मॉनसून सीजन में जिला ऊना में रोपे जाएंगे 1,34,500 पौधे
वन विभाग ने बरसात में रखा 170 हेक्टेयर भूमि पर पौधारोपण का लक्ष्य
ऊना (20 जुलाई (विजयेन्दर शर्मा) । वन महोत्सव के दौरान इस वर्ष जिला ऊना में 1,34,500 पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। वन विभाग ने जिला ऊना की 170 हेक्टेयर भूमि पर पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए स्थान का चयन कर लिया गया है।
बरसात के मौमस में जिला में मुख्य रूप से आंवला, हरड़, भेड़ा, खैर, शीशम, नीम, बांस, तूहणी, द्रेक तथा आम जैसी किस्मों की पौधे रोपे जा रहे हैं। इस वर्ष पौधारोपण अभियान पर जिला ऊना में लगभग 74.62 लाख रुपए खर्च आने का अनुमान है। लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाने तथा उन्हें पौधारोपण के लिए प्रेरित करने को प्रति वर्ष वन महोत्सव मनाया जाता है। राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित पौधारोपण योजना के तहत इस वर्ष 25 हैक्टेयर भूमि पर 27,500 पौधे लगाए जाएंगे। जबकि राज्य सरकार द्वारा पोषित संवर्धन योजना के तहत 90 हैक्टेयर भूमि पर 72 हजार पौधे, लंबे पौधे रोपने की स्कीम के तहत 15 हेक्टेयर भूमि पर 3000 पौधे तथा कैंपा के तहत 40 हेक्टेयर भूमि पर 32 हजार पौधे लगाए जाएंगे।
इस संबंध में जानकारी देते हुए डीएफओ मृत्युंजय माधव ने कहा कि इस वर्ष वन महोत्सव के दौरान खैर व शीशम के 26900-26900, चील के 13450, द्रेक के 10088, कचनार के 6725, सिरिस के 4035, सागवान के 2690, आंवला के 4035, तूहणी, बेहड़ा व सेफदा के 5380-5380, कीकर के 2690 तथा अन्य प्रजातियों के 24,882 पौधे लगाए जाएंगे।
मृत्युंजय माधव ने सभी जिलावासियों से इस वर्ष वन महोत्सव में बढ़-चढ़ कर भाग लेने व पौधारोपण करने की अपील की है।
वहीं ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कृषि, मत्स्य तथा पशु पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि जलवायु परिवर्तन आज पूरी दुनिया के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती है, जिससे निपटने के लिए पौधारोपण बेहद आवश्यक है। मौसम का संतुलन बनाए रखने में पौधों की भूमिका अति महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि केंद्र तथा प्रदेश सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए अनेकों प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कहा कि पौधे लगाने में जन सहभागिता भी आवश्यक है तथा बिना लोगों के सहयोग के यह अभियान सफल नहीं हो सकता है। इसलिए सभी पौधे लगाएं और पर्यावरण को बचाएं।