देहरा 04 जुलाई ( विजयेन्दर शर्मा ) । जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष नरदेव कंवर ने जिला परिषद कर्मचारी और अधिकारी महासंघ की मांगों का समर्थन करते हुए सरकार से तत्काल प्रभाव से कर्मचारियों की मांगे स्वीकार करने को कहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को कर्मचारियों की मांगों के प्रति अड़ियल रवैया नहीं अपनाना चाहिये।
नरदेव कंवर देहरा में जिला परिषद कर्मचारी, अधिकारी महासंघ की ओर से चल रही अनिश्चितकालीन कलम छोड़ हड़ताल व धरने पर बैठे कर्मचारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारियों से राज्य सरकार भेदभाव कर रही है। जिससे पंचायती राज विभाग में तमाम विकासात्मक गतिविधियों ठप्प होकर रह गई हैं। उन्होंने कहा कि हड़ताली कर्मचारियों का कांग्रेस पार्टी पूरा समर्थन करेगी। चूंकि उनकी मांगे जायज हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि इन कर्मचारियों की मांगों को शीघ्र पूरा किया जाए ताकि पंचायतों में आ रहे करीब लोगों को परेशानियों का सामना ना करना पड़े
उन्होंने कहा कि जिला परिषद कर्मचारी एवं अधिकारी महासंघ मांग कर रहा है कि उनको किसी विभाग के अंतर्गत लिया जाए। क्योंकि वर्तमान में विभाग के अंतर्गत ना होने के कारण उनका मासिक वेतन देरी से मिलता है ,ना ही अन्य सुविधाएं मिल पाती हैं और अगर कल को पुरानी पेंशन बहाल होती है तो भी उनको उसका लाभ नहीं मिल पाएगा। अगर किसी कर्मचारी पंचायत सचिव नौकरी के दौरान मृत्यु हो जाती है तो उसे सरकार से मुआवजा नहीं मिल पाता।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता नरदेव कंवर ने कहा कि अगर महासंघ और जिला परिषद कर्मचारी अपने संघर्ष को उग्र करते हैं तो की उनका साथ दिया जाएगा और कंधे से कंधा मिलाकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।
बता दें, हिमाचल प्रदेश की 85 फीसदी से अधिक आबादी गांवों में बसती है । ग्रामीणों के ज्यादातर काम पंचायतों में होते हैं। लेकिन प्रदेश की पंचायतों में जिला परिषद अधिकारियों व कर्मचारियों की हड़ताल होने से छह दिन से व्यवस्थाएं चरमराई हुई हैं. जिला के लोगों को छोटे-छोटे काम के लिए पंचायत दफ्तर के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जिला परिषद कर्मचारी एवं अधिकारी महासंघ मांग कर रहा है कि उनको किसी विभाग के अंतर्गत लिया जाए। क्योंकि वर्तमान में विभाग के अंतर्गत ना होने के कारण उनका मासिक वेतन देरी से मिलता है ,ना ही अन्य सुविधाएं मिल पाती हैं और अगर कल को पुरानी पेंशन बहाल होती है तो भी उनको उसका लाभ नहीं मिल पाएगा। अगर किसी कर्मचारी पंचायत सचिव नौकरी के दौरान मृत्यु हो जाती है तो उसे सरकार से मुआवजा नहीं मिल पाता।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता नरदेव कंवर ने कहा कि अगर महासंघ और जिला परिषद कर्मचारी अपने संघर्ष को उग्र करते हैं तो की उनका साथ दिया जाएगा और कंधे से कंधा मिलाकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।
बता दें, हिमाचल प्रदेश की 85 फीसदी से अधिक आबादी गांवों में बसती है । ग्रामीणों के ज्यादातर काम पंचायतों में होते हैं। लेकिन प्रदेश की पंचायतों में जिला परिषद अधिकारियों व कर्मचारियों की हड़ताल होने से छह दिन से व्यवस्थाएं चरमराई हुई हैं. जिला के लोगों को छोटे-छोटे काम के लिए पंचायत दफ्तर के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
जिला परिषद अधिकारी व कर्मचारी उन्हें पंचायतीराज एवं ग्रामीम विकास विभाग में मर्ज करने की मांग कर रहे हैं. कर्मचारियों का कहना है कि सरकार इन्हें अपना कर्मचारी तक नहीं मानती है. पंचायतों में परिषद कर्मी तकनीकी सहायक, सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता, पंचायत सचिव, जिला परिषद कॉडर पद पर सेवाएं दे रहे हैं।
ऐसे में पेन डाउन हड़ताल से पंचायतों में परिवार रजिस्टर की नकल, मृतकों के आश्रितों को डेथ सर्टिफिकेट, शादी का पंजीकरण, जन्म पंजीकरण, वृद्धावस्था पैंशन के लिए फॉर्म भरने, मनरेगा के काम का मूल्यांकन, नए काम की क्च्त् तैयार करने समेत सभी सिविल वर्क ठप हो गए हैं।
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