हिमाचल प्रदेश में पूर्ण राज्यत्व दिवस धूमधाम से मनाया गयामुख्यमंत्री द्वारा कर्मचारियों और पैंशनरों को 10 प्रतिशत मंहगाई भत्ता देने की घोषणा
हिमाचल प्रदेश ने पूर्ण राज्यत्व के चार दशक पूरे कर पांचवें दशक में प्रवेश किया है। इस अवसर पर आज हमीरपुर में राज्य स्तरीय राज्यत्व दिवस समारोह का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज फहराया तथा पुलिस के जवानों, होम गार्ड तथा एन.सी.सी. द्वारा प्रस्तुत किये गये भव्य मार्चपास्ट की सलामी ली। उप-पुलिय अधीक्षक श्री प्रवीण धीमान ने पेरेड का नेतृत्व किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि गत 40 वर्षों में हिमाचल प्रदेश ने उल्लेखनीय प्रगति की है तथा यह राज्य विकास के मामले में न केवल पहाड़ी क्षेत्रों में बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी देश में अग्रणी उभरकर आया है। उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि प्रख्यात पत्रिका द्वारा गत वर्ष राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों की कारगुजारी पर करवाए गए राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण में हिमाचल प्रदेश सर्वश्रेष्ठ उभरकर आया है और इसे ‘बैस्ट बिग स्टेट’ का अवार्ड प्रदान किया गया है।
प्रो. धूमल ने प्रदेश के गठन का तथा जिन परिस्थितियों से गुज़र कर इसे पूर्ण राज्यत्व का दर्जा प्राप्त हुआ है, का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य ने इस दौरान तीव्र विकास किया है, जिसका श्रेय प्रदेश के महनती एवं ईमानदार लोगों को जाता है और समय≤ पर यहां रहे नेतृत्व को जाता है, जिन्हें इस अवधि में लोगों की सेवा करने का सुअवसर प्राप्त हुआ है।
प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने अपने कर्मचारियों एवं पैंशनरों को प्रथम जुलाई, 2010 से 10 प्रतिशत मंहगाई भत्ता जारी करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को जनवरी, 2011 से बढ़ा हुआ मंहगाई भत्ता नगद मिलेगा तथा इसका बकाया संबंधित कर्मचारियों के सामान्य भविष्य निधि में जमा होगा।
मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश के निचले क्षेत्रों के लिए 100 करोड़ रूपये की लागत से अत्याधुनिक विपणन यार्ड स्थापित करने की भी घोषणा की। ऐसा ही विपणन यार्ड शिमला जिले के पराला में स्थापित किया जा रहा है। इस विपणन यार्ड से कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर तथा बिलासपुर जिलों के किसान एवं फल उत्पादक व्यापक तौर पर लाभान्वित होंगे।
मुख्यमंत्री ने 1971, जब प्रदेश को पूर्ण राज्यत्व का दर्जा मिला था तथा 2010 में यहां अनेक क्षेत्रों में हुई प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्ष 1971 में यहां प्रति व्यक्ति आय मात्र 651 रुपये थी, जो वर्ष 2010 में बढ़कर 49,211 रुपये हो गई है। राज्य का सकल घरेलू उत्पाद 223 करोड़ रुपये से बढ़कर 42,278 करोड़ रुपये हो गया तथा वार्षिक योजना 17 करोड़ रुपये से बढ़कर 3000 करोड़ रुपये हो गयी। वर्ष 1971 में प्रदेश की साक्षरता दर 23 प्रतिशत थी, जो वर्ष 2010 में बढ़कर 84 प्रतिशत हो गयी है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश साक्षरता दर में शीघ्र ही केरल को पीछे छोड़ने वाला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को आज देश के सेब राज्य के रूप में ख्याति प्राप्त है तथा शीघ्र ही भारत का फल राज्य बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2010 में प्रदेश का फल उत्पादन 8 लाख टन तक पहुंच गया है, जबकि 1971 में केवल 1.78 लाख टन ही था।
प्रो. धूमल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 30 दिसम्बर, 2007 को राज्य में सत्ता संभालने के पश्चात् विकास की गति को आगे बढ़ाया है तथा अनेक जन कल्याण की योजनाएं आरंभ की हैं, जिससे राज्य में विकास को नई दिशा मिली है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का प्रयास उन क्षेत्रों, जो विकास मंे अभी तक उपेक्षित थे, में विकास को गति प्रदान करना था ताकि सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों का लाभ समाज के सभी वर्गों को सुनिश्चित किया जा सके।
प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि राज्य में महिला सशक्तिकरण पर विशेष बल दिया गया है तथा हिमाचल प्रदेश देश के कुछेक गिने-चुने राज्यों में एक है, जिसने वर्ष 2009 में पंचायती राज संस्थाओं एवं स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित की थी। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि हाल ही में प्रदेश में सम्पन्न हुए पंचायती राज एवं स्थानीय निकायों के चुनावों में महिलाएं 58 प्रतिशत से भी अधिक संख्या में चुनकर आई हैं। उन्होंने राज्य में महिलाओं के हित में प्रदेश सरकार द्वारा कार्यान्वित की जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी दी।
युवा कल्याण का ज़िक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने चुनावी वायदे के अनुसार प्रदेश सरकार 50 प्रतिशत व्यवसायिक एवं तकनीकी पद बैच की वरीयता के आधार पर भी रही है। उन्होंने कहा कि गत तीन वर्षों के दौरान राज्य में 4500 कांस्टेबलों की नियुक्ति की गई है। उन्होंने कहा कि गत 3 वर्षों के दौरान अन्य सरकारी विभागों में हजारों पद भरे गए हैं। इसके अतिरिक्त, निजी, संयुक्त एवं अन्य संगठित क्षेत्रों में भी युवाओं को रोजगार के अवसर सुनिश्चित किए जा रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में तीव्र विकास की अपनी वचनबद्धता को दोहराते हुए प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि 353 करोड़ रुपये की पंडित दीनदयाल किसान-बागवान
संख्याः 83/2011 .3.
समृद्धि योजना आरंभ की गयी है, जिसके अंतर्गत किसानों को पाॅलीहाउस के निर्माण एवं सूक्ष्म सिंचाई के लिए 80 प्रतिशत उपदान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों को बांस पर आधारित पाॅलीहाउस के निर्माण के लिए 90 प्रतिशत उपदान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत 16,500 पाॅलीहाउसों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है और गत दो वर्षों के दौरान 6 हजार पाॅलीहाउसों का निर्माण किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस योजना के अंतर्गत 45 हजार व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा।
जैविक कृषि परियोजना
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में जैविक कृषि को बढ़ावा देने तथा कृषि विविधता के लिए जापान अंतरराष्ट्रीय सहकारिता एजेंसी के सहयोग से राज्य में आरम्भ किए जा रहे जैविक कृषि परियोजना के मुख्यालय को हमीरपुर में स्थापित करने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि किसानों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले अन्य लोगों की अतिरिक्त आय के साधन सृजित करने के लिए 300 करोड़ रुपये की दूध गंगा योजना कार्यान्वित की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को दुग्ध उत्पादन एवं सम्बद्ध गतिविधियों के लिए 15 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों को 33 प्रतिशत उपदान तथा अन्य श्रेणियों को इस योजना के अंतर्गत 25 प्रतिशत उपदान दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में फल उत्पादन बढ़ाने के लिए भी प्रभावी पग उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सेब तथा नीम्बू प्रजाति के फलों को समर्थन मूल्य प्रदान किया जा रहा है, जिससे फल उत्पादकों को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सेब, आम, अदरक, टमाटर तथा आलू को मौसम आधारित बीमा योजना के तहत लाया गया है, ताकि प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों को वित्तीय कठिनाई न हो।
प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि कृषि अर्थव्यवस्था में पशुपालन के महत्व को देखते हुए इसे प्राथमिकता प्रदान की गयी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आरोग्य पशुधन योजना के तहत राज्य में 1272 नए पशु संस्थान खोले जाएंगे, जिससे प्रदेश की प्रत्येक पंचायत में कम से कम एक पशु चिकित्सा संस्थान उपलब्ध हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इनमें से 187 पशु चिकित्सा संस्थान खोल दिए गए हैं, शेष आगामी दो वर्षों में खोल दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में भेड़पालक समृद्धि योजना आरंभ की गयी है, जिसके अंतर्गत भेड़ एवं में
प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि ग़रीब एवं समाज के अन्य कमजोर वर्गों का सामाजिक-आर्थिक उत्थान प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि बेघर लोगों की आवास की समस्या को हल करने के लिए ‘अटल आवास योजना’ तथा ‘इंदिरा आवास योजना’ के अंतर्गत गत 3 वर्षों के दौरान 22,719 आवासों का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि गरीब व्यक्तियों को चिकित्सा उपचार में कोई असुविधा न हो, इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना को सही परिपेक्ष्य में लागू किया गया है। इसके अंतर्गत इलाज के लिए 30 हजार रुपये प्रदान किए जा रहे हैं। गंभीर बीमारी की अवस्था में 1.75 लाख रुपये दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को इस योजना के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों के सर्वाधिक पंजीकरण के लिए देश में श्रेष्ठ राज्य आंका गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को 20 सूत्री कार्यक्रम के में श्रेष्ठ राज्य आंका गया है, जो सरकार की गरीब एवं उपेक्षित व्यक्तियों के तीव्र उत्थान को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि राज्य में अधिक से अधिक अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को लाभान्वित करने के लिए अनुसूचित जाति उप योजना के अंतर्गत आबंटित की जा रही कुल वार्षिक योजना की 11 प्रतिशत राशि को बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया गया है।
प्रो. धूमल ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य तथा सड़क को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की गयी है, क्योंकि ये तीनों ऐसे क्षेत्र हैं जो आम आदमी से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को देश का शिक्षा हब बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए नए शिक्षण संस्थान खोले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गत तीन वर्षों के दौरान सरकारी क्षेत्र में ही एक तकनीकी विश्वविद्यालय, एक डिग्री काॅलेज, एक इंजीनियरिंग काॅलेज, 43 वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाएं, 58 उच्च पाठशालाएं, 62 माध्यमिक तथा 33 प्राथमिक पाठशालाएं खोली गयीं। उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिले में केन्द्रीय विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान तथा फूड क्राॅफ्ट संस्थान स्थापित किए गए। हमीरपुर जिले में तकनीकी विश्वविद्यालय तथा होटल प्रबन्धन संस्थान स्थापित किए गए हैं, जबकि मण्डी जिले में आईआईटी तथा ईएसआई मैडिकल काॅलेज एवं अस्पताल स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि सोलन जिले के बद्दी बरोटीवाला क्षेत्र के कालूझण्डा में अटल शिक्षा कुंज
स्थापित किया गया है। तीन अन्य मैडिकल काॅलेज आरंभ करना प्रस्तावित है, जिन्हें हमीरपुर, ऊना तथा सिरमौर जिलों में स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बिलासपुर जिले में हाइड्रो इंजीनियरिंग काॅलेज तथा शिमला जिले के प्रगतिनगर में एक इंजीनियरिंग काॅलेज आरंभ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गत तीन वर्षों के दौरान राज्य में 10 निजी विश्वविद्यालय खोले गए हैंे तथा कई व्यवसायिक एवं तकनीकी शिक्षा संस्थान खोले गए हैं। हमारा प्रयास है कि प्रदेश के युवाओं को उनके घरों के समीप उच्च, तकनीकी एवं व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र में आरंभ किए जा रहे शिक्षण संस्थानों में हिमाचल प्रदेश के विद्यार्थियों को सीटें आरक्षित की जा रही हैं।
प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों को उनके घर-द्वार पर बेहतर चिकित्सा उपचार सुविधाएं सुनिश्चित बनाने के प्रति कृत संकल्प है। उन्होंने कहा कि गत तीन वर्षों के दौरान 600 एमबीबीएस, 85 आयुर्वेदिक चिकित्सकों तथा सैंकड़ों नर्सों एवं पैरा मैडिकल स्टाॅफ की भर्ती की गयी तथा उन्हें राज्य के दूर-दराज के क्षेत्रों में तैनात किया गया, जिससे इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को उपचार की सुविधा मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के अस्पतालों में सभी ओपीडी में गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों को 38 दवाइयां निःशुल्क प्रदान की जा रही हैं। उन्हांेने कहा कि गत वर्ष 25 दिसम्बर को प्रदेश के सात जिलों में अटल स्वास्थ्य सेवा आरंभ की गयी तथा 31 मार्च, 2011 तक तीन और जिलों में आरंभ कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत मरीजों को आपातकाल में, 35 मिनट के भीतर एंबुलेंस सेवा निःशुल्क प्रदान की जा रही है।
प्रो. धूमल ने कहा कि राज्य के 100 अस्पतालों में निःशुल्क संस्थानगत प्रसव सुविधा प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यार्थियों की निःशुल्क चिकित्सा जांच आरंभ की गयी है। गत वर्ष आरंभ की गयी मुस्कान योजना के अंतर्गत वरिष्ठ नागरिकों को निःशुल्क डैंचर प्रदान किए जा रहे हंै।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की कठिन भौगोलिक स्थिति के दृष्टिगत सड़कें यहां के लोगों की भाग्य रेखाएं हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2012 तक 250 या इससे अधिक जनसंख्या वाले प्रत्येक गांवों को सड़क से जोड़ने की योजना बनाई है। गत 3 वर्षों के दौरान 900 गांवों को सड़कों से जोड़ा गया है तथा 2700 किलोमीटर लम्बाई की नई सड़कों का निर्माण किया है।
प्रो. धूमल ने कहा कि अपने प्रयासों को मानवीय स्वरूप प्रदान करने के लिए सामाजिक सुरक्षा क्षेत्र को प्राथमिकता दी गयी है। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण क्षेत्र पर कुल योजना परिव्यय का 34 प्रतिशत खर्च किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन के अंतर्गत 65 प्रतिशत वृद्धि की गयी तथा 67563 पात्र व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन स्वीकृत की गयी। उन्होंने कहा कि राज्य में 2,67,000 से अधिक पात्र व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान की जा रही है, जिसपर 105 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं। दिहाड़ीदारों की दिहाड़ी को 75 रुपये से बढ़ाकर 120 रुपये किया गया है। इससे प्रत्येक दिहाड़ीदार परिवार को 16,425 रुपये का वार्षिक लाभ हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लोगों को उपदान युक्त दरों पर राशन उपलब्ध करवाया जा रहा है तथा बीपीएल परिवारों को यह राशन और भी सस्ती दरों पर उपलब्ध करवाया जा रहा है।
प्रो. धूमल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को देश का समृद्ध राज्य बनाने के लिए यहां उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों का तीव्र दोहन किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश में जलविद्युत उत्पादन, औद्योगिक एवं पर्यटन विकास की अपार संभावनाएं हैं। हमने इन तीनों क्षेत्रों को प्राथमिकता दी है ताकि प्रदेश को आय हो और स्थानीय लोगों को रोजगार मिले। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 तक 17 हजार मैगावाट विद्युत दोहन की योजना बनाई गई है। गत तीन वर्षों में प्रदेश में 2806 नयी औद्योगिक इकाइयां स्थापित की गयी हैं, जिनमें 38 हजार लोगों को रोजगार मिला है। 13 हजार करोड़ रुपये निवेश की 3334 नयी औद्योगिक इकाइयों को स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान की गयी, जिनमें 1,27,000 व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन एक अन्य ऐसा क्षेत्र है, जिससे प्रदेश को आय तथा लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा। हमने ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा दिया है और ‘होम स्टे’, ‘घर-घर की कहानी’ तथा ‘हर गांव कुछ कहता है’ जैसी अनेक योजनाएं आरंभ की गयी हैं। उन्होंने कहा कि हैली टैक्सी सेवा आरंभ की जा रही है तथा रोप-वे का निर्माण किया जा रहा है, जिससे पर्यटकों को यहां अतिरिक्त आकर्षित उपलब्ध होंगे।
पूर्ण राज्यत्व दिवस के चार दशक पूर्ण होने पर समारोह आयोजित किए जाएंगे
मुख्यमंत्री ने पूर्ण राज्यत्व के चार दशक पूर्ण होने पर इस वर्ष के दौरान वर्ष भर समारोह आयोजित करने की घोषणा की ताकि लोगों को गत 40 वर्षों में राज्य में हुई प्रगति के बारे में अवगत करवाया जा सके।
उन्होंने कहा कि राज्य के प्रत्येक जिले में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा तथा माह में एक जिले में यह आयोजन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग द्वारा वर्ष भर विभिन्न मीडिया के माध्यम से विकास के बारे में जानकारी दी जाएगी।
स्टेडियमों के निर्माण के लिए 3.68 करोड़ रूपये देने की घोषणा
मुख्यमंत्री ने राजकीय (छात्र) वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, हमीरपुर में स्टेडियम के निर्माण के लिए 1.18 करोड़ रुपये, हमीरपुर में सिंथैटिक ट्रैक बिछाने के लिए 50 लाख रुपये, धर्मशाला में सिंथैटिक ट्रैक के लिए 50 लाख रुपये, जयसिंहपुर में स्टेडियम के लिए 35 लाख रुपये, रोहडू में स्टेडियम के लिए 25 लाख रुपये, कांगड़ा में बजीर राम सिंह पठानिया स्टेडियम के लिए 27 लाख रुपये, शिमला, मण्डी तथा बिलासपुर में बैडमिंटन स्टेडियम के लिए 27 लाख रुपये, गुम्मा क्रिकेट स्टेडियम के लिए 14.50 लाख रुपये, चम्बा जिले के घरनोटा स्टेडियम के लिए 15.5 लाख रुपये, निरमण्ड स्टेडियम तथा शिमला में इण्डोर स्टेडियम के लिए 10-10 लाख रुपये तथा इण्डोर स्टेडियम धर्मशाला के लिए 6 लाख रुपये देने की घोषणा की।
शिक्षा मंत्री श्री ईश्वर दास धीमान, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री श्री रविन्द्र सिंह रवि, हिमाचल प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष श्री रिखी राम कौंडल, मुख्य संसदीय सचिव सर्व श्री सतपाल सत्ती तथा विरेन्द्र कंवर, विधायकगण, विभिन्न बोर्डों तथा निगमों के अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष, मुख्य सचिव श्रीमती राजवंत संधू, पुलिस महानिदेशक डा. डी.एस.मन्हास, भूतपूर्व सैनिक, स्वतंत्रता सेनानी, वरिष्ठ अधिकारी तथा पंचायती राज संस्थाओं के पदाधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश ने पूर्ण राज्यत्व के चार दशक पूरे कर पांचवें दशक में प्रवेश किया है। इस अवसर पर आज हमीरपुर में राज्य स्तरीय राज्यत्व दिवस समारोह का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज फहराया तथा पुलिस के जवानों, होम गार्ड तथा एन.सी.सी. द्वारा प्रस्तुत किये गये भव्य मार्चपास्ट की सलामी ली। उप-पुलिय अधीक्षक श्री प्रवीण धीमान ने पेरेड का नेतृत्व किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि गत 40 वर्षों में हिमाचल प्रदेश ने उल्लेखनीय प्रगति की है तथा यह राज्य विकास के मामले में न केवल पहाड़ी क्षेत्रों में बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी देश में अग्रणी उभरकर आया है। उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि प्रख्यात पत्रिका द्वारा गत वर्ष राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों की कारगुजारी पर करवाए गए राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण में हिमाचल प्रदेश सर्वश्रेष्ठ उभरकर आया है और इसे ‘बैस्ट बिग स्टेट’ का अवार्ड प्रदान किया गया है।
प्रो. धूमल ने प्रदेश के गठन का तथा जिन परिस्थितियों से गुज़र कर इसे पूर्ण राज्यत्व का दर्जा प्राप्त हुआ है, का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य ने इस दौरान तीव्र विकास किया है, जिसका श्रेय प्रदेश के महनती एवं ईमानदार लोगों को जाता है और समय≤ पर यहां रहे नेतृत्व को जाता है, जिन्हें इस अवधि में लोगों की सेवा करने का सुअवसर प्राप्त हुआ है।
प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने अपने कर्मचारियों एवं पैंशनरों को प्रथम जुलाई, 2010 से 10 प्रतिशत मंहगाई भत्ता जारी करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को जनवरी, 2011 से बढ़ा हुआ मंहगाई भत्ता नगद मिलेगा तथा इसका बकाया संबंधित कर्मचारियों के सामान्य भविष्य निधि में जमा होगा।
मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश के निचले क्षेत्रों के लिए 100 करोड़ रूपये की लागत से अत्याधुनिक विपणन यार्ड स्थापित करने की भी घोषणा की। ऐसा ही विपणन यार्ड शिमला जिले के पराला में स्थापित किया जा रहा है। इस विपणन यार्ड से कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर तथा बिलासपुर जिलों के किसान एवं फल उत्पादक व्यापक तौर पर लाभान्वित होंगे।
मुख्यमंत्री ने 1971, जब प्रदेश को पूर्ण राज्यत्व का दर्जा मिला था तथा 2010 में यहां अनेक क्षेत्रों में हुई प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्ष 1971 में यहां प्रति व्यक्ति आय मात्र 651 रुपये थी, जो वर्ष 2010 में बढ़कर 49,211 रुपये हो गई है। राज्य का सकल घरेलू उत्पाद 223 करोड़ रुपये से बढ़कर 42,278 करोड़ रुपये हो गया तथा वार्षिक योजना 17 करोड़ रुपये से बढ़कर 3000 करोड़ रुपये हो गयी। वर्ष 1971 में प्रदेश की साक्षरता दर 23 प्रतिशत थी, जो वर्ष 2010 में बढ़कर 84 प्रतिशत हो गयी है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश साक्षरता दर में शीघ्र ही केरल को पीछे छोड़ने वाला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को आज देश के सेब राज्य के रूप में ख्याति प्राप्त है तथा शीघ्र ही भारत का फल राज्य बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2010 में प्रदेश का फल उत्पादन 8 लाख टन तक पहुंच गया है, जबकि 1971 में केवल 1.78 लाख टन ही था।
प्रो. धूमल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 30 दिसम्बर, 2007 को राज्य में सत्ता संभालने के पश्चात् विकास की गति को आगे बढ़ाया है तथा अनेक जन कल्याण की योजनाएं आरंभ की हैं, जिससे राज्य में विकास को नई दिशा मिली है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का प्रयास उन क्षेत्रों, जो विकास मंे अभी तक उपेक्षित थे, में विकास को गति प्रदान करना था ताकि सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों का लाभ समाज के सभी वर्गों को सुनिश्चित किया जा सके।
प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि राज्य में महिला सशक्तिकरण पर विशेष बल दिया गया है तथा हिमाचल प्रदेश देश के कुछेक गिने-चुने राज्यों में एक है, जिसने वर्ष 2009 में पंचायती राज संस्थाओं एवं स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित की थी। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि हाल ही में प्रदेश में सम्पन्न हुए पंचायती राज एवं स्थानीय निकायों के चुनावों में महिलाएं 58 प्रतिशत से भी अधिक संख्या में चुनकर आई हैं। उन्होंने राज्य में महिलाओं के हित में प्रदेश सरकार द्वारा कार्यान्वित की जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी दी।
युवा कल्याण का ज़िक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने चुनावी वायदे के अनुसार प्रदेश सरकार 50 प्रतिशत व्यवसायिक एवं तकनीकी पद बैच की वरीयता के आधार पर भी रही है। उन्होंने कहा कि गत तीन वर्षों के दौरान राज्य में 4500 कांस्टेबलों की नियुक्ति की गई है। उन्होंने कहा कि गत 3 वर्षों के दौरान अन्य सरकारी विभागों में हजारों पद भरे गए हैं। इसके अतिरिक्त, निजी, संयुक्त एवं अन्य संगठित क्षेत्रों में भी युवाओं को रोजगार के अवसर सुनिश्चित किए जा रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में तीव्र विकास की अपनी वचनबद्धता को दोहराते हुए प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि 353 करोड़ रुपये की पंडित दीनदयाल किसान-बागवान
संख्याः 83/2011 .3.
समृद्धि योजना आरंभ की गयी है, जिसके अंतर्गत किसानों को पाॅलीहाउस के निर्माण एवं सूक्ष्म सिंचाई के लिए 80 प्रतिशत उपदान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों को बांस पर आधारित पाॅलीहाउस के निर्माण के लिए 90 प्रतिशत उपदान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत 16,500 पाॅलीहाउसों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है और गत दो वर्षों के दौरान 6 हजार पाॅलीहाउसों का निर्माण किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस योजना के अंतर्गत 45 हजार व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा।
जैविक कृषि परियोजना
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में जैविक कृषि को बढ़ावा देने तथा कृषि विविधता के लिए जापान अंतरराष्ट्रीय सहकारिता एजेंसी के सहयोग से राज्य में आरम्भ किए जा रहे जैविक कृषि परियोजना के मुख्यालय को हमीरपुर में स्थापित करने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि किसानों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले अन्य लोगों की अतिरिक्त आय के साधन सृजित करने के लिए 300 करोड़ रुपये की दूध गंगा योजना कार्यान्वित की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को दुग्ध उत्पादन एवं सम्बद्ध गतिविधियों के लिए 15 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों को 33 प्रतिशत उपदान तथा अन्य श्रेणियों को इस योजना के अंतर्गत 25 प्रतिशत उपदान दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में फल उत्पादन बढ़ाने के लिए भी प्रभावी पग उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सेब तथा नीम्बू प्रजाति के फलों को समर्थन मूल्य प्रदान किया जा रहा है, जिससे फल उत्पादकों को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सेब, आम, अदरक, टमाटर तथा आलू को मौसम आधारित बीमा योजना के तहत लाया गया है, ताकि प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों को वित्तीय कठिनाई न हो।
प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि कृषि अर्थव्यवस्था में पशुपालन के महत्व को देखते हुए इसे प्राथमिकता प्रदान की गयी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आरोग्य पशुधन योजना के तहत राज्य में 1272 नए पशु संस्थान खोले जाएंगे, जिससे प्रदेश की प्रत्येक पंचायत में कम से कम एक पशु चिकित्सा संस्थान उपलब्ध हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इनमें से 187 पशु चिकित्सा संस्थान खोल दिए गए हैं, शेष आगामी दो वर्षों में खोल दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में भेड़पालक समृद्धि योजना आरंभ की गयी है, जिसके अंतर्गत भेड़ एवं में
प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि ग़रीब एवं समाज के अन्य कमजोर वर्गों का सामाजिक-आर्थिक उत्थान प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि बेघर लोगों की आवास की समस्या को हल करने के लिए ‘अटल आवास योजना’ तथा ‘इंदिरा आवास योजना’ के अंतर्गत गत 3 वर्षों के दौरान 22,719 आवासों का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि गरीब व्यक्तियों को चिकित्सा उपचार में कोई असुविधा न हो, इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना को सही परिपेक्ष्य में लागू किया गया है। इसके अंतर्गत इलाज के लिए 30 हजार रुपये प्रदान किए जा रहे हैं। गंभीर बीमारी की अवस्था में 1.75 लाख रुपये दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को इस योजना के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों के सर्वाधिक पंजीकरण के लिए देश में श्रेष्ठ राज्य आंका गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को 20 सूत्री कार्यक्रम के में श्रेष्ठ राज्य आंका गया है, जो सरकार की गरीब एवं उपेक्षित व्यक्तियों के तीव्र उत्थान को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि राज्य में अधिक से अधिक अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को लाभान्वित करने के लिए अनुसूचित जाति उप योजना के अंतर्गत आबंटित की जा रही कुल वार्षिक योजना की 11 प्रतिशत राशि को बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया गया है।
प्रो. धूमल ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य तथा सड़क को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की गयी है, क्योंकि ये तीनों ऐसे क्षेत्र हैं जो आम आदमी से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को देश का शिक्षा हब बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए नए शिक्षण संस्थान खोले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गत तीन वर्षों के दौरान सरकारी क्षेत्र में ही एक तकनीकी विश्वविद्यालय, एक डिग्री काॅलेज, एक इंजीनियरिंग काॅलेज, 43 वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाएं, 58 उच्च पाठशालाएं, 62 माध्यमिक तथा 33 प्राथमिक पाठशालाएं खोली गयीं। उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिले में केन्द्रीय विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान तथा फूड क्राॅफ्ट संस्थान स्थापित किए गए। हमीरपुर जिले में तकनीकी विश्वविद्यालय तथा होटल प्रबन्धन संस्थान स्थापित किए गए हैं, जबकि मण्डी जिले में आईआईटी तथा ईएसआई मैडिकल काॅलेज एवं अस्पताल स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि सोलन जिले के बद्दी बरोटीवाला क्षेत्र के कालूझण्डा में अटल शिक्षा कुंज
स्थापित किया गया है। तीन अन्य मैडिकल काॅलेज आरंभ करना प्रस्तावित है, जिन्हें हमीरपुर, ऊना तथा सिरमौर जिलों में स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बिलासपुर जिले में हाइड्रो इंजीनियरिंग काॅलेज तथा शिमला जिले के प्रगतिनगर में एक इंजीनियरिंग काॅलेज आरंभ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गत तीन वर्षों के दौरान राज्य में 10 निजी विश्वविद्यालय खोले गए हैंे तथा कई व्यवसायिक एवं तकनीकी शिक्षा संस्थान खोले गए हैं। हमारा प्रयास है कि प्रदेश के युवाओं को उनके घरों के समीप उच्च, तकनीकी एवं व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र में आरंभ किए जा रहे शिक्षण संस्थानों में हिमाचल प्रदेश के विद्यार्थियों को सीटें आरक्षित की जा रही हैं।
प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों को उनके घर-द्वार पर बेहतर चिकित्सा उपचार सुविधाएं सुनिश्चित बनाने के प्रति कृत संकल्प है। उन्होंने कहा कि गत तीन वर्षों के दौरान 600 एमबीबीएस, 85 आयुर्वेदिक चिकित्सकों तथा सैंकड़ों नर्सों एवं पैरा मैडिकल स्टाॅफ की भर्ती की गयी तथा उन्हें राज्य के दूर-दराज के क्षेत्रों में तैनात किया गया, जिससे इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को उपचार की सुविधा मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के अस्पतालों में सभी ओपीडी में गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों को 38 दवाइयां निःशुल्क प्रदान की जा रही हैं। उन्हांेने कहा कि गत वर्ष 25 दिसम्बर को प्रदेश के सात जिलों में अटल स्वास्थ्य सेवा आरंभ की गयी तथा 31 मार्च, 2011 तक तीन और जिलों में आरंभ कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत मरीजों को आपातकाल में, 35 मिनट के भीतर एंबुलेंस सेवा निःशुल्क प्रदान की जा रही है।
प्रो. धूमल ने कहा कि राज्य के 100 अस्पतालों में निःशुल्क संस्थानगत प्रसव सुविधा प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यार्थियों की निःशुल्क चिकित्सा जांच आरंभ की गयी है। गत वर्ष आरंभ की गयी मुस्कान योजना के अंतर्गत वरिष्ठ नागरिकों को निःशुल्क डैंचर प्रदान किए जा रहे हंै।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की कठिन भौगोलिक स्थिति के दृष्टिगत सड़कें यहां के लोगों की भाग्य रेखाएं हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2012 तक 250 या इससे अधिक जनसंख्या वाले प्रत्येक गांवों को सड़क से जोड़ने की योजना बनाई है। गत 3 वर्षों के दौरान 900 गांवों को सड़कों से जोड़ा गया है तथा 2700 किलोमीटर लम्बाई की नई सड़कों का निर्माण किया है।
प्रो. धूमल ने कहा कि अपने प्रयासों को मानवीय स्वरूप प्रदान करने के लिए सामाजिक सुरक्षा क्षेत्र को प्राथमिकता दी गयी है। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण क्षेत्र पर कुल योजना परिव्यय का 34 प्रतिशत खर्च किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन के अंतर्गत 65 प्रतिशत वृद्धि की गयी तथा 67563 पात्र व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन स्वीकृत की गयी। उन्होंने कहा कि राज्य में 2,67,000 से अधिक पात्र व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान की जा रही है, जिसपर 105 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं। दिहाड़ीदारों की दिहाड़ी को 75 रुपये से बढ़ाकर 120 रुपये किया गया है। इससे प्रत्येक दिहाड़ीदार परिवार को 16,425 रुपये का वार्षिक लाभ हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लोगों को उपदान युक्त दरों पर राशन उपलब्ध करवाया जा रहा है तथा बीपीएल परिवारों को यह राशन और भी सस्ती दरों पर उपलब्ध करवाया जा रहा है।
प्रो. धूमल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को देश का समृद्ध राज्य बनाने के लिए यहां उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों का तीव्र दोहन किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश में जलविद्युत उत्पादन, औद्योगिक एवं पर्यटन विकास की अपार संभावनाएं हैं। हमने इन तीनों क्षेत्रों को प्राथमिकता दी है ताकि प्रदेश को आय हो और स्थानीय लोगों को रोजगार मिले। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 तक 17 हजार मैगावाट विद्युत दोहन की योजना बनाई गई है। गत तीन वर्षों में प्रदेश में 2806 नयी औद्योगिक इकाइयां स्थापित की गयी हैं, जिनमें 38 हजार लोगों को रोजगार मिला है। 13 हजार करोड़ रुपये निवेश की 3334 नयी औद्योगिक इकाइयों को स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान की गयी, जिनमें 1,27,000 व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन एक अन्य ऐसा क्षेत्र है, जिससे प्रदेश को आय तथा लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा। हमने ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा दिया है और ‘होम स्टे’, ‘घर-घर की कहानी’ तथा ‘हर गांव कुछ कहता है’ जैसी अनेक योजनाएं आरंभ की गयी हैं। उन्होंने कहा कि हैली टैक्सी सेवा आरंभ की जा रही है तथा रोप-वे का निर्माण किया जा रहा है, जिससे पर्यटकों को यहां अतिरिक्त आकर्षित उपलब्ध होंगे।
पूर्ण राज्यत्व दिवस के चार दशक पूर्ण होने पर समारोह आयोजित किए जाएंगे
मुख्यमंत्री ने पूर्ण राज्यत्व के चार दशक पूर्ण होने पर इस वर्ष के दौरान वर्ष भर समारोह आयोजित करने की घोषणा की ताकि लोगों को गत 40 वर्षों में राज्य में हुई प्रगति के बारे में अवगत करवाया जा सके।
उन्होंने कहा कि राज्य के प्रत्येक जिले में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा तथा माह में एक जिले में यह आयोजन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग द्वारा वर्ष भर विभिन्न मीडिया के माध्यम से विकास के बारे में जानकारी दी जाएगी।
स्टेडियमों के निर्माण के लिए 3.68 करोड़ रूपये देने की घोषणा
मुख्यमंत्री ने राजकीय (छात्र) वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, हमीरपुर में स्टेडियम के निर्माण के लिए 1.18 करोड़ रुपये, हमीरपुर में सिंथैटिक ट्रैक बिछाने के लिए 50 लाख रुपये, धर्मशाला में सिंथैटिक ट्रैक के लिए 50 लाख रुपये, जयसिंहपुर में स्टेडियम के लिए 35 लाख रुपये, रोहडू में स्टेडियम के लिए 25 लाख रुपये, कांगड़ा में बजीर राम सिंह पठानिया स्टेडियम के लिए 27 लाख रुपये, शिमला, मण्डी तथा बिलासपुर में बैडमिंटन स्टेडियम के लिए 27 लाख रुपये, गुम्मा क्रिकेट स्टेडियम के लिए 14.50 लाख रुपये, चम्बा जिले के घरनोटा स्टेडियम के लिए 15.5 लाख रुपये, निरमण्ड स्टेडियम तथा शिमला में इण्डोर स्टेडियम के लिए 10-10 लाख रुपये तथा इण्डोर स्टेडियम धर्मशाला के लिए 6 लाख रुपये देने की घोषणा की।
शिक्षा मंत्री श्री ईश्वर दास धीमान, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री श्री रविन्द्र सिंह रवि, हिमाचल प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष श्री रिखी राम कौंडल, मुख्य संसदीय सचिव सर्व श्री सतपाल सत्ती तथा विरेन्द्र कंवर, विधायकगण, विभिन्न बोर्डों तथा निगमों के अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष, मुख्य सचिव श्रीमती राजवंत संधू, पुलिस महानिदेशक डा. डी.एस.मन्हास, भूतपूर्व सैनिक, स्वतंत्रता सेनानी, वरिष्ठ अधिकारी तथा पंचायती राज संस्थाओं के पदाधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।