हिमाचल समाचार न्यूज़ सर्विस
बेंगलुरू, 15 अक्टूबर । भ्रष्टाचार के मामले में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा को शनिवार को 22 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। दक्षिण भारत में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता में लाने वाले येदियुरप्पा ऐसे समय में जेल भेजे गए हैं जब पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी भ्रष्टाचार मुद्दे पर 38 दिनों की जनचेतना यात्रा पर निकले हैं।
येदियुरप्पा को जेल भेजे जाने से उत्साहित कांग्रेस ने खुशी का इजहार किया और कहा कि आडवाणी को अपनी यात्रा समाप्त कर देनी चाहिए। जबकि जनता दल (सेक्युलर) ने कहा कि यह राज्य के लिए एक दुखद घटना है।
लोकायुक्त की विशेष अदालत के न्यायाधीश एन.के. सुधींद्र राव ने येदियुरप्पा को 22 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेजने का निर्देश दिया। इसके बाद अदालत से बाहर आते समय येदियुरप्या (68) के चेहरे पर मुस्कान दिखाई दी।
कर्नाटक में भाजपा को सत्ता में लाने वाले येदियुरप्पा को शनिवार दोपहर बाद पूर्वी उपनगर प्रप्पना अग्रहारा स्थित बेंगलुरू के प्रमुख जेल ले जाया गया।
इसके पहले राव ने बेंगलुरू के आसपास की भूमि के अवैध तरीके से अधिसूचना रद्द करने के दो मामले में येदियुरप्पा की जमानत याचिका खारिज कर दी। बेंगलुरू के दो वकीलों सिरजिन भाषा और एन.के. बलराज ने इस वर्ष जनवरी में येदियुरप्पा के खिलाफ मामले दर्ज कराए थे।
ज्ञात हो कि येदियुरप्पा की गिरफ्तारी से पहले उनकी शहर में उपस्थिति को लेकर काफी अटकलें लगीं क्योंकि पुलिस जब उन्हें गिरफ्तार करने शहर स्थित उनके रेस कोर्स रोड स्थित आधिकारिक आवास पर पहुंची तो वह वहां नहीं थे।
पुलिस ने येदियुरप्पा की तलाश बेंगलुरू स्थित उनके निजी आवास पर भी की लेकिन वह वहां भी नहीं मिले। इसके बाद अटकलें लगाई जाने लगीं कि येदियुरप्पा या तो अस्पताल में भर्ती हो गए होंगे अथवा उन्होंने किसी मठ में शरण ली होगी।
अपनी गिरफ्तारी के आदेश के चार घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद येदियुरप्पा अदालत में उपस्थित हुए और आत्मसमर्पण किया।
येदियुरप्पा को जेल में उनके मंत्रिमंडल के पूर्व सहयोगियों कट्टा सुब्रह्मण्य नायडू और एस.एन. कृष्णया शेट्टी के साथ रखा जाएगा।
भ्रष्टाचार के दो मामलों में शेट्टी की जमानत याचिका खारिज होने पर उन्हें भी गिरफ्तार किया गया।
जिस समय येदियुरप्पा की जमानत याचिका खारिज हुई उस समय वह अदालत में उपस्थित नहीं थे। उन्होंने यह कहते हुए एक चिकित्सा प्रमाण पत्र न्यायालय में भेजा था कि वह पीठ में दर्द से पीड़ित हैं और वह केवल आत्मसमर्पण करने आएंगे।
न्यायाधीश ने जब शेट्टी की जमानत याचिका खारिज की और उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश दिया तो वह अदालत के कमरे में ही गिर गए और रोने लगे। उन्हें इलाज के लिए पास के ही एक अस्पताल में ले जाया गया।
वहीं, एक सॉफ्टवेयर कम्पनी को बेंगलुरू के बाहरी इलाके में 385 एकड़ भूमि आवंटित करने के लिए 85 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने पर कट्टा सुब्रह्मण्य नायडू और उनके पुत्र कॉर्पोरेटर कट्टा जगदीश को गत आठ अगस्त को जेल भेजा गया।
इनके अवाला येदियुरप्पा के मंत्रिमंडल के पूर्व सहयोगी खनन कारोबारी जी. जनार्दन रेड्डी भी आंध्र प्रदेश में अवैध खनन के लिए हैदराबाद की एक जेल में हैं।
येदियुरप्पा के दो बेटों- भाजपा के लोकसभा सदस्य बी.वाई. राघवेंद्र और बी.वाई. विजयेंद्र- और दामाद आर. सोहन कुमार को न्यायालय ने सशर्त जमानत दे दी। ये तीनों भी मामले में आरोपी हैं।
येदियुरप्पा को सबसे पहले आर्थिक लाभ के लिए अवैध रूप से भूमि की अधिसूचना रद्द करने के दो मामलों में आरोपी बनाया गया था।
ये दोनों मामले सिरजिन भाषा और एन.के. बलराज द्वारा इस वर्ष जनवरी में उस समय दायर किए गए थे, जब राज्यपाल एच.आर. भरद्वाज ने उन्हे इस बात की अनुमति दे दी थी कि वे येदियुरप्पा और उनके रिश्तेदारों के खिलाफ बेंगलुरू और आसपास के इलाकों में आर्थिक लाभ के लिए भूखंडों की अधिसूचना रद्द करने की साजिश के लिए आपराधिक मामले दायर कर सकते हैं।
येदियुरप्पा के जेल जाने के बाद कांग्रेस ने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी यात्रा समाप्त कर देनी चाहिए।
कांग्रेस महासचिव बी.के. हरिप्रसाद ने कहा कि आडवाणी जनचेतना यात्रा पर हैं जबकि येदियुरप्पा को जेल भेजे जाने से पार्टी के 'दोहरेपन' का खुलासा हो गया। उन्होंने कहा, "इससे दोहरेपन का खुलासा हो गया..आडवाणी को अपनी यात्रा रोक देनी चाहिए और यह दिखावा बंद करना चाहिए।"
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि यह यात्रा बेंगलुरू से शुरू होनी चाहिए थी बिहार से नहीं।
कर्नाटक के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी. परमेश्वरा और विपक्ष के नेता सिद्दारमैया और अन्य ने एक दूसरे से हाथ मिलाकर खुशी का इजहार किया और पार्टी के सदस्यों के साथ मिलकर येदियुरप्पा के खिलाफ नारे लगाए।
वहीं, जनता दल (सेक्युलर) के प्रदेश अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने कहा कि यह राज्य के लिए दुखद घटना है। कुमारस्वामी ने कहा, "इसमें कुछ भी उत्सव मनाने जैसा नहीं है।"