सहकारिता को मिलेगा बढ़ावा, कृषक उत्पादक संगठन बनाए जाएंगे: भारद्वाज
कांगड़ा सहकारी प्राथमिक कृषि एवं ग्रामीण बैंक के भवन का किया उद्घाटनधर्मशाला, 26 मार्च( विजयेन्दर शर्मा) ।। राज्य में कृषि क्षेत्र में भी सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए कारगर कदम उठाए जाएंगे। इस के लिए कृषक उत्पादक संगठन बनाए जाएंगे, हिमाचल देश का पहला राज्य है जहां पर कृषक उत्पादक संगठन तैयार करने की प्रक्रिया आरंभ की गई है।
यह जानकारी शहरी विकास एवं सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने शनिवार को धर्मशाला में कांगड़ा सहकारी प्राथमिक कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के एक करोड़ 20 लाख की लागत से निर्मित भवन का उद्घाटन करने के उपरांत दी। उन्होंने कहा कि देश भर में पहली सोसाइटी हिमाचल के उना जिला के पंजावर में 1892 में पंजीकृत हुई थी तथा हिमाचल सहकारिता के क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि कांगड़ा सहकारी प्राथमिक कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक की स्थापना 1966 में हुई है।
शहरी विकास एवं सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि देश भर में सहकारिता की दिशा में आगे बढ़ने के लिए कई सार्थक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार का गठन होने के पश्चात सहकारिता मंत्रालय भी अलग से बनाया गया है जो कि पहले कृषि मंत्रालय के अंतर्गत आता था। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 4600 सहकारी सोसाइटी पंजीकृत हैं जबकि इन सहकारी सभाओं के साथ 17 लाख सदस्य जुड़े हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए अब कृषि क्षेत्र में सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए प्लान तैयार किया गया है, कृषक उत्पादक संगठन विभिन्न जगहों पर कोल्ड स्टोरेज इत्यादि की व्यवस्था करेंगे ताकि उत्पादों के सही दाम मिलने पर ही विक्रय की व्यवस्था हो सके इससे किसानों को भी फायदा होगा।
उन्होंने कहा कि कांगड़ा सहकारी प्राइमरी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक द्वारा किए जा रहे कार्यों की भी सराहना की। इससे पहले कांगड़ा सहकारी प्राइमरी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के अध्यक्ष कमल नयन शर्मा ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए कहा कि बैंक द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को समयबद्व पूरा किया जा रहा है तथा पहले से इस वितीय वर्ष उपलब्धियां बेहतर रही हैं। इस अवसर पर बैंक द्वारा विभिन्न मदों के तहत अर्जित लक्ष्यों के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर विधायक विशाल नैहरिया, महापौर ओंकार नैहरिया, भाजपा के जिलाध्यक्ष चंद्र भूषण नाग सहित बैंक के विभिन्न अधिकारी तथा निदेशक भी उपस्थित थे।
शहरी विकास एवं सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि देश भर में सहकारिता की दिशा में आगे बढ़ने के लिए कई सार्थक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार का गठन होने के पश्चात सहकारिता मंत्रालय भी अलग से बनाया गया है जो कि पहले कृषि मंत्रालय के अंतर्गत आता था। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 4600 सहकारी सोसाइटी पंजीकृत हैं जबकि इन सहकारी सभाओं के साथ 17 लाख सदस्य जुड़े हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए अब कृषि क्षेत्र में सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए प्लान तैयार किया गया है, कृषक उत्पादक संगठन विभिन्न जगहों पर कोल्ड स्टोरेज इत्यादि की व्यवस्था करेंगे ताकि उत्पादों के सही दाम मिलने पर ही विक्रय की व्यवस्था हो सके इससे किसानों को भी फायदा होगा।
उन्होंने कहा कि कांगड़ा सहकारी प्राइमरी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक द्वारा किए जा रहे कार्यों की भी सराहना की। इससे पहले कांगड़ा सहकारी प्राइमरी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के अध्यक्ष कमल नयन शर्मा ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए कहा कि बैंक द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को समयबद्व पूरा किया जा रहा है तथा पहले से इस वितीय वर्ष उपलब्धियां बेहतर रही हैं। इस अवसर पर बैंक द्वारा विभिन्न मदों के तहत अर्जित लक्ष्यों के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर विधायक विशाल नैहरिया, महापौर ओंकार नैहरिया, भाजपा के जिलाध्यक्ष चंद्र भूषण नाग सहित बैंक के विभिन्न अधिकारी तथा निदेशक भी उपस्थित थे।
कवियों की महफिल ने साहित्य उत्सव को किया सराबोर
धर्मशाला, 26 मार्च। ( विजयेन्दर शर्मा) । धर्मशाला के महाविद्यालय के सभागार में कवियों की महफिल ने साहित्य उत्सव को सराबोर कर दिया। कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से युवाओं को प्रेरित करते हुए समाज के निर्माण और आगे बढ़ने का संदेश दिया। मानवीय संवेदनाओं को उकरेते शब्दों पर श्रोताओं ने खूब तालियां बजाकर आनंद उठाया।
धर्मशाला, 26 मार्च। ( विजयेन्दर शर्मा) । धर्मशाला के महाविद्यालय के सभागार में कवियों की महफिल ने साहित्य उत्सव को सराबोर कर दिया। कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से युवाओं को प्रेरित करते हुए समाज के निर्माण और आगे बढ़ने का संदेश दिया। मानवीय संवेदनाओं को उकरेते शब्दों पर श्रोताओं ने खूब तालियां बजाकर आनंद उठाया।
साहित्य उत्सव में कवि सम्मेलन की शुरूआत करते हुए डा गौतम व्यथित ने देश भक्ति से ओतप्रोत कविता प्रस्तुत कर युवाओं को देश भक्ति का पाठ पढ़ाया वहीं मानवीय संवेदनाओं को व्यक्त करते हुए कवि, साहित्यकार नवनीत शर्मा के काव्य वाचन के अलग अंदाज ने श्रोताओं को आत्म विभोर कर दिया। कवि नवनीत शर्मा की यह पंक्तिया,ं सब खुश थे सुनकर जंग की बातें, मगर इधर पहरों मुंह में निवाला नहीं गया, यह और है कि उजाला नहीं गया, लेकिन जो दाल में था वो काला नहीं गया, को श्रोताओं ने खूब सराहा।
कवि पृथी पाल सिंह ने कल्पनाओं को शब्दों में पिरोते हुए कुछ इस तरह से अपने भाव व्यक्त किए सिंचित चिर रातों के तम से, अलसायी पलकों के श्रम से, कोमल सपने कुछ तो बोलो इसी तरह से पवन इंद्र गुप्ता ने भूख लगती है रोटी मांगते हैं, इन बुजुर्गों में भी कितना बचपना है, कवि मधुभूषण ने चलो हम जमीं के करें ख्बाब करें पूरे कविता सुनाकर सबको आत्मविभोर कर दिया।
इसके पश्चात शाम ए गजल में भी तारिक मलिक और किशन कुमार के सुर और ताल की लय ने दर्शकों को गुनगुनाने पर मजबूर कर दिया। इस अवसर पर बतौर मुख्यातिथि उपायुक्त कांगड़ा डा निपुण जिंदल ने कवि सम्मेलन के प्रतिभागी कवियों को सम्मानित करते हुए कहा कि कविताएं समाज निर्माण में अहम भूमिका का निर्माण करती हैं, लोगों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी देश भक्ति की कविताओं ने लोगों को जागरूक किया है इसके साथ सामाजिक बुराइयों को दूर करने में भी कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से अहम भूमिका निभाई है।
कवि पृथी पाल सिंह ने कल्पनाओं को शब्दों में पिरोते हुए कुछ इस तरह से अपने भाव व्यक्त किए सिंचित चिर रातों के तम से, अलसायी पलकों के श्रम से, कोमल सपने कुछ तो बोलो इसी तरह से पवन इंद्र गुप्ता ने भूख लगती है रोटी मांगते हैं, इन बुजुर्गों में भी कितना बचपना है, कवि मधुभूषण ने चलो हम जमीं के करें ख्बाब करें पूरे कविता सुनाकर सबको आत्मविभोर कर दिया।
इसके पश्चात शाम ए गजल में भी तारिक मलिक और किशन कुमार के सुर और ताल की लय ने दर्शकों को गुनगुनाने पर मजबूर कर दिया। इस अवसर पर बतौर मुख्यातिथि उपायुक्त कांगड़ा डा निपुण जिंदल ने कवि सम्मेलन के प्रतिभागी कवियों को सम्मानित करते हुए कहा कि कविताएं समाज निर्माण में अहम भूमिका का निर्माण करती हैं, लोगों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी देश भक्ति की कविताओं ने लोगों को जागरूक किया है इसके साथ सामाजिक बुराइयों को दूर करने में भी कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से अहम भूमिका निभाई है।