'अब कोई मुझे आतंकवादी का पिता नहीं बुला सकता'

'अब कोई मुझे आतंकवादी का पिता नहीं बुला सकता'
अलापुझा (केरल), | इशरत जहां मुठभेड़ कांड में विशेष जांच टीम (एसआईटी)
द्वारा गुजरात उच्च न्यायालय में अपनी रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद प्राणेष
कुमार पिल्लई उर्फ जावेद शेख के पिता गोपीनाथ पिल्लई ने राहत की सांस ली
है। उनका कहना है कि अब उन्हें कोई आतंकवादी का पिता कहकर नहीं बुला
सकता। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में मुठभेड़ को फर्जी करार दिया है।
गोपीनाथ और पुलिस की गोली से जान गंवाने वाले एक और शख्स की मां ने
मुठभेड़ की जांच एसआईटी से कराने की मांग की है। रिपोर्ट न्यायालय में
सौंपे जाने की खबर आने के बाद गोपीनाथ ने कहा, "पिछले करीब सात साल से
मैं इस मुद्दे पर लड़ाई लड़ रहा था। मैं कई बार गुजरात गया और बताया कि
मेरा बेटा आतंकवादी नहीं था। अब मैं खुश हूं कि सच्चाई सामने आ गई।"

पिल्लई ने कहा, "मुझे पता चला था कि पुलिस ने उसे चार दिन की हिरासत में
पूछताछ के लिए फार्म हाऊस में रखा है। सम्भव है कि उसने पुलिस के दबाव के
बावजूद आतंकवादी होना नहीं कबूला हो, जिसके बाद पुलिस उसे बाहर ले गई और
गोली मार दिया।"

उन्होंने कहा, "मैं अब इस पर अपने वकील से बात करूंगा और उसके बाद ही कुछ कहूंगा।"

उल्लेखनीय है कि मुस्लिम महिला से शादी करने के लिए प्राणेष ने इस्लाम
कबूल कर लिया था और अपना नाम बदलकर जावेद रख लिया था। 15 जून, 2004 को
अहमदाबाद में गुजरात पुलिस द्वारा अंजाम दिए गए इस मुठभेड़ में जावेद
सहित चार लोगों की मौत हो गई थी। अन्य मृतकों में इशरत जहां (19), अमजद
अली, जिशान जौहर शाामिल हैं। पुलिस ने इन्हें लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी
बताते हुए कहा था कि वे गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को मारने आए
थे।

BIJENDER SHARMA

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