मंडी मध्यस्थता योजना के कार्यान्वयन को भी जारी रखा

शिमला ---आठ किलोमीटर तक का सफर तय कर प्रतिदिन शिक्षण संस्थानों में पहुंचने वाले विद्यार्थियों को अब मुफ्तपरिवहन सुविधा मिलेगी।
वहीं मंडी मध्यस्थता योजना के कार्यान्वयन को भी जारी रखा जाएगा। इस योजना में नींबू प्रजाति के फलों किन्नू, माल्टा व संतरे के प्रापण और बी एवं सी श्रेणी के नींबू प्रजाति के फलों को क्रमवार 5.85 रुपये प्रति किलो व 5.25 रुपये प्रति किलो और गलगल को चार रुपये 15 पैसे प्रति किलो की दर से प्रापण किया जाएगा। हालांकि इसमें कोई भी बढ़ोतरी नहीं की गई है। यह प्रापण पहली दिसंबर से 15 फरवरी की अवधि में किया जाएगा ताकि बागवानों को उनके उत्पाद का लाभदायक मूल्य मिल सके और उन्हें बिचौलियों के हाथों शोषित न होना पड़े। यह निर्णय वीरवार को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए। मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने बैठक की अध्यक्षता की।

बैठक में लिए निर्णयों की जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राजकीय माध्यमिक व उच्च पाठशालाओं को स्तरोन्नत करने के संबंध में नए मापदंड अपनाने पर भी अपनी मुहर लगा दी। माध्यमिक पाठशाला को उच्च पाठशाला में स्तरोन्नत करने के लिए माध्यमिक पाठशाला में कम से कम 25 विद्यार्थी पंजीकृत होने जरूरी हैं और समीप की उच्च पाठशाला से इसकी पैदल दूरी कम से कम तीन किमी होनी चाहिए। उच्च पाठशाला से वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में स्तरोन्नत होने के लिए उच्च पाठशाला में 10वीं स्तर पर कम से कम 40 विद्यार्थियों का पंजीकरण आवश्यक है। वहीं समीप की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला से पांच किमी की न्यूनतम दूरी होनी चाहिए।

प्रवक्ता ने बताया कि मंडी मध्यस्थता योजना के तहत एचपीएमसी, हिमफैड व प्रदेश कृषि उद्योग निगम 53 एकत्रिकरण केंद्रों के माध्यम से फलों के प्रापण के लिए अधिकृत होंगे। मंत्रिमंडल ने 297 पंचायत सहायकों को पुन: पंचायत सचिव पदनामित करने को स्वीकृति प्रदान की है। इसी तरह 31 मार्च 2010 को आठ वर्ष का तयशुदा कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा करने वाले पंचायत सहायकों को भी पुन: पदनामित किया जाएगा। इन्हें प्रतिमाह 7810 रुपये अनुबंध राशि के रूप में मिलेंगे।

मंत्रिमंडल ने नगरपालिका क्षेत्रों में योजना स्वीकृति प्रक्रिया में एकरूपता लाने व भवन, नक्शों की प्रक्रिया के नियमतिकरण को भी मंजूरी दी है। नगर निगम शिमला के कोर, प्रतिबंधित व हैरिटेज क्षेत्र में भवन योजना पर विचार करने के लिए एकल समितियों की बजाय एकल छत्र समिति का गठन किया जाएगा, लेकिन हैरिटेज क्षेत्र के मामले में एकल छत्र समिति केवल उन्हीं नक्शों को स्वीकृत करेगी जिन्हें हैरिटेश परामर्शदाता समिति द्वारा अनुशसित किया जाएगा। यह समिति नक्शों को स्वीकृति देने के लिए माह में कम से कम एक बार बैठक करेगी, जबकि प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में नक्शा स्वीकृति प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से सूचीबद्ध पंजीकृत वास्तुकारों को पदानामित प्राधिकरण घोषित किया जाएगा। यह सूचीबद्ध पंजीकृत वास्तुकार भवन योजना/नक्शे को नियमों एवं बायलाज के अनुसार स्वीकृति प्रदान करेंगे। हालांकि विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) को यह अधिकार होगा कि वह पंजीकृत वास्तुकार द्वारा प्रस्तुत योजना को विश्वसनीयता के लिए जाच सके। वास्तुकारों द्वारा कानून की अवहेलना पर उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

यह भी निर्णय लिया गया कि जिन मकान मालिकों ने अपने भवन अनिवार्य योजना स्वीकृति के बिना बनाए हैं लेकिन उन्होंने योजना नियमों का पालन किया है, को सामान्य योजना स्वीकृति शुल्क के दस गुणा के बराबर राशि का भुगतान करने पर भवन योजना प्रस्तुत करने की अनुमति दी जाएगी।

मंत्रिमंडल ने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को सुगम केंद्र चलाने के लिए कागड़ा मंडल में मैसर्स जूम डेवलेपर्स, शिमला व मंडी मंडल में मैसर्स टेरा सॉफ्ट व जीएनजी के साथ अनुपूरक समझौता करने के लिए अधिकृत किया, ताकि इनके माध्यम से लोगों को विभिन्न सुविधाएं प्रदान की जा सकें।

इसी प्रकार मंडी जिले के पंजाई व हमीरपुर के चकमोह में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने और सोलन जिले के दाड़लाघाट, मंडी जिले के मंडप, कुल्लू के सैंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को स्तरोन्नत कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाने को स्वीकृति दी। शिमला के मशोबरा विकास खंड के स्वास्थ्य उपकेंद्र शराड़ा और कुल्लू के पलचान को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा देने, मेडिकल व पैरामेडिकल के पद युक्तिकरण से भरने तथा सरकार द्वारा बनाए सरप्लस पूल से सेवादारों के पद भरने का निर्णय भी मंत्रिमंडल ने लिया।

बैठक में ने शिमला में योजना स्वीकृतियो के लिए विनियमन और भूमि उपयोग में बदलाव को मंजूरी दी है। प्लॉट का आकार 250 वर्ग मीटर से 200 वर्ग मीटर करने व फ्रंट और सैट बैक को तीन मीटर से दो मीटर करने का निर्णय भी लिया। बिलासपुर में बस्सी मंडल के तहत सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के तरसूह उपमंडल को कर्मचारियों सहित जुखाला स्थानातरित करने को स्वीकृति दी गई। यह उपमंडल पहले चंगर मध्यम सिंचाई योजना के तहत संचालित हो रहा था। इसका नाम अब आईपीएच उपमंडल जुखाला होगा। बाबा बालक नाथ मंदिर न्यास को 99 वर्ष के लिए एक रुपया प्रतिमाह के टोकन लीज शुल्क के आधार पर 80.53 हेक्टेयर सरकारी भूमि पट्टे पर देने को भी मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने हिप्र मूल्य संव‌िर्द्धत कर (संशोधन) विधेयक, 2010 व हिप्र स्थानीय क्षेत्र माल प्रवेश कर अधिनियम 2010 में दूसरे संशोधन को व सिरमौर जिले के हरिपुरधार में ट्रैकर्स छात्रावास को प्रारंभिक तौर पर तीन वर्ष की अवधि के लिए लीज पर देने की स्वीकृति दी। हिप्र स्वायत्तता (संशोधन) विधेयक, 2010 के प्रारूप और विभिन्न नगर पालिकाओं में अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के पदों के लिए सीधे चुनाव के आवश्यक प्रावधान करने के लिए प्रदेश नगरपालिका अधिनियम, 2010 में संशोधन करने व इसे शीतकालीन सत्र के दौरान प्रदेश विधानसभा के समक्ष रखने, हिप्र पंचायती राज अधिनियम, 2010 में दूसरे संशोधन व हिप्र विवि अधिनियम की धारा 35-ए में संशोधन व राजीव गाधी राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज पपरोला में प्रधानाचार्य के नए भर्ती एवं पदोन्नति नियमों को भी मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान की है।


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