चिटकुल (हिमाचल प्रदेश), । हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में चीन की सीमा से सटे चिटकुल गांव में पिछले करीब एक साल से भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के केबल क्षतिग्रस्त हैं। लेकिन उन्हें ठीक कराने वाला कोई नहीं। क्षेत्र के लोगों ने कई बार इसे ठीक कराने की गुहार लगाई, लेकिन अधिकारियों ने उनकी सुनवाई नहीं की। ऐसे में लोगों ने अब लैंडफोन ठीक करवाने के लिए प्रयास भी लगभग बंद कर दिए हैं और परिजनों से बातचीत के लिए हैंडसेट ले लिया है। उन्हें हालांकि इसमें नेटवर्क की समस्या पेश आ रही है। स्थानीय निवासी श्याम सिंह नेगी ने बताया, "पिछले करीब एक साल से पूरे गांव में लैंडलाइन फोन खराब है। कई बार अनुरोध करने के बावजूद बीएसएनएल का कोई अधिकारी टेलीफोन की लाइन ठीक करने के लिए नहीं पहुंचा।" शिमला से करीब 275 किलोमीटर दूर चिटकुल गांव में 120 घर हैं और 50 से अधिक लैंडलाइन फोन कनेक्शन हैं। गृहिणी रीता नेगी ने कहा, "मोबाइल फोन भी मुश्किल से यहां काम करता है और लैंडलाइन तो बहुत दिनों से काम नहीं कर रहा। ऐसे में हम अधिकतर समय दुनिया से कटे रहते हैं। एक कॉल करने के लिए हमें कई मील चलना पड़ता है, ताकि मोबाइल में सिग्नल आ जाए।" इस बारे में जिला मुख्यायल रिकोंग पीयो में बीएसएनएल के मंडलीय अभियंता आर. एस. कश्यप ने कहा कि जमीन के नीचे टेलीफोन केबल के क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण पिछले करीब एक साल से चिटकुल में फोन काम नहीं कर रहा। कश्यप ने बताया, "सड़क को चौड़ा करने के दौरान बीएसएनएल के केबल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। हम नई केबल की व्यवस्था कर रहे हैं और इसे प्राथमिकता के आधार पर बदला जाएगा।"
यहां की आबादी करीब 650 है और यहां से कैलाश पर्वत की चोटियां साफ दिखाई देती हैं। इस क्षेत्र में भारी बर्फबारी होती है, जिसके कारण देश के दूसरे हिस्सों से साल में छह माह से अधिक समय तक इसका सम्पर्क भंग रहता है।
यहां की आबादी करीब 650 है और यहां से कैलाश पर्वत की चोटियां साफ दिखाई देती हैं। इस क्षेत्र में भारी बर्फबारी होती है, जिसके कारण देश के दूसरे हिस्सों से साल में छह माह से अधिक समय तक इसका सम्पर्क भंग रहता है।