धर्मशाला , 10 जुलाई (विजयेन्दर शर्मा)। । कोरोना की दूसरी लहर के कहर ढाने के बाद नियमों में कुछ छूट दी गई तो उत्तर भारत में मैदानी इलाकों के लोग पहाड़ों की तरफ रुख करने लगे हैं। हालांकि वह फुर्सत के लम्हें बिताने के बीच कोरोना नियमों को भूल गए हैं और अधिकतर सैलानी बिना मास्क और सामाजिक दूरी के नियमों को ताक पर रखे हुए दिखाई दिए हैं।
इस बीच हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला के मैक्लोडगंज हिल स्टेशन पर फिल्माई गई एक वीडियो ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है, क्योंकि वीडियो में एक झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाला बच्चा बिना मास्क घूम रहे सैलानियों को मास्क पहनने को कहता दिखाई दे रहा है। यह बच्चा एक प्लास्टिक का डंडा लेकर सैलानियों से सख्ती से मास्क के बारे में पूछता दिखाई दे रहा है कि आपका मास्क कहां है?
पांच वर्षीय अमित का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने भी बच्चे को सम्मानित किया है और उसका हौसला बढ़ाया है। यही नहीं छुट्टी मनाने पहाड़ों पर आने वाले लोगों को जागरूक करने के लिए उसे जागरूकता प्रहरी बनाया है।
मैदानी इलाकों में गर्मी बढ़ने के बाद राज्य में पर्यटकों की संख्या में बड़ी वृद्धि देखी जा रही है, जिससे डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि उनका कोविड-अनुचित व्यवहार महामारी की तीसरी लहर को ट्रिगर कर सकता है।
इस बीच लापरवाह लोगों को जागरूक करने का बीड़ा यह गरीब बच्चा अमित उठाता है, जिसके माता-पिता गुब्बारे बेचकर अपनी आजीविका कमाते हैं। मैक्लोडगंज के पास भागसूनाग की गलियों में एक वीडियो में वह लोगों को प्लास्टिक की छड़ी से इशारा करके मास्क पहनने के लिए कहता दिखाई देता है।
जब वीडियो वायरल हुआ, तो स्थानीय पुलिस भी अमित से प्रभावित हुई और उसे भोजन और कपड़े प्रदान किए। एक तस्वीर में एक नई हिमाचली टोपी और कपड़े पहने हुए वह पुलिस वाहन पर बैठा दिखाई दिया है, जो कि अब कोविड-उपयुक्त व्यवहार का नया शुभंकर यानी जागरूकता प्रहरी बन गया है।
इंस्टाग्राम पर शेयर किए गए वीडियो के कैप्शन में लिखा है, इस नन्हे बच्चे को धर्मशाला की सड़कों पर लोगों से मास्क पहनने के लिए कहते देखा गया। उसके पास पहनने के लिए जूते भी नहीं हैं। इन लोगों के मुस्कुराते चेहरों को देखिए। यहां कौन पढ़ा-लिखा है और कौन अशिक्षित?
वीडियो में अमित खुद एक मास्क पहने हुए दिखाई दे रहा है और अपने पास से गुजरने वाले उन सभी लोगों को टोकते हुए पूछ रहा है, तुम्हारा मास्क कहां है?
पांच वर्षीय अमित का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने भी बच्चे को सम्मानित किया है और उसका हौसला बढ़ाया है। यही नहीं छुट्टी मनाने पहाड़ों पर आने वाले लोगों को जागरूक करने के लिए उसे जागरूकता प्रहरी बनाया है।
मैदानी इलाकों में गर्मी बढ़ने के बाद राज्य में पर्यटकों की संख्या में बड़ी वृद्धि देखी जा रही है, जिससे डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि उनका कोविड-अनुचित व्यवहार महामारी की तीसरी लहर को ट्रिगर कर सकता है।
इस बीच लापरवाह लोगों को जागरूक करने का बीड़ा यह गरीब बच्चा अमित उठाता है, जिसके माता-पिता गुब्बारे बेचकर अपनी आजीविका कमाते हैं। मैक्लोडगंज के पास भागसूनाग की गलियों में एक वीडियो में वह लोगों को प्लास्टिक की छड़ी से इशारा करके मास्क पहनने के लिए कहता दिखाई देता है।
जब वीडियो वायरल हुआ, तो स्थानीय पुलिस भी अमित से प्रभावित हुई और उसे भोजन और कपड़े प्रदान किए। एक तस्वीर में एक नई हिमाचली टोपी और कपड़े पहने हुए वह पुलिस वाहन पर बैठा दिखाई दिया है, जो कि अब कोविड-उपयुक्त व्यवहार का नया शुभंकर यानी जागरूकता प्रहरी बन गया है।
इंस्टाग्राम पर शेयर किए गए वीडियो के कैप्शन में लिखा है, इस नन्हे बच्चे को धर्मशाला की सड़कों पर लोगों से मास्क पहनने के लिए कहते देखा गया। उसके पास पहनने के लिए जूते भी नहीं हैं। इन लोगों के मुस्कुराते चेहरों को देखिए। यहां कौन पढ़ा-लिखा है और कौन अशिक्षित?
वीडियो में अमित खुद एक मास्क पहने हुए दिखाई दे रहा है और अपने पास से गुजरने वाले उन सभी लोगों को टोकते हुए पूछ रहा है, तुम्हारा मास्क कहां है?