नई दिल्ली. 1996 के टेलिकॉम घोटाले में दोषी करार दिए गए पूर्व दूरसंचार
मंत्री सुखराम ने शनिवार को दिल्ली की एक अदालत ने घूस लेने का दोषी करार
देते हुए पांच साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही अदलत ने उनपर 4 लाख रूपए
का जुर्माना भी लगाया है।सीबीआई अदालत के इस आदेश के बाद सुखराम को फ़ौरन
हिरासत में ले लिया गया । उन्हें तिहाड़ जेल भेजा जा रहा है। सुखराम इस
आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील कर सकते हैं। रोहिणी कोर्ट परिसर से
सुखराम जब बाहर निकल रह थे तभी अचानक हरमिंदर सिंह नाम के एक व्यक्ति ने
उनपर हमला कर उनसे हाथापाई की। बाद में वहां उपस्थित लोगों ने हरमिंदर को
पकड़ लिया। हरमिंदर के इस तरह हमला करने की वजह फिलहाल पता नहीं चल पाई
है।इससे पहले सुखराम ने शनिवार को सीबीआई अदालत में सुनवाई के दौरान
कोर्ट से अनुरोध किया कि उनकी 86 साल की उम्र को देखते हुए सजा में
रियायत बरती जाए। वहीं सीबीआई ने सुखराम को 'आदतन अपराधी' बताते हुए उनके
लिए अधिकतम सजा की मांग की । पूर्व प्रधानमंत्नी पी वी नरसिम्हा राव की
कैबिनेट में दूर संचार मंत्नी रहे सुखराम को भ्रष्टाचार निरोधक कानून और
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत दोषी ठहराया गया है। इन आरोपों के तहत
उन्हें कम से कम सात वर्ष तक की सजा का प्रावधान है।
मंत्री सुखराम ने शनिवार को दिल्ली की एक अदालत ने घूस लेने का दोषी करार
देते हुए पांच साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही अदलत ने उनपर 4 लाख रूपए
का जुर्माना भी लगाया है।सीबीआई अदालत के इस आदेश के बाद सुखराम को फ़ौरन
हिरासत में ले लिया गया । उन्हें तिहाड़ जेल भेजा जा रहा है। सुखराम इस
आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील कर सकते हैं। रोहिणी कोर्ट परिसर से
सुखराम जब बाहर निकल रह थे तभी अचानक हरमिंदर सिंह नाम के एक व्यक्ति ने
उनपर हमला कर उनसे हाथापाई की। बाद में वहां उपस्थित लोगों ने हरमिंदर को
पकड़ लिया। हरमिंदर के इस तरह हमला करने की वजह फिलहाल पता नहीं चल पाई
है।इससे पहले सुखराम ने शनिवार को सीबीआई अदालत में सुनवाई के दौरान
कोर्ट से अनुरोध किया कि उनकी 86 साल की उम्र को देखते हुए सजा में
रियायत बरती जाए। वहीं सीबीआई ने सुखराम को 'आदतन अपराधी' बताते हुए उनके
लिए अधिकतम सजा की मांग की । पूर्व प्रधानमंत्नी पी वी नरसिम्हा राव की
कैबिनेट में दूर संचार मंत्नी रहे सुखराम को भ्रष्टाचार निरोधक कानून और
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत दोषी ठहराया गया है। इन आरोपों के तहत
उन्हें कम से कम सात वर्ष तक की सजा का प्रावधान है।
सीबीआई ने वर्ष 1998 में पूर्व दूरसंचार मंत्नी सुखराम और एक अन्य
व्यक्ति के खिलाफ कथित तौर पर अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए केबल
कंपनियों को तीन लाख रूपए के एवज में फायदा पहुंचाने का मामला दर्ज किया
था।
शुक्रवार को विशेष केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) न्यायाधीश आरपी पांडे
ने 84 वर्षीय श्री सुखराम को दोषी ठहराया।
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश के पूर्व कांग्रेसी नेता सुखराम 1996 में
नरसिम्हा राव मंत्रिमंडल में दूरसंचार मंत्री थे। 1996 में हुए दूरसंचार
घोटाले में सुखराम पहले भी जेल जा चुके हैं। घोटाले में नाम आने के बाद
कांग्रेस पार्टी ने उन्हें मंत्री पद से हटा दिया था। बाद में सुखराम ने
कांग्रेस छोड़कर हिमाचल कांग्रेस पार्टी नाम से एक अलग पार्टी बना ली थी।