मिलिए काँगड़ा के एस पि अतुल फुलझले से जो एम् बी बी एस करने के बावजूद पोलिसे महकमे में आ गए आज उनकी चर्चा पुरे देश में है



विजयेंदर शर्मा
कांगड़ा , 12 जुलाई 2010
कांगडा के एस पी अतुल फुलजले को कौन नहीं जानता। भारतीय पुलिस सेवा के इस अधिकारी को खासी चर्चा उस समय मिली जब उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत बेहतर सूचना अधिकारी का पुरुस्कार जीता। अतुल ने हालांकि एमबीबीएस की डिग्री हासिल की है। लेकिन डाक्टरी पेशे में कदम रखने के बजाये उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा में जाना बेहतर समझा। चूंकि शुरू से ही उनका रुझान अपराध की ओर था। पुलिस सेवा में आने के बाद उन्होंने अपराध व अपराधियों को पकडने में कई नये प्रयोग किये। जो इस कदर सफल रहे कि उनकी चर्चा आज भी हर जगह होती है।

कांग्डा जिला में एसपी के पद पर आने के बाद देश में जब सूचना का अधिकार विधेयक पास हुआ तो उन्होंने न केवल अपने पास आये कई आवेदनों को सूचना अधिकारी के नाते निपटाया बल्कि एक रिकार्ड भी बनाया। तमाम अवरोधों को पार करते उन्होंने मात्र तीस दिन में ही १९३ आवेदनों का जवाब सूचना के अधिकार के तहत दिया। जो कि एक रिकार्ड है। बीते साल ही उन्हें देश के बेस्ट पीआईओ का रनर अप एवार्ड मिला था। आज उन्हें खुद इस बात फखर है कि वह आवेदकों को संतुष्ट कर पाये।

कांगडा के एसपी अतुल फूलजले का मानना है कि देश में आया यह कानून अनूठा है। इसके माध्यम से भ्रष्टाचार से लडने के लिये आम आदमी न के वल ताकत मिली है बल्कि लोकतांत्रिक तरीके से अपने फैंसले भी ले पायेंगे। वह मानते हैं कि अधिकारियों को इस की अनुपालना के लिये बेहतर टरेनिंग दी जानी चाहिये। ताकि कोई भी इसे अन्यथा न ले।

उन्होंने दलील दी कि सी पी आई ओ को आवेदकों का खुले मन से स्वागत करना चाहिये। हर आवेदन का समय पर जवाब देना चाहिये। क्या पता हमारी ओर से उपलध करायी गयी कोई जानकारी समाज की दशा व दिशा न बदल दे। सामाजिक परिवर्तन के लिये आर टी आई मजबूत व महत्वपूर्ण हथियार है। बकौल उनके अमूमन पुलिस महकमें में जांच अधिकारी कोई सूचना देने में हिचक दिखातें हैं। केस की पडताल के दौरान कोई सूचना नहीं दी जाती। हमें इस मानसिकता को बदलना है।

1 टिप्पणियाँ

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  1. अगर कुछ बहुत से सरकरी सेवक भी इस प्रकार का जज्बा रखे तो देश की तकदीर बदलने शायद में ज्यादा समय नहीं लगेगा.

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