नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी प्रधानमंत्री की गारंटी थी, जो पूरी हो रही है: जयराम ठाकुर
हर आदमी को राहत, विकास को गति नरेंद्र मोदी का लक्ष्य
एक राष्ट्र एक निशान और एक विधान के साथ एक राष्ट्र और एक कर हमारी एकता का प्रतीक
सत्ता में आने के बाद से ही आर्थिक सुधारो को नया आयाम दे रहे हैं प्रधानमंत्री
शिमला: शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता में जयराम ठाकुर ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। इस उपलब्धि के पीछे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन है। जिसके कारण विपरीत वैश्विक परिस्थितियों के बाद भी भारत की आर्थिक प्रगति नित नई ऊंचाइयां छू रही है। देशवासियों को राहत देने के लिए भी प्रधानमंत्री लगातार प्रभावी कदम उठा रहे हैं। नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी भी देशवासियों को राहत देने का वही ऐतिहासिक कदम है। 3 सितंबर को जीएसटी काउंसिल के 56 वीं बैठक में जीएसटी के चार स्लैब में से दो स्लैब खत्म कर दिए गए। 28% की जीएसटी के अंतर्गत आने वाले 90% उत्पादन को 18 परसेंट की जीएसटी मेंलाया गया। जबकि 12% के जीएसटी ब्रैकेट में आने वाले 99% उत्पादों को 5% के दायरे में लाया गया। कैंसर थैलेसीमिया और अन्य जानलेवा बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाले 31 महत्वपूर्ण दवाइयां को जीएसटी के दायरे से बाहर किया गया। ऐसा फैसला देश के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ। जयराम ठाकुर ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने ही हमारे नेताओं के "एक राष्ट्र– एक निशान– एक विधान" के सपने को अनुच्छेद 370 हटाकर पूरा किया तो जीएसटी लगाकर एक राष्ट्र और एक कर का लक्ष्य हासिल किया। सेवाओं और सुविधाओं के साथ-साथ करों में एकरूपता लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी द्वारा देखे भारत के एकीकरण के सपनों को भी सरकार करता है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि दूध पनीर रोटी जैसी अनिवार्य चीजों को जीएसटी के दायरे से पूरी तरीके से बाहर रखा गया है। सिर्फ जो उत्पाद लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है उन्हीं उत्पादों को 40% जीएसटी के दायरे में रखा गया है। इन उत्पादों में गुटका, पान मसाला, बीड़ी, सिगरेट और हायली कार्बोनेटेड बेवरेज जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक नहीं है उन्हें ही उच्च जीएसटी के ब्रैकेट में रखा गया है। के अलावा रोजाना इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं को 5% की जीएसटी के दायरे में रखा गयाहै। लोगों को घर बनाने के असुविधा न हो इसलिए सीमेंट को 28% के जीएसटी से हटाकर 18% के दायरे में रखा गया है। आम देशवासियों को राहत देने के लिए इतना महत्वपूर्ण फैसला पहले कभी नहीं हुआ। जीएसटी में राहत देने का वादा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीन से किया था। यह वादा प्रधानमंत्री द्वारा किया गया था इसलिए इसके पूरे होने की पूरी गारंटी थी। उन्होंने देशवासियों की तरफ से प्रधानमंत्री और केंद्रीय वित्त मंत्री का आभार भी जताया।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि देश में आर्थिक सुधारों की पहल नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभालते ही कर दी थी। पूरे देश को बैंकिंग से जोड़ने के लिए जन धन योजना चला कर 55 करोड़ से ज्यादा खाते खुलवाए। वित्तीय समावेशन का दुनिया में इससे बेहतरीन उदाहरण कहीं नहीं मिलता। मेक इन इंडिया को मिशन मोड में संचालित किया। काले धन पर रोक लगाने के लिए नोटबंदी की। एक राष्ट्र एक कर लागू करने के लिए 2017 में जीएसटी लागू किया। डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन लिमिटेड स्थापना की जिससे यूपीआई का मार्ग प्रशस्त हो सका। आज यूपीआई से होने वाला ट्रांजैक्शन देश की जीडीपी के बराबर है। पिछले अगस्त महीने में 20.8 लाख करोड रुपए का ट्रांजैक्शन यूपीआई के माध्यम से किया गया। विपरीत परिस्थितियों में प्रधानमंत्री ने देश की बागडोर संभाली थी लेकिन उन्होंने देश की आर्थिकी को नई ऊंचाई देने के लिए एक से बढ़कर एक काम किया। दहाई के आंकड़े में मिली महंगाई की विरासत, रेंगती आर्थिक विकास गति को नई ऊंचाई तक ले जाना पहलेचु नौती थी। जिससे प्रधानमंत्री ने पार पाया और आज देश की आर्थिक विकास गति 8 से 10 परसेंट के बीच है और महंगाई तीन से चार परसेंट से कम। नरेंद्र मोदी द्वारा उठाए गए बड़े और कड़े कदमों ने यह सिद्ध किया की अच्छी नीयत के साथ हार्ड वर्क करने पर अपेक्षित सफलता हासिल की जा सकती है।
हर आदमी को राहत, विकास को गति नरेंद्र मोदी का लक्ष्य
एक राष्ट्र एक निशान और एक विधान के साथ एक राष्ट्र और एक कर हमारी एकता का प्रतीक
सत्ता में आने के बाद से ही आर्थिक सुधारो को नया आयाम दे रहे हैं प्रधानमंत्री
शिमला: शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता में जयराम ठाकुर ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। इस उपलब्धि के पीछे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन है। जिसके कारण विपरीत वैश्विक परिस्थितियों के बाद भी भारत की आर्थिक प्रगति नित नई ऊंचाइयां छू रही है। देशवासियों को राहत देने के लिए भी प्रधानमंत्री लगातार प्रभावी कदम उठा रहे हैं। नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी भी देशवासियों को राहत देने का वही ऐतिहासिक कदम है। 3 सितंबर को जीएसटी काउंसिल के 56 वीं बैठक में जीएसटी के चार स्लैब में से दो स्लैब खत्म कर दिए गए। 28% की जीएसटी के अंतर्गत आने वाले 90% उत्पादन को 18 परसेंट की जीएसटी मेंलाया गया। जबकि 12% के जीएसटी ब्रैकेट में आने वाले 99% उत्पादों को 5% के दायरे में लाया गया। कैंसर थैलेसीमिया और अन्य जानलेवा बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाले 31 महत्वपूर्ण दवाइयां को जीएसटी के दायरे से बाहर किया गया। ऐसा फैसला देश के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ। जयराम ठाकुर ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने ही हमारे नेताओं के "एक राष्ट्र– एक निशान– एक विधान" के सपने को अनुच्छेद 370 हटाकर पूरा किया तो जीएसटी लगाकर एक राष्ट्र और एक कर का लक्ष्य हासिल किया। सेवाओं और सुविधाओं के साथ-साथ करों में एकरूपता लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी द्वारा देखे भारत के एकीकरण के सपनों को भी सरकार करता है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि दूध पनीर रोटी जैसी अनिवार्य चीजों को जीएसटी के दायरे से पूरी तरीके से बाहर रखा गया है। सिर्फ जो उत्पाद लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है उन्हीं उत्पादों को 40% जीएसटी के दायरे में रखा गया है। इन उत्पादों में गुटका, पान मसाला, बीड़ी, सिगरेट और हायली कार्बोनेटेड बेवरेज जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक नहीं है उन्हें ही उच्च जीएसटी के ब्रैकेट में रखा गया है। के अलावा रोजाना इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं को 5% की जीएसटी के दायरे में रखा गयाहै। लोगों को घर बनाने के असुविधा न हो इसलिए सीमेंट को 28% के जीएसटी से हटाकर 18% के दायरे में रखा गया है। आम देशवासियों को राहत देने के लिए इतना महत्वपूर्ण फैसला पहले कभी नहीं हुआ। जीएसटी में राहत देने का वादा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीन से किया था। यह वादा प्रधानमंत्री द्वारा किया गया था इसलिए इसके पूरे होने की पूरी गारंटी थी। उन्होंने देशवासियों की तरफ से प्रधानमंत्री और केंद्रीय वित्त मंत्री का आभार भी जताया।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि देश में आर्थिक सुधारों की पहल नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभालते ही कर दी थी। पूरे देश को बैंकिंग से जोड़ने के लिए जन धन योजना चला कर 55 करोड़ से ज्यादा खाते खुलवाए। वित्तीय समावेशन का दुनिया में इससे बेहतरीन उदाहरण कहीं नहीं मिलता। मेक इन इंडिया को मिशन मोड में संचालित किया। काले धन पर रोक लगाने के लिए नोटबंदी की। एक राष्ट्र एक कर लागू करने के लिए 2017 में जीएसटी लागू किया। डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन लिमिटेड स्थापना की जिससे यूपीआई का मार्ग प्रशस्त हो सका। आज यूपीआई से होने वाला ट्रांजैक्शन देश की जीडीपी के बराबर है। पिछले अगस्त महीने में 20.8 लाख करोड रुपए का ट्रांजैक्शन यूपीआई के माध्यम से किया गया। विपरीत परिस्थितियों में प्रधानमंत्री ने देश की बागडोर संभाली थी लेकिन उन्होंने देश की आर्थिकी को नई ऊंचाई देने के लिए एक से बढ़कर एक काम किया। दहाई के आंकड़े में मिली महंगाई की विरासत, रेंगती आर्थिक विकास गति को नई ऊंचाई तक ले जाना पहलेचु नौती थी। जिससे प्रधानमंत्री ने पार पाया और आज देश की आर्थिक विकास गति 8 से 10 परसेंट के बीच है और महंगाई तीन से चार परसेंट से कम। नरेंद्र मोदी द्वारा उठाए गए बड़े और कड़े कदमों ने यह सिद्ध किया की अच्छी नीयत के साथ हार्ड वर्क करने पर अपेक्षित सफलता हासिल की जा सकती है।
Bijender Sharma*, Press Correspondent Bohan Dehra Road JAWALAMUKHI-176031, Kangra HP(INDIA)*
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