18 फरवरी के बाद संजय रतन स्कूलों में किसी समारोह में शिरकत नहीं करेंगे
प्राइमरी व सेकेंडरी स्कूलों के हेडमास्टर व प्रिंसिपल के साथ बैठक
ज्वालामुखी 13 फरवरी (विजयेन्द्र शर्मा) । ज्वालामुखी के विधायक संजय रतन ने आज यहां ज्वालामुखी चुनाव क्षेत्र के प्राइमरी व सेकेंडरी स्कूलों के हेडमास्टर व प्रिंसिपल के साथ बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि अब 18 फरवरी के बाद सरकारी स्कूलों में सालाना समारोह में वह खुद शिरकत नहीं करेंगे। चूंकि अब परीक्षा का समय आ गया है। लिहाजा परीक्षा काल में पढ़ाई किसी भी सूरत में बाधित नहीं होनी चाहिये।
प्राइमरी व सेकेंडरी स्कूलों के हेडमास्टर व प्रिंसिपल के साथ बैठक
ज्वालामुखी 13 फरवरी (विजयेन्द्र शर्मा) । ज्वालामुखी के विधायक संजय रतन ने आज यहां ज्वालामुखी चुनाव क्षेत्र के प्राइमरी व सेकेंडरी स्कूलों के हेडमास्टर व प्रिंसिपल के साथ बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि अब 18 फरवरी के बाद सरकारी स्कूलों में सालाना समारोह में वह खुद शिरकत नहीं करेंगे। चूंकि अब परीक्षा का समय आ गया है। लिहाजा परीक्षा काल में पढ़ाई किसी भी सूरत में बाधित नहीं होनी चाहिये।
उन्होंने कहा कि सभी शिक्षण संस्थानों में चाहे स्कूल हों या कालेज उनमें बेहतरीन शैक्षणिक माहौल स्थापित करने के लिए अध्यापकों को प्रयास करने होंगे। स्कूलों में किसी भी कीमत पर राजनीति बर्दाश्त नहीं की जायेगी। वहीं हर अध्यापक को अनुशासन में रहते हुये अपने कर्तव्य के प्रति समर्पित रहना होगा। साथ ही हमें करना होगा कि सरकारी स्कूलों के प्रति दाखिला लेने का रुझान लोगों का कम हो। प्रदेश सरकार के नीतिगत निर्णय के मुताबिक ज्वालामुखी में एक डे बोर्डिंग स्कूल खोलने का निर्णय लिया गया है। इसके लिये जगह का चयन किया जा रहा है। यह स्कूल गुम्मर या बस्दी कोहाला के पास जहां सौ कनाल जमीन मिलेगी, वहां खोला जायेगा।
संजय रतन ने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 के कारण स्कूलों के बंद रहने और ऑनलाइन शिक्षा के कारण बच्चों की शिक्षा में प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिला है । संजय रतन ने कहा कि कोविड-19 काल के चलते बच्चों की शिक्षा में जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई के लिये छात्रों, अध्यापकों और अभिभावकों को सामूहिक प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 काल के पश्चात सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि छात्रों के भविष्य को उज्जवल बनाने और संवारने के लिए अध्यापकों को और कड़ी मेहनत करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि उनका प्रयास रहेगा कि , स्कूलों में बच्चों को अच्छी शिक्षा, भव्य भवन, खेल मैदान, स्मार्ट क्लासरूम जैसी सुविधाएँ एक ही जगह प्राप्त हों। जहां जिस चीज की जिस स्कूल में जरूरत होगी, वहां उपलब्ध करवाई जायेगी। उन्होंने कहा कि आज के समय में बच्चों की प्रतिस्पर्धा न केवल सहपाठियों से है अपितु वैश्विक स्तर पर पढ़ने वाले बच्चों से है। आगे बढ़ने के लिए लक्ष्य निर्धारण करना अति आवश्यक है ताकि पूरी लगन और तन्मयता के साथ आगे बढ़ा जा सके। उन्होंने सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्य को निर्देश दिए कि सरकार द्वारा बच्चों के लिये चलाई जा रही सभी योजनाओं का लाभ छात्रों तक पहुंचाना सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर एसडीएम मनोज कुमार व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
संजय रतन ने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 के कारण स्कूलों के बंद रहने और ऑनलाइन शिक्षा के कारण बच्चों की शिक्षा में प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिला है । संजय रतन ने कहा कि कोविड-19 काल के चलते बच्चों की शिक्षा में जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई के लिये छात्रों, अध्यापकों और अभिभावकों को सामूहिक प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 काल के पश्चात सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि छात्रों के भविष्य को उज्जवल बनाने और संवारने के लिए अध्यापकों को और कड़ी मेहनत करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि उनका प्रयास रहेगा कि , स्कूलों में बच्चों को अच्छी शिक्षा, भव्य भवन, खेल मैदान, स्मार्ट क्लासरूम जैसी सुविधाएँ एक ही जगह प्राप्त हों। जहां जिस चीज की जिस स्कूल में जरूरत होगी, वहां उपलब्ध करवाई जायेगी। उन्होंने कहा कि आज के समय में बच्चों की प्रतिस्पर्धा न केवल सहपाठियों से है अपितु वैश्विक स्तर पर पढ़ने वाले बच्चों से है। आगे बढ़ने के लिए लक्ष्य निर्धारण करना अति आवश्यक है ताकि पूरी लगन और तन्मयता के साथ आगे बढ़ा जा सके। उन्होंने सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्य को निर्देश दिए कि सरकार द्वारा बच्चों के लिये चलाई जा रही सभी योजनाओं का लाभ छात्रों तक पहुंचाना सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर एसडीएम मनोज कुमार व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।