पंचायतों के समग्र विकास में हो समाज की सहभागिता: डॉ. निपुण जिंदल
डीसी ने की विकास खंडों में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा
धर्मशाला,16 दिसम्बर (विजयेन्दर शर्मा) । उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल की अध्यक्षता में आज शुक्रवार को कांगड़ा जिला के समस्त विकास खंडों में चल रहे विभिन्न विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा को लेकर डीसी ऑफिस में बैठक आयोजित की गई। बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त गंधर्वा राठौड़, आईएएस प्रोबेश्नर ओम कांत ठाकुर सहित जिला के सभी खंड विकास अधिकारियों, डीआरडीए, पंचायती राज के अधिकारियों ने भाग लिया। उपायुक्त कांगड़ा ने कहा कि पंचायतों के समग्र विकास में समाज की सहभागिता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि गांवों में प्राकृतिक स्रोतों और अन्य संसाधनों के संरक्षण में समाज के सभी घटकों को जागरुक कर उनका सहयोग लेना चाहिए।
उन्होंने सभी विकास खंड अधिकारियों को ग्रामीण विकास से जुड़े कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए खंड विकास अधिकारियों की भूमिका अहम होती है। उन्होंने सभी खंड विकास अधिकारियों को विकास के तय लक्ष्यों को समय पर पूरा करने के निर्देश दिये। बैठक में मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका योजना, स्वच्छ भारत अभियान (ग्रामीण), पंचवटी पार्कों, अमृत सरोवर, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, जल संरक्षण, प्लास्टिक वेस्ट प्रबंधन, गौ सदनों के निर्माण, वाटर शैड योजना, पंचायत घरों, मिशन धनवंतरी, सामुदायिक भवनों के निर्माण तथा ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन के अन्तर्गत किये जा रहे कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की गई।
डॉ. निपुण जिंदल ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जिले में महिलाओं को स्वरोजगार अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने एवं आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य के साथ स्वयं सहायता समूहों के गठन पर बल दिया। उन्होंने ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को पंचायत स्तर पर समग्र मनरेगा पर विशेष फोक्स करने को कहा ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग लाभान्वित हो सकें।
उन्होंने पंचायतों में विकास कार्यों के लिए आवंटित धनराशि का सदुपयोग करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर निर्माण कार्यों का नियमित तौर पर निरीक्षण किया जाए तथा निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने विकास खंड अधिकारियों को दिशा निर्देश देते हुए कहा कि सभी योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा करना जरूरी है ताकि विकास कार्यों को पूर्ण करने में तेजी लाई जा सके।
इस दौरान खंड विकास अधिकारियों द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में किये जा रहे विकास कार्यों को लेकर ब्योरा दिया। उपायुक्त ने बैठक में जिला कांगड़ा में योजना व पंचायती राज विभाग से जुड़े सभी विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर कार्यों को गति देने को लेकर जरूरी दिशा-निर्देश दिये।
अमृत सरोवर की उपयोगिता हो सुनिश्चित
उपायुक्त ने कहा कि पंचायत स्तर पर प्राकृतिक संसाधनों और स्रोतों के सरंक्षण को लेकर अमृत सरोवरों का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिले में अभी तक लगभग 46 अमृत सरोवर बनकर तैयार हो गए हैं। वहीं 69 का निर्माण कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि अमृत सरोवरों के निर्माण के साथ उनकी उपयोगिता को भी सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि आमजन को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से अमृत सरोवरों की उपयोगिता रिपोर्ट सभी विकास खंड तैयार करवाएं।
जल संरक्षण में किया जाए स्थानीय विशेषज्ञता का उपयोग
डीसी ने कहा कि जल संरक्षण के लिए आधुनिक प्रयासों के अतिरिक्त पारंपरिक ज्ञान का भी उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्थानीय विशेषज्ञों की मदद से प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण और संवर्धन के लिए सुझाव लेकर उनपर भी कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण की परियोजनाओं का सदुपयोग हो इसपर भी कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि जलसंरक्षण या अन्य प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के माध्यम से स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के भी प्रयास करें। उन्होंनें कहा कि ग्राम विकास में पर्यावरण, प्रकृति और परम्परा से जुड़ी चीजों को संरक्षित करने के भी प्रयास हर स्तर पर हों।
यह रहे उपस्थित
इस अवसर पर डीआरडीए परियोजना अधिकारी सोनू गोयल, डीपीओ विजय बरागटा सहित विभिन्न अधिकारी उपस्थित रहे।
डीसी ने की विकास खंडों में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा
धर्मशाला,16 दिसम्बर (विजयेन्दर शर्मा) । उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल की अध्यक्षता में आज शुक्रवार को कांगड़ा जिला के समस्त विकास खंडों में चल रहे विभिन्न विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा को लेकर डीसी ऑफिस में बैठक आयोजित की गई। बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त गंधर्वा राठौड़, आईएएस प्रोबेश्नर ओम कांत ठाकुर सहित जिला के सभी खंड विकास अधिकारियों, डीआरडीए, पंचायती राज के अधिकारियों ने भाग लिया। उपायुक्त कांगड़ा ने कहा कि पंचायतों के समग्र विकास में समाज की सहभागिता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि गांवों में प्राकृतिक स्रोतों और अन्य संसाधनों के संरक्षण में समाज के सभी घटकों को जागरुक कर उनका सहयोग लेना चाहिए।
उन्होंने सभी विकास खंड अधिकारियों को ग्रामीण विकास से जुड़े कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए खंड विकास अधिकारियों की भूमिका अहम होती है। उन्होंने सभी खंड विकास अधिकारियों को विकास के तय लक्ष्यों को समय पर पूरा करने के निर्देश दिये। बैठक में मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका योजना, स्वच्छ भारत अभियान (ग्रामीण), पंचवटी पार्कों, अमृत सरोवर, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, जल संरक्षण, प्लास्टिक वेस्ट प्रबंधन, गौ सदनों के निर्माण, वाटर शैड योजना, पंचायत घरों, मिशन धनवंतरी, सामुदायिक भवनों के निर्माण तथा ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन के अन्तर्गत किये जा रहे कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की गई।
डॉ. निपुण जिंदल ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जिले में महिलाओं को स्वरोजगार अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने एवं आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य के साथ स्वयं सहायता समूहों के गठन पर बल दिया। उन्होंने ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को पंचायत स्तर पर समग्र मनरेगा पर विशेष फोक्स करने को कहा ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग लाभान्वित हो सकें।
उन्होंने पंचायतों में विकास कार्यों के लिए आवंटित धनराशि का सदुपयोग करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर निर्माण कार्यों का नियमित तौर पर निरीक्षण किया जाए तथा निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने विकास खंड अधिकारियों को दिशा निर्देश देते हुए कहा कि सभी योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा करना जरूरी है ताकि विकास कार्यों को पूर्ण करने में तेजी लाई जा सके।
इस दौरान खंड विकास अधिकारियों द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में किये जा रहे विकास कार्यों को लेकर ब्योरा दिया। उपायुक्त ने बैठक में जिला कांगड़ा में योजना व पंचायती राज विभाग से जुड़े सभी विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर कार्यों को गति देने को लेकर जरूरी दिशा-निर्देश दिये।
अमृत सरोवर की उपयोगिता हो सुनिश्चित
उपायुक्त ने कहा कि पंचायत स्तर पर प्राकृतिक संसाधनों और स्रोतों के सरंक्षण को लेकर अमृत सरोवरों का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिले में अभी तक लगभग 46 अमृत सरोवर बनकर तैयार हो गए हैं। वहीं 69 का निर्माण कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि अमृत सरोवरों के निर्माण के साथ उनकी उपयोगिता को भी सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि आमजन को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से अमृत सरोवरों की उपयोगिता रिपोर्ट सभी विकास खंड तैयार करवाएं।
जल संरक्षण में किया जाए स्थानीय विशेषज्ञता का उपयोग
डीसी ने कहा कि जल संरक्षण के लिए आधुनिक प्रयासों के अतिरिक्त पारंपरिक ज्ञान का भी उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्थानीय विशेषज्ञों की मदद से प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण और संवर्धन के लिए सुझाव लेकर उनपर भी कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण की परियोजनाओं का सदुपयोग हो इसपर भी कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि जलसंरक्षण या अन्य प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के माध्यम से स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के भी प्रयास करें। उन्होंनें कहा कि ग्राम विकास में पर्यावरण, प्रकृति और परम्परा से जुड़ी चीजों को संरक्षित करने के भी प्रयास हर स्तर पर हों।
यह रहे उपस्थित
इस अवसर पर डीआरडीए परियोजना अधिकारी सोनू गोयल, डीपीओ विजय बरागटा सहित विभिन्न अधिकारी उपस्थित रहे।