रक्षाबंधन के अवसर पर संजय पराशर ने महिला सशक्तीकरण को लेकर बड़ी पहल
-पराशर द्वारा सफल मार्केटिंग के बाद अधे दी हट्टी में आयुर्वेद उत्पादों को खरीदने के लिए लगी होड़
धर्मशाला, 29 अगस्त ( विजयेन्दर शर्मा) । गत माह जिला मुख्यालय धर्मशाला में मिशन धनवंतरी के तहत आयुर्वेदिक उत्पादों को प्रमोट करने के लिए कैप्टन संजय पराशर ने जो प्रशासन व महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों से वादा किया था, वो मंगलवार को विकास खंड देहरा के अधे दी हट्टी में धरातल पर आकार लेता दिखा। सही मायनों में रक्षाबंधन के अवसर पर कैप्टन पराशर की महिला सशक्तीकरण को लेकर यह एक बड़ी और सार्थक पहल है। संजय ने महिलाओं सेल्फ हेल्प ग्रुप के आयुर्वेद उत्पादों की सफल मार्केटिंग की और कम समय में इन उत्पादों को खरीदने के लिए कई व्यवसायी सामने आ गए हैं। यह भी इत्तफाक रहा कि महिलाओं द्वारा बेचने के लिए लाए गए आर्गेनिक साबुन के उत्पाद कम पड़ गए और कुछ व्यवसायियों को कम सामान खरीद कर ही संतोष करना पड़ा। साबुन के इन उत्पादों में तुलसी सोप, लाल चंदन सोप, हल्दी सोप, नीम, पलाश और केसर सोप प्रमुख रूप से शामिल रहे। वहीं, संजय पराशर ने दोहराया है कि मिशन धनवंतरी प्रोजेक्ट ग्रामीण महिलाओं के सशक्तीकरण का माध्यम बनने जा रहा है और इससे समाज में क्रांति आना भी निश्चित है।
-पराशर द्वारा सफल मार्केटिंग के बाद अधे दी हट्टी में आयुर्वेद उत्पादों को खरीदने के लिए लगी होड़
धर्मशाला, 29 अगस्त ( विजयेन्दर शर्मा) । गत माह जिला मुख्यालय धर्मशाला में मिशन धनवंतरी के तहत आयुर्वेदिक उत्पादों को प्रमोट करने के लिए कैप्टन संजय पराशर ने जो प्रशासन व महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों से वादा किया था, वो मंगलवार को विकास खंड देहरा के अधे दी हट्टी में धरातल पर आकार लेता दिखा। सही मायनों में रक्षाबंधन के अवसर पर कैप्टन पराशर की महिला सशक्तीकरण को लेकर यह एक बड़ी और सार्थक पहल है। संजय ने महिलाओं सेल्फ हेल्प ग्रुप के आयुर्वेद उत्पादों की सफल मार्केटिंग की और कम समय में इन उत्पादों को खरीदने के लिए कई व्यवसायी सामने आ गए हैं। यह भी इत्तफाक रहा कि महिलाओं द्वारा बेचने के लिए लाए गए आर्गेनिक साबुन के उत्पाद कम पड़ गए और कुछ व्यवसायियों को कम सामान खरीद कर ही संतोष करना पड़ा। साबुन के इन उत्पादों में तुलसी सोप, लाल चंदन सोप, हल्दी सोप, नीम, पलाश और केसर सोप प्रमुख रूप से शामिल रहे। वहीं, संजय पराशर ने दोहराया है कि मिशन धनवंतरी प्रोजेक्ट ग्रामीण महिलाओं के सशक्तीकरण का माध्यम बनने जा रहा है और इससे समाज में क्रांति आना भी निश्चित है।
आयुर्वेद साबुन की खरीद करने वाले संदीप कुमार ने कहा कि संजय पराशर की प्ररेणा व मार्गदर्शन से वह इन उत्पादों को लेने के लिए यहां पहुंचे थे। बताया कि उन्हें संजय पराशर ने इन उत्पादों से अवगत करवाया और स्वयं इसका प्रयोग करने को कहा। संदीप ने बताया कि सभी आयुर्वेद उत्पाद बेहतरीन हैं और यह तय है कि बजार में इन उत्पादों की मांग बढ़ेगी। बीडीसी सदस्य अनुज शर्मा ने भी आयुर्वेद साबुन के उत्पाद खरीदने के बाद कहा कि वह और संजय पराशर वह कुछ वर्ष पहले धनवंतरी मिशन से जुड़े थे और उन्होंने चमेटी सहित जसवां-प्रागुपर क्षेत्र में इस संदर्भ में आयोजित शिविरों में भाग लिया। शर्मा ने कहा कि कैप्टन संजय ने कोरोनाकाल में चमेटी गांव के महिलाओं के सेल्फ हेल्प ग्रुप का काढ़ा, तुलसी अर्क व अन्य आयुर्वेद उत्पाद अपनी जेब से खरीद कर संक्रमित मरीजों में बांटे थे और पराशर ने इसी ग्रुप का सामान गुजरात तक पहुंचाया था। कहा कि पराशर के इस मिशन में उनके साथ हैं और महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों को निरंतर प्रमोट करते रहेंगे। वहीं, विश्व पूजिता ग्राम संगठन गांव, चमेटी की रजनी व अंजू बाला, जागृति ग्राम संगठन गांव द्रकाटा रंजना देवी व सरला देवी, जय मां वैष्णो देवी संगठन, गांव त्रिपल से शारदा देवी, अखंड ज्योति ग्राम संगठन, टिहरी से सरिता धीमान, नई किरण संगठन, झकलेहड़ से मोनिका देवी और हरिओम एसएचजी, गांव गुगाना से मधु बाला, सुदर्शना कुमारी व सुलोचना देवी ने पराशर द्वारा की गई इस अनूठी पहल और सामान खरदने वाले व्यवसायियों का आभार जताते हुए कहा कि संजय पराशर समाज के हर वर्ग का सहयोग करते हैं और इस क्षेत्र की महिलाओं को उन्हें रक्षाबंधन जैसे पर्व की पूर्व संध्या पर बड़ा तोहफा दिया है।
पराशर ने कहा कि नारी सशक्तीकरण उनके विजन में विशेष रूप से शामिल है। अच्छा लगा कि जो प्रशासन के साथ बैठक में रणनीति बनी थी, उसके सार्थक परिणाम सामने आने लगे हैं। संजय ने कहा कि इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जाएंगे क्योंकि अपनी बहनों को आर्थिक रूप से सक्षम होते हुए देखना उनका सपना और लक्ष्य भी है।