नवसंवत् में सत्ता परिवर्तन और किसी बड़े नेता का अपदस्थ होना तय
1563 साल बाद बन रहा अति दुर्लभ संयोग: पंडित शशिपाल डोगरा
धर्मशाला 31 मार्च:( विजयेन्दर शर्मा) । वशिष्ठ ज्योतिष सदन के अध्यक्ष पंडित शशिपाल डोगरा 2 अप्रैल से हिंदू पंचांग के नवसंवत् 2079 के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसका नाम नल है और राजा शनि देव रहेंगे। शनिवार को ही चैत्र नवरात्र शुरू हो जाएंगे, जो 10 अप्रैल तक रहेंगे। इस संवत का राजा शनि व मंत्री गुरु होने के कारण देश मे महंगाई भ्रष्टाचार व आम जनता को लाभ न मिलने के कारण जनता में असंतोष रहेगा। भारत के किसी राज्य में सत्ता परिवर्तन व किसी बड़े नेता का अपदस्थ होना व मृत्यु योग बनता है। इस बार रेवती नक्षत्र और तीन राजयोगों में नववर्ष की शुरुआत होना शुभ संकेत है। इसके स्वामी बुध हैं। बुध के कारण कारोबार में फायदा होता है, इसलिए इस नक्षत्र में खरीद-बिक्री करना शुभ माना जाता है। व्यापार का कारक बुध भी इस नक्षत्र में रहेगा। इससे बड़े लेन-देन और निवेश के लिए पूरा साल शुभ रहेगा। नव वर्ष साथ ही नवरात्र में तिथि की घट-बढ़ नहीं होने से देवी पर्व पूरे 9 दिन का रहेगा। इस तरह अखंड नवरात्र सुख-समृद्धि देने वाली रहेगी। उन्होंने बताया कि 1563 साल बाद अति दुर्लभ संयोग हो रहा है। इससे पहले 22 मार्च 459 को ये ग्रह स्थिति बनी थी।
पंडित डोगरा ने बताया कि इस साल नववर्ष की शुरुआत में मंगल और राहु-केतु अपनी उच्च राशि में रहेंगे वहीं, शनि खुद की ही राशि मकर में होगा। नववर्ष के सूर्योदय की कुंडली में शनि-मंगल की युति से धन, भाग्य और लाभ का शुभ योग बन रहा है। इस योग के प्रभाव से ये साल मिथुन, तुला और धनु राशि वाले लोगों के लिए बहुत शुभ रहेगा। वहीं, अन्य राशियों के लिए बड़े बदलाव का समय रहेगा। शनि-मंगल और राहु-केतु का अति दुर्लभ संयोग बन रहा है जो भाग्य, धन और लाभ देने वाला रहेगा ।
पंडित डोगरा ने बताया कि आर्थिक मजबूती और व्यापार को बढ़ाने वाला साल रहेगा। सरल, सत्कीर्ति और वेशि नाम के राजयोगों में नववर्ष शुरुआत हो रही है, जिससे नवरात्र में खरीदारी, लेन-देन, निवेश और नए कामों की शुरुआत करना शुभ रहेगा। इन योगों का शुभ फल पूरे साल दिखेगा। इस कारण कई लोगों के लिए ये साल सफलता और आर्थिक मजबूती देने वाला रहेगा। इस साल लोगों के कल्याण के लिए योजनाएं बनेंगी और उन पर काम भी होगा। कई लोगों के लिए बड़े बदलाव वाला साल रहेगा।
नववर्ष शुरू होते ही 9 ग्रहों का राशि परिवर्तन
नववर्ष के शुरू होते ही सभी ग्रहों का राशि परिवर्तन होगा। अप्रैल में सबसे पहले मंगल 7 तारीख को कुंभ में जाएगा। मंगल 45 दिनों में राशि बदल करते है। बुध 8 को मेष में और महीने के आखिरी फिर 24 को वृष में प्रवेश करेगा। बुध हर 21 दीन मे राशी परिवर्तन करते है। 11 अप्रैल को राहु-केतु राशि बदलकर मेष और तुला में आ जाएंगे। ये दोनों ग्रह 18 माह तक इन्हीं राशी में स्थित होंगे। 13 अप्रैल को गुरु कुंभ राशि में आयेंगे। 14 को सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में आयेंगे। 27 अप्रैल को शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में आयेंगे। शुक्र हर 27 दिनों में राशी परिवर्तन करते है। 28 अप्रैल को शाम 7:30 बजे शनि अपनी ही राशि कुंभ में प्रवेश करेगा।
चंद्रमा हर ढाई दिन में राशि बदलता ही है। इस तरह नए साल के शुरू होने के महीने भर में ही सारे 9 ग्रह राशि परिवर्तन कर लेंगे। शनि देव 29 अप्रैल 2022 को मकर राशि से कुंभ राशि में गोचर करेंगे। इस राशि परिवर्तन से धनु राशि वाले लोगों पर चल रही साढ़ेसाती खत्म हो जाएगी, जबकि मीन राशि वालों पर शुरू हो जाएगी। वहीं, कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढय्या शुरू हो जाएगी तो, मिथुन और तुला राशि वालों को इससे मुक्ति मिलेगी। लेकिन 12 जुलाई को एक बार फिर से मकर राशि में वक्री हो जाएंगे।जिसके बाद मिथुन, तुला और धनु राशि पर फिर से शनि की दशा शुरू होगी। इन तीनों राशियों को साल 2023 में शनि की दशी से मुक्ति मिलेगी। शनि 29 मार्च 2025 तक कुंभ राशि में रहेगा। इस दौरान टेढ़ी चाल चलते हुए कुछ महीने फिर से मकर राशि में भी रहेगा।
*चैत्र घटस्थापना शनिवार 2 अप्रैल को*
चैत्र नवरात्रि घटस्थापना का मुहूर्त - सुबह 06:22 बजे से 08: 31 बजे तक
घटस्थापना का अभिजित मुहूर्त – 12:08 बजे से 12:57 बजे तक
घटस्थापना मुहूर्त प्रतिपदा तिथि पर है।
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ – 01 अप्रैल को सुबह 11:53 बजे से शुरू
प्रतिपदा तिथि समाप्त – 02 अप्रैल को सुबह 11:58 बजे तक