प्रदेश सरकार गुज्जर समुदाय की घुमंतु जनजाति को स्थायी रूप से बसान के लिए उपयुक्त भूमि चिन्हित करने के लिए प्रयासरत है तथा उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के लिए शिक्षा सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने आज कांगड़ा में हिमाचल प्रदेश गुज्जर कल्याण बोर्ड की 17वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुज्जर समुदाय के लोगों को उनके पारम्परिक पशुपालन व्यवसाय, जिसके लिए वे वर्ष भर एक स्थान से दूसरे स्थान का भ्रमण करते हैं, के दृष्टिगत जनजाति का दर्जा प्रदान किया गया है। गुज्जर समुदाय बहुल जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि एक स्थान पर इन्हें बसाने के लिए उपयुक्त भूमि चिन्हित की जाए ताकि वे विकास एवं सामाजिक कल्याण की योजनाओं का लाभ नियमित तौर पर उठा सकें और उनके बच्चे स्थानीय पाठशाला में शिक्षा ग्रहण कर सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार समुदाय की लड़कियों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ इस समुदाय के विद्यार्थियों को छात्रवृत्तियां भी प्रदान कर रही है।
उन्होंने कहा कि गैर-जनजाति शहरों में जनजातीय विद्यार्थियों को लाभान्वित करने के लिए 22.50 करोड़ रुपये की लागत से 15 छात्रावासों का निर्माण किया गया है। कांगड़ा व चम्बा जिलों में विद्यार्थियों की सुविधा के लिए एकलव्य आवासीय स्कूल आरम्भ करने का निर्णय लिया गया है तथा कांगड़ा जिले में इसके लिए भूमि चयनित कर दी गई है। यह प्रक्रिया प्राथमिकता के आधार पर पूरी की जाएगी ताकि स्कूल परिसर विकसित कर समुदाय के विद्यार्थियों को प्रवेश देकर लाभान्वित किया जा सके।
प्रो. धूमल ने समुदाय के सदस्यों को प्रदेश एवं केंद्र सरकार द्वारा समुदाय के कल्याण के लिए कार्यान्वित की जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने का परामर्श देते हुए कहा कि उन्हें पंचायत स्तर पर मनरेगा के माध्यम से छोटे कार्यों का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बोर्ड की
राज्य स्तरीय बैठक का उद्देश्य समुदाय के कल्याण एवं सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए सदस्यों से नीति व कार्यक्रमों को तैयार करने के लिए सुझाव आमंत्रित करना है। समुदाय के विकास के लिए किसी भी प्रकार का सुझाव का स्वागत किया जाएगा, जिसे सभी औपचारिकताएं पूरी करने के पश्चात कार्यान्वित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्थानीय समुदाय द्वारा उपयोग में लाई जा रही चिन्हित चारागाहों में घुमंतु जनजाति के प्रवेश पर रोक के लिए प्रभावी पग उठाए जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष श्री मुरीद हुसैन ने समुदाय के लोगों के हितों को सुरक्षित करने तथा समुदाय के लिए कल्याण बोर्ड गठित करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने समुदाय के उत्थान के लिए प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न पगों की जानकारी दी, जिससे इस समुदाय के लोगों को व्यापक लाभ हुआ है।
प्रधान सचिव जनजातीय विकास श्री भीम सेन ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया तथा बैठक की अध्यक्षता करने के लिए धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि गैर-सरकारी सदस्यों से प्राप्त एजेंडा को संबंधित विभागों को भेज दिया गया है ताकि बैठक के दौरान वे इसपर अपनी प्रतिक्रिया दे सकें। उन्होंने बैठक की कार्यवाही का संचालन भी किया तथा सदस्यों द्वारा पूछे गए प्रश्नों की जानकारी दी।
मुख्य सचिव श्रीमती राजवंत संधू, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती सरोजनी जी. ठाकुर, प्रधान सचिव, सचिव, विभागाध्यक्ष, उपायुक्त और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी तथा गैर सरकारी सदस्य बैठक में उपस्थित थे।