शिमला, 16 नवंबर | हिमाचल प्रदेश में बीते पांच सालों के दौरान करीब 850
महिलाएं गायब हुई हैं। प्रदेश के एक निवासी की विवाहित बेटी साल 2010 में
गायब हो गई थी और अब तक उसका पता नहीं लगाया जा सका है। राज्य उच्च
न्यायालय के इस मामले में संज्ञान लेने पर यह खुलासा हुआ है।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश कुरियन जोजफ व संजय करोल की खंडपीठ ने हर साल
इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं व लड़कियों के गायब होने को चौंकाने वाली
घटना बताया है। अदालत ने मंगलवार को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीआईडी)
को एक राज्य स्तरीय विशेष इकाई गठित करने व इस तरह के मामलों की जांच
करने का निर्देश दिया है। अदालत ने छह सप्ताह के अंदर इन मामलों में
प्रगति के सम्बंध में एक प्रारम्भिक रपट सौंपे जाने का भी निर्देश दिया
है। इससे पहले इस मामले में अदालत ने पुलिस महानिरीक्षक को बीते पांच
सालों में गायब हुईं और अब तक नहीं ढूंढ़ी जा सकीं गुमशुदा महिलाओं की
जिलावार रपट पेश करने का निर्देश दिया था। पुलिस द्वारा मंगलवार को अदालत
में दाखिल किए गए हलफनामे के मुताबित राज्य में महिलाओं व लड़कियों की
गुमशुदगी के 848 मामले हैं। उना जिले में महिलाओं की गुमशुदगी के सबसे
ज्यादा 166 मामले हैं। इसके बाद मंडी जिले में ऐसे 127 मामले व सिरमौर
जिले में 96 मामले सामने आए हैं। सोलन जिले के एक गांव के याचिकाकर्ता
रमेश चांद का आरोप था कि उनकी बेटी किरणबाला सितम्बर 2010 से गायब है
लेकिन पुलिस उसका पता लगाने में असफल रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया
था कि किरणबाला के लापता होने में उसके ससुराल वालों का हाथ था।
महिलाएं गायब हुई हैं। प्रदेश के एक निवासी की विवाहित बेटी साल 2010 में
गायब हो गई थी और अब तक उसका पता नहीं लगाया जा सका है। राज्य उच्च
न्यायालय के इस मामले में संज्ञान लेने पर यह खुलासा हुआ है।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश कुरियन जोजफ व संजय करोल की खंडपीठ ने हर साल
इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं व लड़कियों के गायब होने को चौंकाने वाली
घटना बताया है। अदालत ने मंगलवार को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीआईडी)
को एक राज्य स्तरीय विशेष इकाई गठित करने व इस तरह के मामलों की जांच
करने का निर्देश दिया है। अदालत ने छह सप्ताह के अंदर इन मामलों में
प्रगति के सम्बंध में एक प्रारम्भिक रपट सौंपे जाने का भी निर्देश दिया
है। इससे पहले इस मामले में अदालत ने पुलिस महानिरीक्षक को बीते पांच
सालों में गायब हुईं और अब तक नहीं ढूंढ़ी जा सकीं गुमशुदा महिलाओं की
जिलावार रपट पेश करने का निर्देश दिया था। पुलिस द्वारा मंगलवार को अदालत
में दाखिल किए गए हलफनामे के मुताबित राज्य में महिलाओं व लड़कियों की
गुमशुदगी के 848 मामले हैं। उना जिले में महिलाओं की गुमशुदगी के सबसे
ज्यादा 166 मामले हैं। इसके बाद मंडी जिले में ऐसे 127 मामले व सिरमौर
जिले में 96 मामले सामने आए हैं। सोलन जिले के एक गांव के याचिकाकर्ता
रमेश चांद का आरोप था कि उनकी बेटी किरणबाला सितम्बर 2010 से गायब है
लेकिन पुलिस उसका पता लगाने में असफल रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया
था कि किरणबाला के लापता होने में उसके ससुराल वालों का हाथ था।