सोनम वांगचुक ने दलाई लामा को खारदुंगला दर्रे के ग्लेशियर का टुकडा भेंट किया
धर्मशाला 23 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा ) । । धर्मशाला में तिब्बतियों के अध्यात्मिक नेता दलाई लामा भी दुनिया में पर्यावरण पर हो रहे प्रतिकूल असर से खासे चिंतित दिखे। दलाई लामा के आवास पर 'डायलॉग फॉर अवर फ्यूचरः ए कॉल टू क्लाइमेट एक्शन' शीर्षक से जलवायु कार्रवाई पर तीन दिवसीय संवाद कार्यक्रम में दुनिया भर से जुटे पर्यावरण प्रेमियों ने अपने विचार रखे।
धर्मशाला 23 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा ) । । धर्मशाला में तिब्बतियों के अध्यात्मिक नेता दलाई लामा भी दुनिया में पर्यावरण पर हो रहे प्रतिकूल असर से खासे चिंतित दिखे। दलाई लामा के आवास पर 'डायलॉग फॉर अवर फ्यूचरः ए कॉल टू क्लाइमेट एक्शन' शीर्षक से जलवायु कार्रवाई पर तीन दिवसीय संवाद कार्यक्रम में दुनिया भर से जुटे पर्यावरण प्रेमियों ने अपने विचार रखे।
दलाई लामा आवास पर जलवायु कार्यकर्ताओं और प्रतिभागियों को पृथ्वी दिवस के उपलक्ष्य में 'डायलॉग फॉर अवर फ्यूचरः ए कॉल टू क्लाइमेट एक्शन' शीर्षक से जलवायु कार्रवाई पर तीन दिवसीय संवाद के लिए बुलाया गया हैं।
इस अवसर पर बहुचर्चित हिन्दी फिल्म थ्री इडियट के असली हीरो व प्रतिष्ठित मैगसेसे अवार्ड विजेता लद्दाख के सोनम वांगचुक जैसे जलवायु परिवर्तन के पैरोकार भी शामिल रहे, जिन्होंने ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के कारण ग्लेशियरों के तेजी से पिघलने पर जोर देने के लिए दलाई लामा को लद्दाख के खारदुंगला दर्रे के ग्लेशियर से एक बर्फ ब्लॉक भेंट कर जलवायु परिवर्तन की बढ़ती चिंताओं को साझा किया।
इस मुलाकात के दौरान सोनम वांगचुक ने दलाईलामा को खार्दुंग ला के ग्लेशियर से लाया बर्फ का टुकड़ा भेंट कर उनका ध्यान जलवायु परिवर्तन के कारण हिमालय में लगातार पिघल रहे ग्लेशियरों की ओर आकर्षित किया।
सोनम वांगचुक ने बताया कि पृथ्वी ग्रह के साथ खिलवाड़ से उपजे खतरों के शुरुआती परिणाम हम देख ही चुके हैं। इस बर्फ के टुकड़े के माध्यम से हम दुनिया भर के लोगों को संदेश देना चाहते हैं कि लाइफ स्टाइल को बदलते हुए सादा जीवन जीने की आदत डालनी होगी।
वैज्ञानिक सोनम वांगचुक लगातार इनोवेशन पर काम करते रहते हैं। उन्हें उनके आइस स्तूप के लिए भी जाना जाता है। उनके इस आविष्कार को लद्दाख में सबसे कारगर माना जाता है। स्टूडेंट्स एजूकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट्स ऑफ लद्दाख से उन्होंने विशेष लोकप्रियता हासिल की है। लद्दाख में शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तन लाने के लिए भी वांगचुक जाने जाते हैं। सोनम वांगचुक का सोलर हीटेड मिलिट्री टेंट का आविष्कार सेना के लिए क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है।
इससे पहले उन्होंने निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रधानमंत्री पेंपा सेरिंग और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए प्रयासरत कार्यकर्ताओं और वैज्ञनिकों से निर्वासित तिब्बत सरकार के सचिवालय में मुलाकात कर जलवायु परिवर्तन के विषय पर चर्चा भी की।
इस अवसर पर बहुचर्चित हिन्दी फिल्म थ्री इडियट के असली हीरो व प्रतिष्ठित मैगसेसे अवार्ड विजेता लद्दाख के सोनम वांगचुक जैसे जलवायु परिवर्तन के पैरोकार भी शामिल रहे, जिन्होंने ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के कारण ग्लेशियरों के तेजी से पिघलने पर जोर देने के लिए दलाई लामा को लद्दाख के खारदुंगला दर्रे के ग्लेशियर से एक बर्फ ब्लॉक भेंट कर जलवायु परिवर्तन की बढ़ती चिंताओं को साझा किया।
इस मुलाकात के दौरान सोनम वांगचुक ने दलाईलामा को खार्दुंग ला के ग्लेशियर से लाया बर्फ का टुकड़ा भेंट कर उनका ध्यान जलवायु परिवर्तन के कारण हिमालय में लगातार पिघल रहे ग्लेशियरों की ओर आकर्षित किया।
सोनम वांगचुक ने बताया कि पृथ्वी ग्रह के साथ खिलवाड़ से उपजे खतरों के शुरुआती परिणाम हम देख ही चुके हैं। इस बर्फ के टुकड़े के माध्यम से हम दुनिया भर के लोगों को संदेश देना चाहते हैं कि लाइफ स्टाइल को बदलते हुए सादा जीवन जीने की आदत डालनी होगी।
वैज्ञानिक सोनम वांगचुक लगातार इनोवेशन पर काम करते रहते हैं। उन्हें उनके आइस स्तूप के लिए भी जाना जाता है। उनके इस आविष्कार को लद्दाख में सबसे कारगर माना जाता है। स्टूडेंट्स एजूकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट्स ऑफ लद्दाख से उन्होंने विशेष लोकप्रियता हासिल की है। लद्दाख में शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तन लाने के लिए भी वांगचुक जाने जाते हैं। सोनम वांगचुक का सोलर हीटेड मिलिट्री टेंट का आविष्कार सेना के लिए क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है।
इससे पहले उन्होंने निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रधानमंत्री पेंपा सेरिंग और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए प्रयासरत कार्यकर्ताओं और वैज्ञनिकों से निर्वासित तिब्बत सरकार के सचिवालय में मुलाकात कर जलवायु परिवर्तन के विषय पर चर्चा भी की।