मुख्यमंत्री द्वारा मातृवंदना के आॅन लाइन संस्करण का शुभारंभ
बिजेंदर शर्मा शिमला---मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने आज यहां मासिक पत्रिका ‘मातृवंदना’ की वैबसाईट का शुभारंभ किया। पाठकों को अब यह पत्रिका उंजतपअंदकंदंण्वतह पर आॅन लाइन उपलब्ध होगी।
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के उत्कृष्ट सैनिकों की जीवनी विद्यालयों के शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल करेगी, ताकि देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों के जीवन से युवा नागरिक प्रेरित हो सकें। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने देश को सर्वश्रेष्ठ सैनिक दिए हैं। देश के पहले परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा हिमाचल प्रदेश के रहने वाले थे और लद्दाख क्षेत्र के कारगिल में सेना द्वारा चलाए गए आॅपरेशन विजय के दौरान प्रदत्त चार परमवीर चक्रों में से दो हिमाचल से संबंधित सैनिकों को दिए गए थे। कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए सैनिकों में से 52 हिमाचल प्रदेश से संबंधित थे। उन्होंने कहा कि विभिन्न आॅपरेशनों में प्रदेश के सैनिकों ने अनुकरणीय बहादुरी दिखाई, जिससे देश में राज्य का मान बढ़ा है।
प्रो. धूमल ने कहा कि युवा पीढ़ी को राष्ट्रीयता, देश भक्ति, चरित्र निर्माण, नैतिक मूल्य और प्राचीन भारतीय सांस्कृतिक विरासत की समृद्ध परंपरा सिखाया जाना आवश्यक है, ताकि वे राष्ट्र की समृद्ध परंपराओं को भावी पीढ़ियों को सिखा सकें। उन्होंने राष्ट्र विरोधी और असामाजिक तत्वों के विरुद्ध सजग रहने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि ऐसी ताकतें देश की लोकतांत्रिक प्रणाली को छिन्न-भिन्न करने की कोशिश करती रहती हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एकता, साम्प्रदायिक एवं सामाजिक सद्भाव को होने वाले खतरों के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता और इन मूल्यों को हर कीमत पर बचाया जाना आवश्यक है। जागरुक समाज इस कार्य में विशेष भूमिका निभा सकता है। मातृवंदना संस्थान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह पत्रिका सही मायनों में एक पारिवारिक पत्रिका है, जिसमें देश की समृद्ध संस्कृति, नैतिक मूल्यों और चरित्र निर्माण में आवश्यक सामग्री समाहित रहती है। उन्होंने कहा कि ऐसी पत्रिकाएं राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ करने और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को सुरक्षित रखने में सहायक सिद्ध होंगी। पत्रिका की वैबसाईट के आरंभ होने से अब मातृवंदना पाठकों को आॅन लाईन उपलब्ध होगी, जिससे विश्व स्तर पर इसके पाठकों की संख्या में वृद्धि होगी। उन्होंने पत्रिका प्रबन्धन को सलाह दी कि वे आधुनिक संचार माध्यमों के साथ तारतम्य बनाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक उपयोग सुनिश्चित बनाएं।
वैबसाईट के शुभारंभ को ऐतिहासिक बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रख्यात दार्शनिक स्वामी विवेकानंद का जन्म दिवस भी है, जिन्होंने पश्चिमी देशों को यह मानने पर मजबूर किया कि प्राचीन भारतीय संस्कृति विश्व भर में सर्वश्रेष्ठ है। उन्होंने इस अवसर पर आयोजकों द्वारा लगाई गई फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया।
प्रांत प्रचारक श्री बलबीर ने इस अवसर पर कहा कि इस पत्रिका को आरंभ करने का उद्देश्य युवा पीढ़ी को भारतीय संस्कृति से रू-ब-रू करवाना है, ताकि वे भारतीय परंपराओं से परिचत हो सकें। उन्होंने कहा कि समाज के अधिक से अधिक वर्गों तक पहुंचने के लिए यह आवश्यक हो गया है कि वैबसाईट के माध्यम से लोगों तक पहंॅुचा जाए, ताकि अधिक से अधिक पाठक विचारधारा को जान सकें।
मातृवंदना के सम्पादक डाॅ. दयानंद शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए यह विश्वास दिलाया कि वैबसाईट को नियमित अंतराल पर अपडेट किया जाएगा, ताकि पाठकों को नवीनतम जानकारी उपलब्ध हो सके।
मातृवंदना के प्रबन्धक श्री नरेन्द्र ने वैबसाईट की सामग्री और पत्रिका की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह पत्रिका 1994 में श्री रज्जू भैया ने मंडी से आरंभ की थी।
राज्य सभा सांसद श्रीमती बिमला कश्यप, विधायक सर्वश्री सुरेश भारद्वाज और तेजवंत नेगी, राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष श्री रामस्वरूप शर्मा, उपायुक्त श्री जे.एस. राणा, राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटिड के सचिव डाॅ. एम.पी. सूद, निदेशक सूचना एवं जन सम्पर्क श्री बी.डी. शर्मा और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
बिजेंदर शर्मा शिमला---मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने आज यहां मासिक पत्रिका ‘मातृवंदना’ की वैबसाईट का शुभारंभ किया। पाठकों को अब यह पत्रिका उंजतपअंदकंदंण्वतह पर आॅन लाइन उपलब्ध होगी।
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के उत्कृष्ट सैनिकों की जीवनी विद्यालयों के शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल करेगी, ताकि देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों के जीवन से युवा नागरिक प्रेरित हो सकें। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने देश को सर्वश्रेष्ठ सैनिक दिए हैं। देश के पहले परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा हिमाचल प्रदेश के रहने वाले थे और लद्दाख क्षेत्र के कारगिल में सेना द्वारा चलाए गए आॅपरेशन विजय के दौरान प्रदत्त चार परमवीर चक्रों में से दो हिमाचल से संबंधित सैनिकों को दिए गए थे। कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए सैनिकों में से 52 हिमाचल प्रदेश से संबंधित थे। उन्होंने कहा कि विभिन्न आॅपरेशनों में प्रदेश के सैनिकों ने अनुकरणीय बहादुरी दिखाई, जिससे देश में राज्य का मान बढ़ा है।
प्रो. धूमल ने कहा कि युवा पीढ़ी को राष्ट्रीयता, देश भक्ति, चरित्र निर्माण, नैतिक मूल्य और प्राचीन भारतीय सांस्कृतिक विरासत की समृद्ध परंपरा सिखाया जाना आवश्यक है, ताकि वे राष्ट्र की समृद्ध परंपराओं को भावी पीढ़ियों को सिखा सकें। उन्होंने राष्ट्र विरोधी और असामाजिक तत्वों के विरुद्ध सजग रहने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि ऐसी ताकतें देश की लोकतांत्रिक प्रणाली को छिन्न-भिन्न करने की कोशिश करती रहती हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एकता, साम्प्रदायिक एवं सामाजिक सद्भाव को होने वाले खतरों के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता और इन मूल्यों को हर कीमत पर बचाया जाना आवश्यक है। जागरुक समाज इस कार्य में विशेष भूमिका निभा सकता है। मातृवंदना संस्थान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह पत्रिका सही मायनों में एक पारिवारिक पत्रिका है, जिसमें देश की समृद्ध संस्कृति, नैतिक मूल्यों और चरित्र निर्माण में आवश्यक सामग्री समाहित रहती है। उन्होंने कहा कि ऐसी पत्रिकाएं राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ करने और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को सुरक्षित रखने में सहायक सिद्ध होंगी। पत्रिका की वैबसाईट के आरंभ होने से अब मातृवंदना पाठकों को आॅन लाईन उपलब्ध होगी, जिससे विश्व स्तर पर इसके पाठकों की संख्या में वृद्धि होगी। उन्होंने पत्रिका प्रबन्धन को सलाह दी कि वे आधुनिक संचार माध्यमों के साथ तारतम्य बनाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक उपयोग सुनिश्चित बनाएं।
वैबसाईट के शुभारंभ को ऐतिहासिक बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रख्यात दार्शनिक स्वामी विवेकानंद का जन्म दिवस भी है, जिन्होंने पश्चिमी देशों को यह मानने पर मजबूर किया कि प्राचीन भारतीय संस्कृति विश्व भर में सर्वश्रेष्ठ है। उन्होंने इस अवसर पर आयोजकों द्वारा लगाई गई फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया।
प्रांत प्रचारक श्री बलबीर ने इस अवसर पर कहा कि इस पत्रिका को आरंभ करने का उद्देश्य युवा पीढ़ी को भारतीय संस्कृति से रू-ब-रू करवाना है, ताकि वे भारतीय परंपराओं से परिचत हो सकें। उन्होंने कहा कि समाज के अधिक से अधिक वर्गों तक पहुंचने के लिए यह आवश्यक हो गया है कि वैबसाईट के माध्यम से लोगों तक पहंॅुचा जाए, ताकि अधिक से अधिक पाठक विचारधारा को जान सकें।
मातृवंदना के सम्पादक डाॅ. दयानंद शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए यह विश्वास दिलाया कि वैबसाईट को नियमित अंतराल पर अपडेट किया जाएगा, ताकि पाठकों को नवीनतम जानकारी उपलब्ध हो सके।
मातृवंदना के प्रबन्धक श्री नरेन्द्र ने वैबसाईट की सामग्री और पत्रिका की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह पत्रिका 1994 में श्री रज्जू भैया ने मंडी से आरंभ की थी।
राज्य सभा सांसद श्रीमती बिमला कश्यप, विधायक सर्वश्री सुरेश भारद्वाज और तेजवंत नेगी, राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष श्री रामस्वरूप शर्मा, उपायुक्त श्री जे.एस. राणा, राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटिड के सचिव डाॅ. एम.पी. सूद, निदेशक सूचना एवं जन सम्पर्क श्री बी.डी. शर्मा और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।