बिजेंदर शर्मा काँगड़ा ---
उनका आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने भी निजी लैब के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करने के लिए लिखित में आग्रह किया था,लेकिन पुलिस ने अभी इस मामले में कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई है। जबकि चिकित्सा अधिकारी की जांच में पाया गया था कि टांडा मेडिकल कालेज के बाहर संचालित निजी लैबोरटियों में बिना औपचारिकताएं पूर्ण किए 353 लोगों के रूप से एचआईवी टेस्ट किए गए हैं, जबकि निजी लैब संचालक इन टेस्टों को करने के लिए अधिकृत ही नहीं थे। इसके बावजूद न तो टांडा मेडिकल कालेज प्रशासन ने निजी लैब प्रबंधकों के खिलाफ कोई कार्रवाई की और न ही पुलिस ने। डीएसपी दिनेश शर्मा ने बताया कि पुलिस ने माया देवी और सतीश कुमार की शिकायत पर मामला दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है।
डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज टांडा में निजी प्रयोगशाला की गलत एचआईवी रिपोर्ट से नवजात शिशु की मौत और गलत रिपोर्ट से सामाजिक बहिष्कार झेल रहे प्रभावित परिवार ने निजी प्रयोगशाला प्रबंधक और ड्यूटी पर तैनात डाक्टरों के खिलाफ कांगड़ा थाना में शिकायत दर्ज करवाई है।पीडि़त महिला के पति सतीश कुमार और उसकी सास माया देवी ने कांगड़ा पुलिस थाना में दर्ज शिकायत में आरोप लगाया कि निजी प्रयोगशाला द्वारा सतीश की पत्नी की एचआईवी की गलत रिपोर्ट देने से क्षेत्र के लोगों ने उनका सामाजिक बहिष्कार करना शुरू कर दिया है, जिसका दंश झेलने से वे स्वयं को मानसिक रूप से प्रताडि़त महसूस कर रहे हैं। माया देवी ने पुलिस में दर्ज शिकायत में बताया उसकी बेटी जिसकी सगाई आठ महीने पहले साथ लगते गांव में ही हुई थी और शादी भी आठ फरवरी को निर्धारित थी। बहू की एचआईवी की गलत रिपोर्ट आने के बाद उसकी बेटी की सगाई भी टूट गई है। लड़के वालों ने यह कहकर की आपके सारे परिवार को एड्स है, हम यहां शादी नहीं करेंगे, कहकर रिश्ता तोड़ दिया। गांव में उनके परिवार को लोग शक की निगाह से देख रहे हैं। माया देवी ने शिकायत में एचआईवी की गलत रिपोर्ट के बाद टीएमसी में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों पर बहू से अभद्र व्यवहार करने का आरोप भी जड़ा है। एचआईवी की गलत रिपोर्ट के चलते उसकी बहू भी मानसिक तौर पर परेशान है। उन्होंने आरोप लगाया कि निजी प्रयोगशाला का प्रबंधक और कुछ डाक्टर इस मामले को दबाने के लिए उन पर दबाव व जान से मारने की धमकियां दे रहे हैं। पीडि़त महिला के पति सतीश और सास माया देवी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल और महिला आयोग की अध्यक्ष अंबिका सूद को भी पत्र लिखकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने व न्याय की मांग की है ताकि भविष्य में किसी के साथ ऐसी अनहोनी न हो।
उनका आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने भी निजी लैब के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करने के लिए लिखित में आग्रह किया था,लेकिन पुलिस ने अभी इस मामले में कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई है। जबकि चिकित्सा अधिकारी की जांच में पाया गया था कि टांडा मेडिकल कालेज के बाहर संचालित निजी लैबोरटियों में बिना औपचारिकताएं पूर्ण किए 353 लोगों के रूप से एचआईवी टेस्ट किए गए हैं, जबकि निजी लैब संचालक इन टेस्टों को करने के लिए अधिकृत ही नहीं थे। इसके बावजूद न तो टांडा मेडिकल कालेज प्रशासन ने निजी लैब प्रबंधकों के खिलाफ कोई कार्रवाई की और न ही पुलिस ने। डीएसपी दिनेश शर्मा ने बताया कि पुलिस ने माया देवी और सतीश कुमार की शिकायत पर मामला दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है।