120 साल पुराना है ज्वालामुखी का लक्ष्मी नारायण मंदिर

हिमाचल प्रदेश के जिला कांगडा जिला के ज्वालामुखी में करीब 120 साल पहले लक्ष्मी नारायण मंदिर स्थापित किया गया था। सृष्टि पालक भगवान विष्णु महामाया लक्ष्मी के यहां विराजमान हैं। मंदिर का निर्माण बाबा द्धारका दास वैरागी ने 1895 में करवाया। मंदिर में स्थापित आदमकद मूर्तियां सफेद संगमरमर की हैं। जो यहां जोधपुर से लाई गईं थीं। मंदिर में प्रवेश करते ही बांके बिहारी मंदिर का एहसास होता है। वृंदावन में बांके बिहारी जी के मंदिर में भी कुछ ऐसी ही राधा कृष्ण की मूर्तियां हैं। लेकिन यहां लक्ष्मी नारायण विराजमान हैं। बाबा द्धारका दास वैरागी संत गरली के रहने वाले थे। 18 वीं सदी के अंत में बावा ज्वालामुखी आये , तो यहीं के होकर रह गये। उन्होंने गरली की सूद बिरादरी के सहयोग से न केवल यहां भव्य मंदिर का निर्माण कराया, बल्कि उन्हीं की स्मृति में मंदिर के साथ बाबा द्धारका दास धर्मशाला बनवाई गई। जो ज्वालामुखी आने वाले श्रद्धालुओं के लिये बेहतरीन आश्रय स्थल है।

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