राज्य सरकार ग्रामीण विकास सुनिश्चित करने के लिए पंचायती राज संस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध
धर्मशाला, 17 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा ) । पंचायती राज संस्थाएं (पीआरआई) ग्रामीण विकास की रीढ़ हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार पंचायती राज व्यवस्था को सुदृढ़ करने पर बल दे रही है। ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए राज्य सरकार ने 412 नई ग्राम पंचायतों का गठन किया है। इन पंचायतों के निर्माण के साथ, हिमाचल सरकार का लक्ष्य लोगों को सुविधा प्रदान करना और ग्रामीण क्षेत्रों का तेजी से विकास सुनिश्चित करना है।
प्रदेश में 14वें वित्तायोग के तहत विभिन्न विकास कार्यों के लिए ग्राम पंचायतों को 850.17 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई, जिसमें से लगभग 700 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं। 15वें वित्तायोग के अन्तर्गत वर्ष 2020-21 के लिए पंचायतों के विकास के लिए 429 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 317 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। राज्य वित्तायोग की सिफारिशों के तहत गत चार वर्षों के दौरान विभिन्न ग्राम पंचायतों को 633.18 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं और वर्ष 2021-22 के लिए 248.55 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
सरकार द्वारा राष्ट्रीय ग्राम स्वरोजगार अभियान के अन्तर्गत जिला सिरमौर में 5.65 करोड़ रुपये, जिला किन्नौर में 3.65 करोड़ रुपये तथा जिला ऊना में 5.50 करोड़ रुपये की लागत से जिला संसाधन केंद्र बनाए जा रहे हैं। प्रदेश के पंचायत भवनों के स्तरोन्नयन व मुरम्मत के लिए 700 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं, जिनमें से 69 पंचायत भवनों पर 5.71 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं। पंचायत घरों में लोक सेवा केंद्रों के निर्माण के लिए 27.44 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं, जिसमें से लगभग 16.45 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं। पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचन प्रतिनिधियों एवं कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए 5.38 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं, जिसमें से 2.44 करोड़ रुपये व्यय कर 5124 प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया है।
वित्त वर्ष 2021-22 की योजना के लिए केन्द्र सरकार द्वारा 164.43 करोड़ रुपये अनुमोदित किए गए हैं, जिसके अन्तर्गत पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करने, जिला पंचायत संसाधन केंद्र तथा 1924 कॉमन सर्विस केंद्रों का निर्माण किया जाएगा। ग्राम पंचायतों में सामुदायिक कंेद्रों के निर्माण, स्तरोन्नयन के लिए वित्त वर्ष 2019-20 में 252 ग्राम पंचायातों को 17.06 करोड़ रुपये, 2020-21 में 22.79 करोड़ रुपये तथा वर्ष 2021-22 में 148 ग्राम पंचायतों को 22.50 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
प्रदेश सरकार द्वारा पंचायतों के डिजिटीकरण के तहत 412 नई ग्राम पंचायतों को ई-पंचायतों से जोड़ने के लिए दो करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं। ग्राम पंचायतों के परिवार रजिस्ट्रर ऑनलाइन कर 1 अप्रैल, 2018 से लोगों को परिवार रजिस्ट्रर की ऑनलाइन प्रतियां जारी की जा रही हैं। विभिन्न सॉफ्टवेयर के माध्यम से प्रदेश की ग्राम पंचायतों में योजना बनाने व लेख संधारण आदि का कार्य किया जा रहा है।
सरकार द्वारा राष्ट्रीय ग्राम स्वरोजगार अभियान के अन्तर्गत जिला सिरमौर में 5.65 करोड़ रुपये, जिला किन्नौर में 3.65 करोड़ रुपये तथा जिला ऊना में 5.50 करोड़ रुपये की लागत से जिला संसाधन केंद्र बनाए जा रहे हैं। प्रदेश के पंचायत भवनों के स्तरोन्नयन व मुरम्मत के लिए 700 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं, जिनमें से 69 पंचायत भवनों पर 5.71 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं। पंचायत घरों में लोक सेवा केंद्रों के निर्माण के लिए 27.44 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं, जिसमें से लगभग 16.45 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं। पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचन प्रतिनिधियों एवं कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए 5.38 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं, जिसमें से 2.44 करोड़ रुपये व्यय कर 5124 प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया है।
वित्त वर्ष 2021-22 की योजना के लिए केन्द्र सरकार द्वारा 164.43 करोड़ रुपये अनुमोदित किए गए हैं, जिसके अन्तर्गत पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करने, जिला पंचायत संसाधन केंद्र तथा 1924 कॉमन सर्विस केंद्रों का निर्माण किया जाएगा। ग्राम पंचायतों में सामुदायिक कंेद्रों के निर्माण, स्तरोन्नयन के लिए वित्त वर्ष 2019-20 में 252 ग्राम पंचायातों को 17.06 करोड़ रुपये, 2020-21 में 22.79 करोड़ रुपये तथा वर्ष 2021-22 में 148 ग्राम पंचायतों को 22.50 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
प्रदेश सरकार द्वारा पंचायतों के डिजिटीकरण के तहत 412 नई ग्राम पंचायतों को ई-पंचायतों से जोड़ने के लिए दो करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं। ग्राम पंचायतों के परिवार रजिस्ट्रर ऑनलाइन कर 1 अप्रैल, 2018 से लोगों को परिवार रजिस्ट्रर की ऑनलाइन प्रतियां जारी की जा रही हैं। विभिन्न सॉफ्टवेयर के माध्यम से प्रदेश की ग्राम पंचायतों में योजना बनाने व लेख संधारण आदि का कार्य किया जा रहा है।