भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा संगोष्ठी का आयोजन
धर्मशाला, 09 मार्च- ( विजयेन्दर शर्मा) । जिला भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा आज गोरखा भवन में 'आजादी का अमृत महोत्सव' के अंतर्गत शिव पूजन (नुआला) का आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें उप निदेशक, सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग, रवि वर्मा बतौर मुख्यातिथि तथा प्रभात शर्मा विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
इस कार्यक्रम में डॉ0 मनोज कुमार, तरसेम सिंह, भरत सिंह, प्रताप जरयाल, व गोपाल दास चौरासिया शोर्धािर्थयों द्वारा शिव पुजन नुआला के आध्यत्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व विषय पर शोध पत्र पढ़ा गया व अन्य साहित्यकारों द्वारा उन पर परिचर्चा की गई। कार्यक्रम के द्वितीय चरण में गद्दी जनजाति की लोक संस्कृति पर आधारित रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किया गया ।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में वंशिका युवा मंच सुक्कड, धौलाधार सांस्कृतिक मंच बड़ोल, हिमालयन सांस्कृतिक कला मंच तोतारानी व शौफर्ड हरमनी कला मंच ने भाग लिया । सभी सांस्कृतिक दलों ने अपनी प्रस्तुतियों से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए । शैफर्ड हरमनी कला मंच के अध्यक्ष गायक सुनील राणा ने अपने गीतों से दर्शको का मन मोह लिया ।
जिला भाषा अधिकारी ने कहा कि गद्दी संस्कृति हमारी अम्ूाल्य विरासत है और हम इसे सहजने में प्रयासरत हैं। इसी उद्वेश्य से विभाग समय -समय पर ऐसे कार्यक्रम आयेाजित करता रहता है ताकि आने वाली पीढ़ी के समक्ष इन विलुप्त होती लोक परम्पराओं को जीवित रखा जा सके। उन्होंने कार्यक्रम में आए सभी गणमान्य, शोधार्थियों व सांस्कृतिक दलों का आभार व्यक्त किया।
धर्मशाला, 09 मार्च- ( विजयेन्दर शर्मा) । जिला भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा आज गोरखा भवन में 'आजादी का अमृत महोत्सव' के अंतर्गत शिव पूजन (नुआला) का आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें उप निदेशक, सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग, रवि वर्मा बतौर मुख्यातिथि तथा प्रभात शर्मा विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
इस कार्यक्रम में डॉ0 मनोज कुमार, तरसेम सिंह, भरत सिंह, प्रताप जरयाल, व गोपाल दास चौरासिया शोर्धािर्थयों द्वारा शिव पुजन नुआला के आध्यत्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व विषय पर शोध पत्र पढ़ा गया व अन्य साहित्यकारों द्वारा उन पर परिचर्चा की गई। कार्यक्रम के द्वितीय चरण में गद्दी जनजाति की लोक संस्कृति पर आधारित रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किया गया ।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में वंशिका युवा मंच सुक्कड, धौलाधार सांस्कृतिक मंच बड़ोल, हिमालयन सांस्कृतिक कला मंच तोतारानी व शौफर्ड हरमनी कला मंच ने भाग लिया । सभी सांस्कृतिक दलों ने अपनी प्रस्तुतियों से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए । शैफर्ड हरमनी कला मंच के अध्यक्ष गायक सुनील राणा ने अपने गीतों से दर्शको का मन मोह लिया ।
जिला भाषा अधिकारी ने कहा कि गद्दी संस्कृति हमारी अम्ूाल्य विरासत है और हम इसे सहजने में प्रयासरत हैं। इसी उद्वेश्य से विभाग समय -समय पर ऐसे कार्यक्रम आयेाजित करता रहता है ताकि आने वाली पीढ़ी के समक्ष इन विलुप्त होती लोक परम्पराओं को जीवित रखा जा सके। उन्होंने कार्यक्रम में आए सभी गणमान्य, शोधार्थियों व सांस्कृतिक दलों का आभार व्यक्त किया।