पाॅलीहाउस में अधिक उत्पादकता से प्रसन्न हुए कृष्ण गोपाल
पारंपरिक खेती की कम उत्पादकता से कृश्ण गोपाल बुटेल के मन में कृशि के प्रति विमुखता होने लगी थी परंतु सरकार द्वारा आरम्भ की गई पाॅलीहाउस योजना ने इन्हें आधुनिक कृषि की एक नई राह दिखाकर पुनः कृशि की ओर जोड़ा है और अब इस योजना के तहत सीमित भूमि में कई गुणा उत्पादकता वृद्धि से अर्जित लाभ होने से कृष्ण गोपाल बुटेल अन्य किसानों को पाॅलीहाउस लगाने की सलाह दे रहे हैं। उनका कहना है कि मिट्टी सोना उगलती है, केवल आवश्यकता है दृढ़ इच्छा एवं आधुनिक तकनीक को अपनाने की।
श्री कृष्ण गोपाल बुटेल पंचरूखी विकास खण्ड के गांव सुंगला के रहने वाले एक प्रगतिशील किसान हैं, जोकि अतीत से चाय उत्पादन के अतिरिक्त अन्य पारम्परिक कृषि कार्यों से जुड़े हैं। परन्तु पारम्परिक खेती के कम उत्पादकता होने से कृष्ण गोपाल कृषि कार्य से ऊब चुके थे और आय के लिये किसी अन्य विकल्प की योजना तैयार कर रहे थे। एक दिन अकस्मात उनकी मुलाकात कृषि विभाग के अधिकारी श्री सकलानी से हुई। उन्होंने पंडित दीन दयाल किसान बागवान समृद्धि योजना के तहत पाॅलीहाउस स्थापित करने की सलाह दी।
कृष्ण गोपाल ने वर्ष 2009 में इस योजना के तहत 300 वर्गमीटर क्षेत्र में एक पाॅलीहाउस स्थापित किया, जिस पर लगी कुल लागत 2.58 लाख रूपये में से सरकार द्वारा दो लाख सात हजार रूपये की राशि उपदान में दी गई। कृष्ण गोपाल ने इस पाॅलीहाउस में प्रयोगात्मक रूप मंे हरी सब्जियों का उत्पादन आरम्भ किया और साथ ही खुली भूमि में भी सब्जियंा लगा दीं। इनका कहना है कि खुली भूमि में सब्जियों का उत्पादन शून्य रहा है, जबकि पाॅलीहाउस में लगी काफी अधिक मात्रा में सब्जियां उत्पादित हुईं और इसके उपरान्त इन्होंने पाॅलीहाउस में शिमला मिर्च की खेती की, जिससे पहली फसल में ही 50 हजार रूपये की आय अर्जित की गई।
कृष्ण गोपाल ने पाॅलीहाउस की पैदावार से प्रभावित होकर वर्ष 2010 में 564 वर्गमीटर क्षेत्र में एक और पाॅलीहाउस स्थापित किया, जिसकी कुल लागत 4.90 लाख रूपये में से सरकार द्वारा 3.93 लाख रूपये की राशि अनुदान के रूप में दी गई। इस पाॅलीहाउस में इनके द्वारा फ्रांसबीन की फसल रोपित की गई है और इनका कहना है कि इस फसल से उन्हें आशातीत लाभ मिलेगा।
प्रगतिशील किसान कृष्ण गोपाल का कहना है कि सरकार द्वारा कृषि को बढ़ावा देने तथा किसानों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिये अनेक योजनाएं चलाई गई हैं और बेरोज़गार युवाओं को नौकरी की तलाश के वजाय इन योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने बताया कि इन पाॅलीहाउस में 6 लोगों को वर्ष भर का रोज़गार मिलता है और कई बार अतिरिक्त मज़दूरों को भी लगाना पड़ता है।
उपायुक्त कांगड़ा आर.एस. गुप्ता ने बताया कि कांगड़ा जिला में पाॅलीहाउस योजना लोकप्रिय बनती जा रही है तथा मार्च, 2011 तक 1706 पाॅलीहाउस स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है और नवम्बर,2010 तक 1574 पाॅलीहाउस स्वीकृत किये जा चुके हैं, जिसमें से 544 पाॅलीहाउस स्थापित किये जा चुके हैं, जबकि शेष का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत किसानों को 80 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है, जबकि बीपीएल परिवार द्वारा बांस के पाॅलीहाउस स्थापित करने पर 90 प्रतिशत अनुदान की व्यवस्था की गई है।
प्रट्ठत्त्द्र´ऽ¤ कृ®् प्रत्त्”Úन्ध्ए ू®अअ