ज्वालामुखी, । असम रायफल भर्ती फर्जीबाड़े में देहरा पुलिस को बड़ी
कामयाबी मिली है। पुलिस ने ज्वालामुखी से दो गिरफ्तारियां की हैं।
गिरफ्तार आरोपियों में भाजपा नेत्री अनिता संदल का पति कुलदीप संदल व
देवर रंजीत संदल है। हालांकि दोनों ने प्रदेश हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत
ले रखी थी। लेकिन पुलिस ने दोनों अभियुक्तों देहरा में दरज मामले के आधार
पर हिरासत में लिया है। इस मामले में ज्वालामुखी,देहरा कांगड़ा व हरिपुर
थानों में मामले दरज हो चुके हैं।
इस बीच भाजपा की महिला नेता अनिता संदल को भी अग्रिम जमानत मिल गई है।
अनिता संदल परागपुर हल्के से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ चुकी हैं।
गिरफतारी से पहले कुलदीप संदल ने बताया कि वह निर्दोष है तथा एक षडयंत्र
का शिकार हो गया है उसकी पत्नी अनीता संदल भी निर्दोष है उनका भाई रणजीत
जो चिंतपुर्णी में रहता था वह उन लोगों के चुंगुल में फंस गया था परंतु
उन्हें कानून पर भरोसा है । सच्चाई की हमेशा जीत हुई है और आगे भी होगी।
बताया जाता है कि उक्त दोनों ने ज्वालामुखी में अपने किसी रिश्तेदार के
यहां पनाह ले रखी थी। भाजपा नेत्री अनीता संदल प्रदेश सरकार में एक निगम
में बड़े ओहदे पर हैं। लेकिन सारे मामले को देखते हुये अनिता संदल की
गिरफतारी भी किसी भी समय हो सकती है। असम रायफल में भर्ती के नाम पर ठगी
के केस में अब तक कुल पांच गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।
काबिलेगौर है कि असम रायफल भर्ती फर्जीबाड़े में युवकों से करीब 10 करोड़
रुपए ठगे गए हैं। इस मामले के तार हिमाचल सहित अन्य राज्यों से भी जुड़े
हैं। भर्ती फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद ठगी का शिकार युवकों का
आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। इस मामले के मुख्य आरोपी पूर्व सैनिक रविंद्र
चौहान और मास्टर माइंड महिला अर्चना सिंघा की भूमिका पर भी तहकीकात जारी
है।
मिली जानकारी के मुताबिक रविंद्र चौहान खुद को इंडियन आर्मी का मेजर
बताकर भर्ती का झांसा देता था। रविंद्र चौहान वर्ष 2003 में राष्ट्रीय
राइफल्स में तैनात था। वर्ष 2007 में जम्मू-कश्मीर के बारामूला में
पोस्टिंग के दौरान घायल होने के चलते उसे सेना में मेडिकल अनफिट करार
देकर उसे सेवानिवृत्त कर दिया गया था। इसी दौरान वह अर्चना सिंघा के
संपर्क में आया।
इसी दौरान संजीव ऐरी के माध्यम से अर्चना सिंघा की मुलाकात अनिता संदल से
हुई। अनिता का हिमाचल प्रदेश की राजसत्ता में अच्छा खासा प्रभाव था।
जिससे बेरोजगार युवा आसानी से झांसे में आते चले गये। कुछ पैसा संजीव ऐरी
को मिला तो कुछ भुगतान कथित तोैर पर संदल परिवार को हुआ। बाकि अर्चना
सिंघा के पास पहुंच गया।
यह सब मिलकर आज तक एक हजार से अधिक युवाओं को भर्ती करवाने का झांसा
देकर 10 करोड़ रुपए तक की राशि ऐंठ चुके हैं। वर्ष 2007-08 में जोहरत में
असम राइफल्स की भर्ती के दौरान अर्चना सिंघा की मुलाकात एक डॉक्टर से हुई
जो असम राइफल्स के मेजर के पद पर था। इस डॉक्टर के माध्यम से सिंघा ने
युवाओं को नौकरी दिलाकर 10-15 हजार रुपए की राशि हासिल की। 2008-09 में
सिंघा ने बिहार में भर्ती के दौरान राशि हासिल की। दिल्ली पुलिस रविंद्र
चौहान और अर्चना सिंघा की जानकारी के आधार पर कुछ बैंक शाखाओं के 90
अकाउंट्स फ्रीज किए थे।
असम रायफल भर्ती फर्जीबाड़े में ज्वालामुखी से दो गिरफ्तारियां