पालमपुर (विजयेन्द्र शर्मा) । हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा आम आदमी पार्टी ने केंद्र की भाजपा सरकार की नाक के नीचे राजधानी दिल्ली में भाजपा को बुरी तरह से हरा कर सरकार बनाई। पांच साल काम किया, दोबारा फिर सरकार बनाई। 11 साल पहले भ्र्ष्टाचार विरोधी आन्दोलन से जन्मी पार्टी की यह बहुत बड़ी उपलब्धि थी। मनीष सिसोदिया साफ सुथरी छवि वाले शानदार काम करने वाले उप मुख्यमंत्री के रूप में प्रसिद्ध हुए परन्तु आज वही जेल में बंद है।
उन्होंने कहा दोनों ओर से आरोप प्रत्यारोप लग रहे है। यह सोचना भी बहुत कठिन है कि बिना किसी अपराध के सी.बी.आई. ने श्री सिसोदिया को जेल में डाला। श्री सिसोदिया ने शिक्षा क्षेत्र में सराहनीय काम किया। बहुत अच्छी छवि बनाई। इसके बाद भी वे भ्र्ष्टाचार के मामले में जेल में है तो आज की परिस्थिति का निश्कर्श यही निकलता है कि भ्र्ष्टाचार की जड़े इतनी गहरी हो गई है कि सदाचार के स्टेशन से चलने वाली हर गाड़ी अब भ्र्ष्टाचार के स्टेशन पर पहुंच रही है।
शांता कुमार ने कहा एक और तथ्य भी गहरा विचारनीय है कि श्री सिसोदिया के घर की पूरी तलाशी हुई। उनके बैंक लाॅकर सब खंगाले गये परन्तु सी.बी.आई. को कहीं कुछ नही मिला। कुल मिला कर उन पर आरोप यही है कि ऐसी शराब की नीति बनाई जिससे व्यापारियों को लाभ हुआ। इस में एक निष्कर्ष यह भी निकलता है कि श्री ससोदिया व्यक्तिगत रूप से पूरी तरह ईमानदार है परन्तु पार्टी और चुनाव के लिए धन इक्टठा करने के लिए यह सब कुछ किया होगा। मेरे विचार से यही सच है और यदि यह सच है तो देश को बड़ी गम्भीरता से कुछ नये निर्णय करने होंगे।
उन्होंने कहा 75 साल की आजादी के बाद आज भारत वहां पहुंचा है जहां हमारा लोकतंत्र काले धन और झूठ से शुरू होता हैं चुनाव पर खर्च होने वाले करोड़ों अरबों रू0 केवल काला धन होता है। पार्टियां बड़े बड़े व्यापारियों से धन लेती है। वे व्यापारी दान नही देते। सरकार की मदद से भ्र्ष्टाचार द्वारा अपना पैसा पूरा करते है। भारत का लोकतंत्र इस प्रकार काले धन से शुरू होता है और चुनाव जीतने के बाद सभी प्रतिनिधि चुनाव आयोग के पास चुनाव मे खर्च होने का झूठा हिसाब पेश करते है। जिस देश का लोकतंत्र काले धन और झूठ से शुरू होता है उस देश में सब अच्छा कैसे हो सकता है।
शांता कुमार ने कहा एक और तथ्य भी गहरा विचारनीय है कि श्री सिसोदिया के घर की पूरी तलाशी हुई। उनके बैंक लाॅकर सब खंगाले गये परन्तु सी.बी.आई. को कहीं कुछ नही मिला। कुल मिला कर उन पर आरोप यही है कि ऐसी शराब की नीति बनाई जिससे व्यापारियों को लाभ हुआ। इस में एक निष्कर्ष यह भी निकलता है कि श्री ससोदिया व्यक्तिगत रूप से पूरी तरह ईमानदार है परन्तु पार्टी और चुनाव के लिए धन इक्टठा करने के लिए यह सब कुछ किया होगा। मेरे विचार से यही सच है और यदि यह सच है तो देश को बड़ी गम्भीरता से कुछ नये निर्णय करने होंगे।
उन्होंने कहा 75 साल की आजादी के बाद आज भारत वहां पहुंचा है जहां हमारा लोकतंत्र काले धन और झूठ से शुरू होता हैं चुनाव पर खर्च होने वाले करोड़ों अरबों रू0 केवल काला धन होता है। पार्टियां बड़े बड़े व्यापारियों से धन लेती है। वे व्यापारी दान नही देते। सरकार की मदद से भ्र्ष्टाचार द्वारा अपना पैसा पूरा करते है। भारत का लोकतंत्र इस प्रकार काले धन से शुरू होता है और चुनाव जीतने के बाद सभी प्रतिनिधि चुनाव आयोग के पास चुनाव मे खर्च होने का झूठा हिसाब पेश करते है। जिस देश का लोकतंत्र काले धन और झूठ से शुरू होता है उस देश में सब अच्छा कैसे हो सकता है।