प्रदेश सरकार गोरखा समुदाय को शारीरिक फिटनैस मापदण्डों में छूट देने पर विचार करेगी
सिद्धार्थ रतन शर्मा धर्मशाला, 17 फरवरी.......प्रदेश सरकार सैन्य बलों की तर्ज पर राज्य पुलिस बल में भर्ती के लिए गोरखा समुदाय को शारीरिक फिटनैस मापदण्डों में छूट देने पर विचार करेगी ताकि समुदाय के युवाओं को प्रदेश पुलिस में अपनी सेवाएं देने का अवसर मिल सके। मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने आज धर्मशाला में गोरखा कल्याण बोर्ड की 11वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य ने केंद्र सरकार से भर्ती योग्य पुरुष जनसंख्या फामूर्ले (आर.एम.पी.) को समाप्त करने का मामला उठाया है ताकि प्रत्येक पात्र युवा सैन्य बलों में शामिल होकर देश की सेवा कर सके। प्रदेश के युवाओं ने सीमाओं की रक्षा के लिए सदैव महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसे देखते हुए प्रदेश के युवाओं को सैन्य बलों में भर्ती के लिए प्राथमिकता देने का मुद्दा कई बार उठाया गया है। प्रदेश के सैनिकों ने युद्ध एवं शांति के दौरान अपनी बहादुरी के अनुकरणीय उद्हारण प्रस्तुत किए हैं और वे सेना सेवा में बेहतर अवसर के हकदार हैं।
प्रो. धूमल ने कहा कि गोरखा समुदाय ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस समुदाय के सैनिकों ने विशेषकर सैन्य बलों में अपनी बहादुरी का परिचय दिया है। प्रदेश सरकार उन्हें हर संभव लाभ देने के प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि रोजगार के लिए राज्य प्रथम व द्वितीय श्रेणी में 12 प्रतिशत आरक्षण और तृतीय व चतुर्थ श्रेणी में 18 प्रतिशत आरक्षण प्रदान कर रहा है। प्रदेश में तीन भारतीय रिजर्व बटालियनें स्थापित की गई हैं, जिनमें 3021 युवाओं को रोजगार दिया गया है। राज्य सरकार ने द्वितीय विश्व युद्ध के उन सैनिकों एवं विधवाओं को 500 रुपये प्रति माह की पैंशन आरम्भ की है, जिन्हें कहीं और से पैंशन के लाभ नहीं मिल रहे हैं। इसके अलावा, युद्ध जागीर के लाभ को भी 900 रुपये से बढ़ाकर 2000 रुपये प्रतिवर्ष किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सोलन जिले के मलोणा किले के समीप स्व. श्री अमर सिंह की समाधि की मुरम्मत एवं रखरखाव के लिए 54 हजार रुपये स्वीकृत किए हैं। उन्होंने कहा कि सेना को फायरिंग रेंज के लिए सरकारी भूमि आवंटित करने से पहले सरकार जन सुरक्षा सुनिश्चित बनाएगी। सरकार ने शहीद दुर्गा मल और कैप्टन दल बहादुर स्मारक के सौंदर्यकरण के लिए 22 लाख रुपये उपलब्ध करवाए हैं। कार्य अधिकता को ध्यान में रखते हुए सरकार सिंहुता स्थित नायब तहसीलदार के कैंप कार्यालय का विस्तार करने की संभावनाओं पर भी विचार करेगी। सरकार ने भूमिहीन परिवारों को ग्रामीण क्षेत्रों में दो बिस्ता और शहरी क्षेत्रों में एक बिस्वा भूमि आवंटित
करने का नीतिगत निर्णय लिया है। विभिन्न वर्गों के पात्र परिवारों के चयन की प्रक्रिया प्रगति पर है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्रीमती सरवीण चैधरी ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए गोरखा समुदाय के कल्याण के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गोरखा समुदाय को अन्य पिछड़ा श्रेणी में शामिल कर अन्यों के समान लाभ प्रदान किए जा रहे हैं। समुदाय के बी.पी.एल. परिवार, जिनकी वार्षिक आय 50 हजार रुपये से कम है, के बच्चे मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों में निःशुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण सुविधा के पात्र हैं। उन्हें प्रशिक्षण शुल्क के तौर पर 1200 रुपये और वजीफे के तौर पर एक हजार रुपये प्रदान किए जा रहे हैं। समुदाय के सदस्यों को स्वरोजगार अपनाने के लिए पांच लाख रुपये तक के ऋण की सुविधा भी प्रदान की गई है। इसके अलावा, एकल महिला को सामाजिक सुरक्षा पैंशन के दायरे में शामिल किया गया है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती सरोजनी जी. ठाकुर ने मुख्यमंत्री व मंत्रियों का स्वागत किया।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक श्री मनीष गर्ग ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया। उन्होंने धन्यवाद प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया और बहुमूल्य सुझाव देने के लिए गैर सरकारी सदस्यों का आभार व्यक्त किया, जिससे राज्य को समुदाय के हित में भावी कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में सहायता मिलेगी।
उद्योग मंत्री श्री किशन कपूर, मुख्य सचिव श्रीमती राजवंत संधू, प्रधान सचिव, सचिव, विभागाध्यक्ष, उपायुक्त, अन्य वरिष्ठ अधिकारी और बोर्ड के गैर सरकारी सदस्य बैठक में उपस्थित थे।