लॉरेट फार्मेसी संस्थान को क्लोपिडोग्रिल दवा टैबलेट पर अनुसंधान कार्य के लिए पेटेंट
धर्मशाला, 11 अप्रैल ( विजयेन्दर शर्मा) । लॉरेट फार्मेसी संसथान को क्लोपिडोग्रिल दवा (रक्त थका रोकथाम ) के तेजी से घुलने वाले टैबलेट पर अनुसंधान कार्य में नवाचार के अनुदान के लिए ऑस्ट्रेलिया सरकार के इनोवेटिव पेटेंट विभाग द्वारा पेटेंट प्रमाण पत्र प्रदान किया गया । ये पेटेंट क्लोपिडोग्रिल दवा जो की रक्त थका रोकथाम के लिए इस्तेमाल की जाती हे जिसमें प्राकृतिक पॉलीमर पके हुए आम के छिलके से प्राप्त पेक्टिन आधारित टैबलेट का उपयोग कर एंटीप्लेटलेट गतिविधियों पर शोध कार्य तैयार किया गया जिसके लिए ऑस्ट्रेलियाई पेटेंट कार्यालय ने पेटेंट प्रमाण पत्र प्रदान किया। यह जानकारी संस्थान के प्रबंध निदेशक डॉ. रण सिंह ने दी और बताया कि हमारी संस्थान की शोध टीम ने प्राकृतिक पॉलीमर पर काम किया है I पेटेंट-अनुसंधान दल के सदस्य जिसमे निर्देशक एवं प्रधानाचार्य प्रोफेसर डॉ. ऍम एस आशावत विभागाध्यक्ष फार्मसूटिक्स प्रो. डॉ. विनय पंडित के साथ विभागाध्यक्ष फार्माकोग्नॉसी डॉ. सी.पी.एस. वर्मा ने इस परियोजना पर मदरहुड यूनिवर्सिटी रुड़की-उत्तराखंड के सहयोग से शोध को पूरा किया था ।अनुसन्धान परियोजना के परिणाम के रूप में, संसथान की टीम ने अगस्त -2021 के महीने में ऑस्ट्रेलियाई पेटेंट कार्यालय में पेटेंट के लिए आवेदन किया था। महत्वपूर्ण वैज्ञानिक मूल्यांकन के बाद ऑस्ट्रेलियाई आईपीआर विभाग ने पेटेंट को प्रकाशित और प्रमाणित किया I इसकी खबर मिलते ही संसथान के शिक्षिकों एवं छात्र छात्रों में खुशियों की लहर दौड़ उठी जो की लॉरेट फार्मेसी संसथान के लिए गर्व का विषय है I यह जानकारी लॉरेट संस्थान के मीडिया प्रभारी सहायक प्रोफेसर देव राज शर्मा ,सहायक प्रोफेसर तरुण शर्मा ने दी I
धर्मशाला, 11 अप्रैल ( विजयेन्दर शर्मा) । लॉरेट फार्मेसी संसथान को क्लोपिडोग्रिल दवा (रक्त थका रोकथाम ) के तेजी से घुलने वाले टैबलेट पर अनुसंधान कार्य में नवाचार के अनुदान के लिए ऑस्ट्रेलिया सरकार के इनोवेटिव पेटेंट विभाग द्वारा पेटेंट प्रमाण पत्र प्रदान किया गया । ये पेटेंट क्लोपिडोग्रिल दवा जो की रक्त थका रोकथाम के लिए इस्तेमाल की जाती हे जिसमें प्राकृतिक पॉलीमर पके हुए आम के छिलके से प्राप्त पेक्टिन आधारित टैबलेट का उपयोग कर एंटीप्लेटलेट गतिविधियों पर शोध कार्य तैयार किया गया जिसके लिए ऑस्ट्रेलियाई पेटेंट कार्यालय ने पेटेंट प्रमाण पत्र प्रदान किया। यह जानकारी संस्थान के प्रबंध निदेशक डॉ. रण सिंह ने दी और बताया कि हमारी संस्थान की शोध टीम ने प्राकृतिक पॉलीमर पर काम किया है I पेटेंट-अनुसंधान दल के सदस्य जिसमे निर्देशक एवं प्रधानाचार्य प्रोफेसर डॉ. ऍम एस आशावत विभागाध्यक्ष फार्मसूटिक्स प्रो. डॉ. विनय पंडित के साथ विभागाध्यक्ष फार्माकोग्नॉसी डॉ. सी.पी.एस. वर्मा ने इस परियोजना पर मदरहुड यूनिवर्सिटी रुड़की-उत्तराखंड के सहयोग से शोध को पूरा किया था ।अनुसन्धान परियोजना के परिणाम के रूप में, संसथान की टीम ने अगस्त -2021 के महीने में ऑस्ट्रेलियाई पेटेंट कार्यालय में पेटेंट के लिए आवेदन किया था। महत्वपूर्ण वैज्ञानिक मूल्यांकन के बाद ऑस्ट्रेलियाई आईपीआर विभाग ने पेटेंट को प्रकाशित और प्रमाणित किया I इसकी खबर मिलते ही संसथान के शिक्षिकों एवं छात्र छात्रों में खुशियों की लहर दौड़ उठी जो की लॉरेट फार्मेसी संसथान के लिए गर्व का विषय है I यह जानकारी लॉरेट संस्थान के मीडिया प्रभारी सहायक प्रोफेसर देव राज शर्मा ,सहायक प्रोफेसर तरुण शर्मा ने दी I