा मां में स्तन कैंसर, मोटापा, डायबिटीज़, दिल की बीमारी तथा अंडाशय का कैंसर होने का जोखिम कम होता है।
इस अवसर पर गोपालपुर के खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ.मीनाक्षी गुप्ता, जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ.अनुराधा तथा स्वास्थ्य शिक्षिका अंजलि तथा अन्जना सहित बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थी।
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