हिमाचल प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव पार्टी चिन्ह पर

हिमाचल प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव पहली बार   पार्टी चिन्ह पर होंगे। इसके बारे में जल्द अधिसूचना जारी होने जा रही है। राज्य की 24 नगर पंचायतों व 24 नगर पालिकाओं सहित कुल 48 शहरी निकायों में पार्टियां अपने उम्मीदवार खड़े करेंगी।

हिमाचल में भाजपा सरकार का पंचायत चुनाव के दौरान यह फैसला अहम माना जा रहा है। इसकी वजह यह है कि सत्ता के तीन वर्ष के पूरा होने के बाद न सिर्फ भाजपा बल्कि कांग्रेस भी अपनी पार्टी की स्थिति का आकलन कर सकेगी। हालांकि सत्तारूढ़ दल भाजपा ने यह निर्णय काफी विचार कर लिया है। हालांकि चर्चाएं यह चल रही थीं कि गुजरात की तर्ज पर समूचे पंचायती राज व स्थानीय निकाय चुनाव पार्टी चुनाव चिन्ह पर लड़े जाएंगे, लेकिन अभी मामला केवल स्थानीय निकाय चुनाव को आजमाने तक हुआ है। बताते हैं कि भाजपा में इस विषय पर चिंतन के बाद यही राय निकली कि शहरों में कुछ स्थिति बेहतर हो सकती है। लिहाजा अभी पार्टी चुनाव चिन्ह पर चुनाव करवाने का जोखिम सिर्फ इसी क्षेत्र में लिया जाए। गौरतलब है कि शहरी स्थानीय निकायों में कुल तीन लाख चार हजार 675 मतदाता हैं। इनमें एक लाख 60 हजार 491 पुरुष व एकलाख 44 हजार 184 महिला मतदाता हैं। यह सवा तीन लाख वोटर पार्टी ट्रेंड के सैंपल के दृष्टिगत काफी महत्वपूर्ण रहेगा। गौर है कि दिसंबर के आखिर में भाजपा अपनी पारी का तीसरा वर्ष पूरा करने जा रही है और ऐसे में चुनाव चिन्ह की यह अधिसूचना अहम होगी, जबकि कांग्रेस के लिए भी परीक्षा से कहीं कमतर नहीं होगी। वहीं शुक्रवार को निर्वाचन आयोग ने इस बारे में भी औपचारिक अधिसूचना जारी कर दी कि नगर निगम के महापौर व उपमहापौर और नगर परिषदों व नगर पंचायतों के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के चुनाव प्रत्यक्ष रूप से होंगे।

गौर है कि अभी नगर परिषदों व नगर पंचायतों के चुनाव होने हैं। प्रदेश की एकमात्र नगर निगम शिमला के चुनाव बाद में होंगे।

BIJENDER SHARMA

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