सीमाओं पर सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर सैनिकों का पूरा देश सदैव ऋणी : बिक्रम ठाकुर



सीमाओं पर सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर सैनिकों का पूरा देश सदैव ऋणी : बिक्रम ठाकुर
गंगोट में सम्मानित की वीर नारियां, बलिदानों के परिजन और भूतपूर्व सैनिक

देहरा, 26 जुलाई ( विजयेन्दर शर्मा) : कारगिल विजय दिवस की 23वीं वर्षगांठ पर उद्योग एवं परिवहन मंत्री बिक्रम ठाकुर ने वीर नारियों, बलिदानी वीरों के परिजन और भूतपूर्व सैनिक को सम्मानित किया। 
जसवां परागपुर विधानसभा क्षेत्र के गंगोट में आयोजित कारगिल विजय दिवस कार्यक्रम में मातृभूमि की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर योद्धाओं को याद कर नमन किया गया। उद्योग मंत्री ने इस अवसर पर बलिदानी वीरों की तस्वीरों पर श्रद्धासुमन अर्पित किये। कार्यक्रम में वीर चक्र कैप्टन सुशील कुमार, बलिदानी वीर अमोल कालिया के परिवार सदस्य, सेवानिवृत बीएसएफ कमांडर मेहर चंद  एवं नौसेना के कमांडर राजेश्वर ने विशेष रूप से उपस्थित रहकर अपने विचार व अनुभव साझा किए। 
उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर ने कहा कि कारगिल विजय दिवस देश के लिए एक महत्वपूर्ण दिवस है। इसे उन बलिदानी वीरों की स्मृति और सम्मान में मनाया जाता है, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देते हुए अपना वर्तमान देशवासियों के भविष्य के लिए बलिदान कर दिया। यह समारोह अन्य सभी तरह के समारोहों से अलग और विशेष महत्व रखता है। इस दौरान शहीदों के सम्मान में दो मिनट का मौन रखा गया।
उद्योग मंत्री ने कहा कि कोई भी युद्ध हथियारों के बल पर नहीं लड़ा जाता है, युद्ध लड़े जाते हैं साहस, बलिदान, राष्ट्रप्रेम व कर्त्तव्य की भावना से और हमारे देश व प्रदेश में इन जज्बों से भरे युवाओं की कोई कमी नहीं है। मातृभूमि पर सर्वस्व न्योछावर करने वाले अमर बलिदानी भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं, मगर इनकी यादें हमारे दिलों में हमेशा- हमेशा के लिए बसी रहेंगी। उन्होंने कहा कि इस युद्ध में हमारे लगभग 528 से अधिक वीर योद्धा वीरगति को प्राप्त हुए थे व 1300 से ज्यादा घायल हो गए, जिनमें से अधिकांश अपने जीवन के 30 वसंत भी नही देख पाए थे।
  बिक्रम ठाकुर ने  कहा कि 25 मई से 26 जुलाई 1999 तक हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में हिमाचल के 52 रणबांकुरों ने वीरगति प्राप्त की थी। इसमें कांगड़ा जिले के सबसे अधिक 15 जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे। उन्होंने कहा कि हिमाचल देवभूमि भी है और वीरभूमि भी। कारगिल युद्ध में कुल चार परमवीर चक्र दिए गए। इनमें से दो हिमाचल प्रदेश के वीर सैनिकों के नाम रहे।उन्होंने कहा कि प्रथम परमवीर चक्र भी कांगड़ा ज़िला के मेजर सोमनाथ शर्मा को दिया गया था। 
बिक्रम ठाकुर ने कारगिल युद्ध के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सशक्त नेतृत्व का भी जिक्र किया एवं उनका आभार जताया। उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कारगिल युद्ध के समय बलिदानी सैनिकों की पूरे राजकीय सम्मान के साथ अन्तेष्टि की व्यवस्था के निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा की वहीं वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाखों भूतपूर्व सैनिकों की वन रैंक वन पेंशन की माँग पुरी की।
उन्होंने कहा कि बलिदानी वीरों, भूतपूर्व सैनिकों तथा सेवारत सैनिकों तथा स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा राष्ट्र को दी गई सेवाओं के लिए समस्त प्रदेशवासी उनके कृतज्ञ हैं। प्रदेश के स्वतंत्रता सेनानी, भूवपूर्व सैनिक तथा उनके परिजन सम्मानपूर्वक जीवनयापन कर सकें, इसके लिए प्रदेेश सरकार ने अनेेक योजनाएं चलाई हैं।
कार्यक्रम में बलिदानी वीरों के परिजन, कैप्टन संसार चंद, कैप्टन सुरेंद्र सिंह, कैप्टन विजय जसवाल, वारंट ऑफ़िसर राजेंद्र सेपहिया, ज़िला अध्यक्ष संजीव शर्मा, मंडलाध्यक्ष विनोद शर्मा, सुशील शर्मा, विरेंद्र ठाकुर, रुपिंदर डैनी, सुरेश ठाकुर सहित भारी संख्या में जसवां परागपुर विधान सभा क्षेत्र भूतपूर्व सैनिक व उनके परिवार के लोग उपस्थित रहे।
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BIJENDER SHARMA

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