कश्मीर समस्या की जड़ धारा 370: अनुराग ठाकुर
कोलकाता: भाजयुमो राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने कहा है कि कश्मीर समस्या कांग्र ेस
की ऐतिहासिक भूल है जिसकी कीमत आज पूरा देश चुका रहा है। इसकी मूल जड़ धारा 370 है।
इसके समाप्त होते ही घाटी के विभाजन की खींची जाने वाली रेखा मिट जाएगी। श्री ठाकुर ने
कश्मीर का समाधान धार्मिकता की वजाय संवैधानिक दायरे से किए जाने की वकालत की। उनका
मत है कि इसके लिए सबसे पहला प्रयास विस्थापितों का सम्मानजनक तरीके से पुर्नवास किया
जाना चाहिए।
उन्होंने केन्द्र की संप्रग और राज्य की उमर अब्दुला सरकार की गलत नीतियों के कारण
आज कश्मीरियों में जो अविश्वास की भावना पैदा हुई है उसे दूर करने की जरूरत जताई। उन्होंने
दावा किया कि राष्ट्रीय एकता यात्रा को विवादित करने का चाहे कितना भी प्रयास किया जाय,
लेकिन यह तिरंगा यात्रा देश की एकता अखंडता को मजबूत करने में मील का पत्थर साबित होगी।
कोलकाता से कश्मीर तक की इस यात्रा का उदेश्य है आपसी भाईचारे को बढ़ावा देना। हालांकि
एक खास वर्ग तिरंगा यात्रा को विवादित करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन देश के युवा वर्ग में
यात्रा को लेकर जैसा उत्साह है उससे इस नवशक्ति के आगे विघटनकारी सोच टिक नहीं पाएगी।
भाजयुमो राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय इतिहास इस बात का गवाह है कि देश की
एकता के लिए जब भी बेहतर कदम उठाने की कोशिश हुई, भारत मे ं रहने वाले एक खास तबके ने
उसका विरोध किया। परन्तु यह भी एक सच्चाई है कि ऐसी सोच रखने वालों के मंसूबे कभी सफल
नहीं हो पाए। उसी का नतीजा है कि आजादी के बाद कश्मीर समस्या का समाधान तो नहीं निकल
पाया, लेकिन इसे अलग करने की कोशिश भी कामयाब नहीं हो पाई। कश्मीर समस्या कांग्र ेस की
देन है। उस समय इसका यदि व्यवस्थित तरीके से विलय करा दिया जाता तो यह समस्या नासूर
नहीं बनती। तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू कश्मीर समस्या के जनक हैं। उन्होंने
इसे ऐसे उलझाया कि 60 साल बाद भी यह सुलझ नहीं पाया। कांग्र ेस ने उस समय जो गलती की
थी, उसे सुधारने की वजाय वह आज भी उसे दोहरा रही है।
कांग्रेस इससे बाज आए। कश्मीर पर राजनीति करना छोड़े। भारत की संप्रभुता को बनाए
रखने का सबसे बड़ा दायित्व सरकार का है। इस समय देश की सत्ता पर वह बैठी है। परन्तु वह
राजसत्ता के नियमों के विरूद्ध कार्य कर रही है। कश्मीर समस्या को जड़ से मिटाने का प्रयास
करने की जगह केन्द्र की संप्रग सरकार नई समस्याओं को जन्म दे रही है। कश्मीर समस्या के लिए
नियुक्त किए गए वार्ताकार इसकी बानगी है ं। कश्मीर के विषय में वह जिस तरह की बात कर रहे है ं उसमें भारत का हित कम और कांग्र ेस का हित ज्यादा दिखाई देता है। वार्ताकारों का स्वर
अलगाववादियों जैसा है। इससे समस्या हल नहीं होगी। केन्द्र सरकार का रवैया न राज्य की सुरक्षा
को लेकर सकारात्मक है और न सुरक्षाकर्मियों के मामले मे ं, ऐसे में केन्द्र सरकार के इस प्रयास से
किसी तरह का समाधान निकलने की उम्मीद नहीं है। भाजयुमो के इस यात्रा के पीछे लक्ष्य देश की
एकजुटता को और मजबूती प्रदान करने का है। यात्रा को विवादित करने वालों को अहसास है कि
यदि देश का युवा वर्ग कश्मीर मसले पर चेत गया तो उनकी राजनीतिक जमीन खिसक जाएगी,
इसलिए वह यात्रा पर सवाल खड़ा कर रहे इसे भी राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहे है ं।
‘राष्ट्रीय एकता यात्रा’ का शुभारंभ भारतीय जनता युवा मोर्चा ‘भारत प्रथम अभियान’ के
अन्तर्गत कोलकाता (पश्चिम बंगाल) से ‘राष्ट्रीय एकता यात्रा’ का शुभारंभ हो रहा है। क्योंकि यहां
की माटी युवाओं के आदर्श स्वामी विवेकानंद, नेताजी सुभाषचंद्र बोस और डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी
की कर्मस्थली रही है। यह यात्रा डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी की जन्मस्थली से उनके बलिदान स्थली
तक युवा दिवस (12 जनवरी 2011) से गणतंत्र दिवस (26 जनवरी 2011) तक निकाली जाएगी। इस
दौरान 11 राज्यों में 150 जन-जागरण सभाएं आयोजित की जाएगी। इस क्रम में देश की एकता
और अखंडता के लिए शहीद हुए जवानों के परिवारों का सम्मान किया जाएगा।
यात्रा का उद्द यात्रा का उद्देश्य: ेश्य: ेश्य:
समाज के विभिन्न वर्गों के बीच जम्मू-कष्मीर की समस्या को लेकर जन-जागरण करना
और राष्ट्रीय भावना का अलख जगाना।राष्ट्रप्रेम की साकार अभिव्यक्ति के लिए 26 जनवरी को
श्रीनगर के लाल चैक पर राष्ट्रध्वज तिरंगा फहराया जायेगा। इसके पूर्व 25 जनवरी 2011 को जम्मू
में विशाल रैली आयोजित की जाएगी, जिसमें देशभर क े लाखों युवा भाग ले ंगे। उनकी मौजूदगी में
26 जनवरी को श्रीनगर स्थित लालचैक पर राष्ट्रध्वज तिरंगा फहराया जाएगा। भाजयुमो की मांग भाजयुमो की मांग::::
ऽ कश्मीर समस्या को सिर्फ धार्मिक समस्या न माना जाए। सभी राजनैतिक दल इस समस्या
को दलीय राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्रीय समस्या के रूप में देखें
ऽ सरकार कमजोर रवैया छोड़े और अलगाववादियों को दा े टूक शब्दों में बताए कि सारा काम
संविधान के दायरे में होगा
ऽ धारा 370 समाप्त होनी चाहिए
ऽ सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम से किसी प्रकार की छेड़छाड़ न हो
ऽ भारतीय संसद ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर संकल्प लिया था कि पाक अधिकृत
कशीर को वापस लिया जाएगा। संसद में पारित इस संकल्प को पूरा करने हेतु सरकार
आवश्यक कदम उठाए
ऽ कश्मीर के युवाओं और आम लोगों के लिये सुरक्षित, संपन्न और उत्पीड़न मुक्त जीवन का सुनिचित किया जाए
ऽ विस्थापित कश्मीरी पंडितों का सम्मान जनक तरीके से घाटी में पुनर्वास किया जाए
ऽ हम मानते है ं कि सारा कश्मीर भारत का है और समूचा भारत कश्मीरियो ं का है। कश्मीर का
दर्द भारत का दर्द है। हमें इसे महसूस करना होगा। मां भारती देश के नौजवानों को पुकार
रही है। प्रत्येक भारतवासी कश्मीर के प्रति अपने राष्ट्रीय दायित्व को स्वीकारे, तभी कश्मीर
बचेगा और देश भी
12 जनवरी को ‘युवा दिवस’ के दिन डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जन्मभूमि कोलकाता से
मुखर्जी के बलिदान स्थल श्रीनगर तक यात्रा निकलने के पीछे भाजयुमो का उदेश्य है भारत की
एकता अखंडता को मजबूती प्रदान करना। देश के युवाओं के मन में कश्मीर का सवाल सुलग रहा
है। कश्मीर पर अलगाववादी बात उन्हें पसंद नहीं है। परन्तु हर युवा इसका समाधान क्रांति की
वजाय शांति से चाहता है। इसलिए आपसी मेल-मिलाप का सिलसिला बढ़ाने की जरूरत महसूस
करते हुए भाजयुमो ने यात्रा निकालने का निर्णय लिया। यह यात्रा सेतु की एक कड़ी है। राष्ट्रीय
एकता यात्रा में तिरंगे का महत्व है। इसमे ं देश के सभी भागों से राजनीतिक और गैर राजनीतिक
युवा वर्ग की हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के पीछे भाजयुमो का मकसद है आपसी एकता को मजबूत
करना।