जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और एनआईटी के संयुक्त प्रयासों विकसित की गई ट्रॉली
हमीरपुर 27 जुलाई (विजयेन्दर शर्मा) । । कोरोना काल में अस्पतालों में ऑक्सीजन गैस सिलेंडरों को आसानी से मरीजों के बेड तक पहुंचाने तथा खाली सिलेंडरों को तुरंत बदलने के लिए जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और एनआईटी के संयुक्त प्रयासों से तैयार की गई सेमी-ऑटोमेटेड ट्रॉली का नागरिक अस्पताल टौणी देवी में सफलतापूर्वक ट्रायल आरंभ कर दिया गया है। सोमवार को उपायुक्त देबश्वेता बनिक और अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में यह ट्रायल शुरू किया गया।
उपायुक्त ने बताया कि अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए स्वास्थ्य कर्मचारियों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सिलेंडर लाने, बदलने और खाली सिलेंडर को रीफिलिंग हेतु ले जाने के लिए कई बार 5-6 लोगों की मदद लेनी पड़ती है। सिलेंडर को आसानी से ले जाने के लिए बाजार में भी कोई आधुनिक ट्रॉली उपलब्ध नहीं है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की खपत बढऩे के बाद अस्पताल कर्मचारियों की दिक्कतें और भी बढ़ गईं। ऐसी परिस्थितियों में जिला प्रशासन ने निर्णय लिया कि ऐसी सेमी-ऑटोमेटेड ट्रॉली विकसित की जाए, जिससे इस समस्या का स्थायी समाधान हो सके। उपायुक्त ने बताया कि टैक्नोलॉजी के माध्यम से इस समस्या के समाधान के लिए जिला प्रशासन ने एनआईटी का सहयोग लिया।
उपायुक्त ने बताया कि इस सेमी-ऑटोमेटेड ट्रॉली का अब नागरिक अस्पताल टौणी देवी में ट्रायल शुरू कर दिया गया है। इस ट्रॉली के माध्यम से केवल एक व्यक्ति ही ऑक्सीजन गैस सिलेंडरों को अस्पताल की एक मंजिल से दूसरी मंजिल तक बड़ी आसानी से ले जा सकता है तथा खाली सिलेंडरों को बहुत ही कम समय में बदल सकता है। उन्होंने बताया कि प्राथमिक ट्रायल के बाद इस सेमी-ऑटोमेटेड ट्राली की गतिविधियों को विस्तार देने के लिए प्रदेश सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
इस अवसर पर उपायुक्त के साथ एसडीएम डॉ. चिरंजी लाल चौहान, बीएमओ डॉ. केके शर्मा, एनआईटी के प्रोफेसर डॉ. आरके जरियाल, डॉ. राजेश कुमार और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
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फोटो कैप्शन : नागरिक अस्पताल टौणी देवी में सेमी-ऑटोमेटेड ट्रॉली के ट्रायल के शुभारंभ अवसर पर उपायुक्त देबश्वेता बनिक और अन्य अधिकारी।