धूमल ने आईटीबीपी, सीआरपीएफ, एसीआईएसएफ और पेरा मिलेट्री बलों में योग्यता के आधार पर भरती करने पर बल देते हुए कहा है कि भरती नीति इसके आधार पर बनाई जानी चाहिए

मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने आईटीबीपी, सीआरपीएफ, एसीआईएसएफ और पेरा मिलेट्री बलों में योग्यता के आधार पर भरती करने पर बल देते हुए कहा है कि भरती नीति इसके आधार पर बनाई जानी चाहिए। वह आज नई दिल्ली में आंतरिक सुरक्षा के मुद्दे पर मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भरती के लिए वर्तमान में अपनाई जा रही पुरूष भरती योग्य जनसंख्या नीति के कारण पहाड़ी क्षेत्रों के प्रतिभावान युवाओं को देश सेवा का अवसर नहीं मिल रहा है।

उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि काफी समय से लंबित प्रदेश के विधेयकों को स्वीकृति प्रदान की जाए। इन विधेयकांे को विधानसभा द्वारा पारित किया गया है जो राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए लंबित पड़े हैं। उन्होंने गृह मंत्रालय से आग्रह किया कि इन सभी विधेयकों को शीघ्र स्वीकृति प्रदान की जाए।

मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि महामहिम दलाई लामा ओर करमापा लामा की सुरक्षा पर प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे खर्च की प्रतिपूर्ति केंद्र सरकार करे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में महामहिम दलाई लामा की सुरक्षा पर हो रहे खर्च का थोड़ा हिस्सा ही केंद्रीय विदेश मंत्रालय वहन कर रहा है जबकि करमापा लामा की सुरक्षा का पूरा खर्च राज्य सरकार स्वयं वहन कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रह रहे 27,542 तिब्बती शरणार्थियों पर निगरानी के लिए प्रदेश सरकार गृह व विेदश मंत्रालय से परामर्श के उपरांत राज्य अन्वेषण विभाग शिमला और तिब्बतन रिफ्यूजी सैल धर्मशाला में तिब्बतन रिफ्यूजी यूनिट स्थापित करेगी। इन इकाइयों की स्थापना के लिए उन्होंने केंद्र सरकार से आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने चीन द्वारा हाल ही में सीमा पर सिविल तथा सैनिक ाव दिया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्याप्त
उन्होंने चीन के साथ लगते लाहौल स्पिति और किन्नौर ज़िलों में पुलिस बल को मजबू बनाने का भी आग्रह किया। उन्होंने सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य के बजट आवंटन में बढ़ोतरी की मांग की तथा मनाली से लेह के बीच ब्राॅडगेज़ रेल लाईन स्थापित करने का अनुरोध किया ताकि सामरिक महत्व के लद्दाख
क्षेत्र तक लोगों एवं सामान की आवाजाही को और सुचारू बनाया जा सके। उन्होंने उत्तर-पूर्वी राज्यों की तर्ज पर राज्य के जनजातीय क्षेत्रों के लिए सर्द ऋतु के दौरान हैलीकाप्टर सेवाओं पर उपदान देने का भी अनुरोध किया ताकि देश की सुरक्षा और मजबूत बन सके।

मुख्यमंत्री ने राज्य में नशीली दवाइयों के अवैध व्यापार को रोकने के लिए नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो को सुदृढ़ करने की मांग की तथा भांग उगाने वाले हिमालयी क्षेत्रों के किसानों को वैकल्पिक फसलें उगाने को प्रोत्साहित करने के लिए उदार वित्तीय सहायता की मांग की।

उन्होंने बताया कि राज्य से सटी जम्मू कश्मीर सीमा पर भारत तिब्बत सीमा बल की चार कंपनियां तथा राज्य आरक्षी बल की डेढ़ कंपनी तैनात की गई है। उन्होंने इस क्षेत्र में तैनात राज्य आरक्षी बल पर खर्च किए जा रहे वार्षिक 30 करोड़ रुपये को केन्द्र से प्रदान किए जाने का अनुरोध किया। उन्होंने जम्मू कश्मीर सीमा पर तैनात 471 विशेष पुलिस अधिकारियों को राज्य होमगार्ड के जवानों के बराबर वेतन भत्ते प्रदान करने का अनुरोध भी किया। उन्होंने जम्मू कश्मीर में हालात सामान्य होने तक वहां सीमा पर तैनात भारत तिब्बत सीमा बल की तैनाती का पूरा खर्च केन्द्र से वहन करने का अनुरोध किया। गृह मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार, 31 मार्च 2009 के बाद इस बल पर होने वाले खर्च का 10 प्रतिशत भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाना है जबकि वर्ष 1998 से इस क्षेत्र में केन्द्रीय बल की तैनाती पर होने वाला सम्पूर्ण खर्च केन्द्र सरकार द्वारा उठाया जाता रहा है

प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने पुलिस प्रशिक्षण
उन्होंने सीसीटीएनएस परियोजना के अंतर्गत राज्य को मिली 2.3 करोड़ रुपये की सहायता राशि में से 1.3 करोड़ रुपये क्षमता विकास एवं प्रशिक्षण पर व्यय किए गए हैं तथा शेष राशि का शीघ्र ही समायोजन कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी पुलिस स्टेशनों का पूरी तरह कम्प्यूटरीकरण कर लिया गया है तथा सभी सेवाएं आॅनलाइन उपलब्ध करवाई जा रही हैं। उन्होंने पुलिस जवानों के लिए


1350 आवास निर्मित करने, बैरकों के निर्माण तथा अन्य आधारभूत
मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे होने, कठिन भौगोलिक एवं जलवायुगत परिस्थितियों, बड़ी संख्या में पर्यटकों की आवक, तिब्बती शरणार्थियों की बड़ी संख्या और प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशील होने के बावजूद हिमाचल प्रदेश देश के सबसे शांत प्रदेशों में एक है। उन्होंने कहा कि सभी 12 जिलों में त्वरित प्रत्याक्रमण दस्तों का गठन किया गया तथा बम निरोधक दस्ते गठित करके उन्हें अधिकतम अलर्ट पर रखा गया है। सभी महत्वपूर्ण स्थलों, धार्मिक स्थानों तथा पर्यटक स्थलों की सुरक्षा को बढ़ाया गया है तथा गुप्तचर सूचनाओं के आधार पर इनकी समय≤ पर समीक्षा की जाती है।

प्रो. धूमल ने केन्द्र सरकार से राज्य के लिए एक राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल (एनडीआरएफ) गठित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश भूकम्प के लिए संवेदनशील मानी जाने वाली जोन पाॅंच के अंतर्गत पड़ता है, जिसके कारण बादल फटने, बाढ़, भू-स्खलन, हिमस्खलन और अन्य प्राकृतिक आपदाएं आती रहती हैं। उन्होंने आग्रह किया कि प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में आपातकालीन प्रबन्धन के लिए राज्य में एनडीआरएफ की बटालियन स्थापित की जाए। उन्होंने राज्य में इस बटालियन की स्थापना के लिए भूमि उपलब्ध करवाने के साथ-साथ अन्य संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।

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