बैजनाथ , 07 सितम्बर (विजयेन्दर शर्मा) । बंदगोभी छोटा भंगाल क्षेत्र की एक मुख्य नगदी फसल है I बैजनाथ ब्लाक के अंतर्गत छोटा भंगाल क्षेत्र में 152 हेक्टेयर भमि में बंदगोभी की फसल उगाई जाती है I इस बर्ष इस फसल में फफूंद की बजह से जड़ो में बीमारी का प्रकोप बहुत अधिक हो गया है I इस संबध में कृषि बिभाग जैब नियंत्रण प्रयोगशाला, पालमपुर व विषयाबाद विशेषज्ञ कृषि, ब्लॉक बैजनाथ की टीम ने लोहारडी, नल्होता, बडाग्राम, दिओट, मुल्थान,दरमान, इत्यादि क्षेत्रों में उगाई गयी बंदगोभी की फसल का निरिक्षण किया I इस निरिक्षण के दौरान यह पाया गया की बंदगोभी की फसल में फफूंद की बजह से जड़ें काली व सड़ रही हैं I यह बीमारी फफूंद बीज जनित है और ज्यादा बारिश व मौसम में नमी अधिक होने के कारण इस बार इसका प्रकोप अधिक हैI इसके अतिरिक्त इस क्षेत्र में एक ही फसल पिछले दस बारह सालों से लगातार उगाने के कारण बीमारिओं की आशंका लगातार बनी रहती है I इस बीमारी से बचाब व रोकथाम के लिए किसान बौर्डिओक्स मिक्सचर का 1 प्रतिशत का घोल बनाकर या कॉपर ओक्सीक्लोराइड का 3 ग्राम प्रति लीटर के हिसाब से घोल बनाकर छिडकाब करें I किसान भाई जब भी फसल बीजते है तब बीजों का बेविस्टीन से बीजोउपचार जरूर करें व पनीरी को फफूंदनाशक से उपचारित करके ही लगायेंI
इसके अतिरिक्त किसानो से यह आग्रह है ही वो फसल चक्र को अपनाये व हर साल एक ही खेत में एक ही फसल पर न लगायें I एक ही फसल लगाने के कारण बीमारी के प्रकोप की संभावना अधिक हो जाती है इसलिए किसान भाई एक ही फसल पर निर्भर न होकर, अन्य नगदी फसलों जैसे की मूली, धनिया, मटर, फूलगोभी, इत्यादि फसलें उगायें जिससे इस तरह के बीमारी के प्रकोप से हो रहे नुकशान से बचा जा सके I
इसके अतिरिक्त किसानो से यह आग्रह है ही वो फसल चक्र को अपनाये व हर साल एक ही खेत में एक ही फसल पर न लगायें I एक ही फसल लगाने के कारण बीमारी के प्रकोप की संभावना अधिक हो जाती है इसलिए किसान भाई एक ही फसल पर निर्भर न होकर, अन्य नगदी फसलों जैसे की मूली, धनिया, मटर, फूलगोभी, इत्यादि फसलें उगायें जिससे इस तरह के बीमारी के प्रकोप से हो रहे नुकशान से बचा जा सके I