करोना में मेडिकल माफिया की लूट में क्या भाजपा सरकार की मिलीभगत है-कांग्रेस

करोना में मेडिकल माफिया की लूट में क्या भाजपा सरकार की मिलीभगत है-कांग्रेस
*दीपक शर्मा बोले- करोना के नाम पर जम कर लूटा जनता को*

  धर्मशाला, 13 अगस्त। (विजयेन्दर शर्मा)  । मेडिकल माफिया ने करोना महामारी के नाम पर जिस तरह की लूट की है उससे सम्बन्धित रिपोर्ट का खुलासा होने के बाद ऐसा आभास होता है कि सरकार ने इस लूट में मौन स्वीकृति प्रदान कर रखी है।

यह आरोप प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता दीपक शर्मा ने भाजपा सरकार पर लगाए। मीडिया में छपी एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मानवता के ऊपर आए करोना महामारी के इस संकटकाल में मेडिकल माफिया ने 10 से 500 गुणा तक ज़्यादा बसूली करके आपदा में लूट का अवसर ढूंढ लिया और सरकार ने मौन धारण कर रखा।

कोविड के इलाज में रेमीडिसिवर इंजेक्शन की एक कम्पनी की एमआरपी 54,00 और होलसेल कीमत 1900 रुपए थी,इसके छः इंजेक्शन का कोर्स 32,400 रुपए में पड़ा वहीं 800 एमआरपी वाली एक कम्पनी के छः इंजेक्शन के पूरे कोर्स की कीमत महज 4800 रुपए थी यानी एक ही दवा के दाम में 27,600 रुपए का अंतर था।दीपक शर्मा ने कहा कि यही नहीं एंटीबायोटिक इंजेक्शन मैरोपेनम के दस इंजेक्शन की कीमत 36,000 है जबकि इसी इंजेक्शन की दूसरी कम्पनी की दस इंजेक्शन की कीमत 5,000 है।यानी 31,000 रुपए का अंतर।दीपक शर्मा ने कहा कि इसी इंजेक्शन की एक कम्पनी द्वारा एमआरपी 24,00 रुपए लिखी गई है जबकि इसका होलसेल रेट मात्र221 रुपए है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि दवाओं के होलसेल रेट और एमआरपी के अंतर की लूट बिना सरकारी संरक्षण के सम्भव नहीं हो सकती।उन्होनें कहा कि एक ही कंपनी की ब्रांडेड और जेनरिक एक ही दवा के होलसेल रेट में भारी अंतर साफ दिखाता है कि जनता की मजबूरी का मेडिकल माफिया ने जमकर फायदा उठाया।उन्होंने कहा कि करोना की दवा का पूरा कोर्स जो सब लोगों ने खरीदी उसमें 500 प्रतिशत का फायदा मेडिकल माफिया ने कमाया।साईसीसाकलिन होलसेल 5 रुपए और एमआरपी 90,अजीथ्रोमाईसीन(5गोली) 45 की 120 में,आईवर्मेविटीन(10गोली) 12 रुपए की 200 में ,विटामिन सी/जिंक 60 की 140 में,विटामिन डी(4गोली) 20 की 130 में स्टीरॉइड(10 गोली) 20 की 100 में यानी प्रत्येक व्यक्ति को 157 रुपए की दवा 780 रुपए में दी गई।दीपक शर्मा ने कहा कि जनऔषधि केंद्रों को सप्लाई की जाने वाली दवाओं में एमआरपी अधिक लिखी जाती है। कम्पनियां मनमाने एमआरपी लिखवा कर दवाओं को महंगे दामों पर बेचते हैं।

दीपक शर्मा ने कहा कि देश में खुले 8000 जनऔषधि केंद्रों में 20 से 80 प्रतिशत तक छूट का दावा किया जाता है लेकिन असलियत कुछ और है।दवा माफिया यहां भी घुसपैठ कर चुका है।दीपक शर्मा ने कहा कि मेडिकल माफिया कम्पनियां बड़ी चालाकी से कम्बीनेशन ड्रग बना कर,नाम बदल कर, दवा मूल्य नियंत्रण सूची से बाहर हो जाती हैं।दीपक शर्मा ने कहा कि इस सारे हेरफेर में सरकार का मौन धारण करना शंका पैदा करता है।हालांकि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष सरकार को ब्रांडेड दवा सिस्टम को बन्द करने का सुझाव दे चुके हैं।ब्रांड प्रमोशन ही इस लूट की जड़ है।कांग्रेस नेता ने कहा कि इस तरह की लूट का खुलासा होने के बाद साफ है कि करोना महामारी में आमजन को मेडिकल माफिया ने जमकर लूटा और सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया।


Bijender Sharma*, Press Correspondent Bohan Dehra Road  JAWALAMUKHI-176031, Kangra HP(INDIA)*
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