दलाई लामा के साथ हवेल की दोस्ती बरकरार : चेक विदेश मंत्री

दलाई लामा के साथ हवेल की दोस्ती बरकरार : चेक विदेश मंत्री
धर्मशाला , 28 फरवरी (विजयेन्द्र शर्मा)  ।  तिब्बत की निर्वासित सरकार को आज चेक गणराज्य को उस समय समर्थन मिला, भारत दौरे पर आये चेक विदेश मंत्री ने दलाई लामा के प्रतिनिधियों के साथ नई दिल्ली में मुलाकात की। नई दिल्ली में केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) के प्रतिनिधि से मुलाकात के दौरान मंगलवार को चेक के विदेश मंत्री जान लिपावस्की ने कहा कि तिब्बती आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा के साथ वाक्लाव हवेल की दोस्ती की भावना बरकरार है। चल रही जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक के मौके पर, लिपवस्की ने सीटीए के सूचना और अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग के मंत्री नोरजि़न डोलमा से मुलाकात की।

तिब्बती प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद चेक विदेश मंत्री ने ट्वीट किया, मेरी भारत यात्रा के दौरान निर्वासन में रह रहे तिब्बतियों के प्रतिनिधियों के साथ फिर से मिलना खुशी की बात है। वक्लाव हवेल और परम पावन दलाई लामा के बीच दोस्ती की भावना कायम है।

नई दिल्ली में परम पावन दलाई लामा के ब्यूरो में प्रतिनिधि लोबसंग शास्त्री ने कहा कि बैठक ने तिब्बत और तिब्बती लोगों के लिए चेक गणराज्य के निरंतर समर्थन को मजबूत किया। 18 दिसंबर, 2011 को 75 वर्ष की आयु में वैक्लेव हवेल का निधन हो गया। चेकोस्लोवाकिया के अंतिम राष्ट्रपति और चेक गणराज्य के पहले राष्ट्रपति, हवेल नाटककार-सह-राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने मखमली क्रांति का नेतृत्व किया जिसने पूर्वी यूरोपीय राष्ट्र में कम्युनिस्ट शासन को समाप्त कर दिया।

उनके निधन के ठीक एक सप्ताह पहले, हवेल प्राग में परम पावन से मिले। दलाई लामा ने शानदार ढंग से अपने मित्र का वर्णन किया। हवेल की मृत्यु की खबर सुनकर दलाई लामा ने अपने कार्यालय से एक पत्र में कहा था दुनिया ने एक महान राजनेता को खो दिया है जिनके ²ढ़ और ²ढ़ निश्चय ने तत्कालीन चेकोस्लोवाकिया में स्वतंत्रता और लोकतंत्र लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह निडर और साहसी नेता थे।

दलाई लामा 1959 से भारत में रह रहे हैं। निर्वासन में तिब्बती प्रशासन हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी शहर धर्मशाला में स्थित है
BIJENDER SHARMA

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