नई दिल्ली 25 नवम्बर, नई दिल्ली में चल रहे भारत अन्र्तराष्ट्रीय
व्यापार मेले 2011 के
दौरान हिमाचल पैवेलियन में निपुण हाथों की कारीगरी की बेजोड़ मिसाल देखने
को मिल रही है। राज्य के किन्नौर, चम्बा, कुल्लु तथा कांगड़ा जिलों के
हस्तशिल्प कलाकारों द्वारा पैवेलियन में बनाए जा रहे कला नमूनों पर
दिल्लीवासी खासे फिदा हैं । पैवेलियन के प्रवेश द्वार पर एक महिला कलाकार
द्वारा किन्नौरी डिजाईन की स्वास्तिक शाल की बुनाई की जा रही है जिसके
सात रंगों का डिजाईन स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी शुभ माना जाता है । इस
शाल की उपयोगिता 100 साल तक बताई जा रही है । पैवेलियन के प्रवेश द्वार
पर ही चम्बा की महिला कलाकार चंचल जसरोटिया द्वारा चम्बा रूमाल की कढ़ाई
की जा रही है । महानगरों के दर्शकों के लिए रूमाल को सजावटी कलाकृति के
रूप में काफी उत्सुकता से देख रहे हैं । राधा-कृष्ण, शिव-पार्वती,
गणेश-लक्ष्मी, गद्दी-गद्दण आदि कलाकृतियों से पैवेलियन में ही बनाए जा
रहे चम्बा रूमाल को राज्य की सांस्कृतिक धरोहर के रूप में धड़ल्ले से पेश
किया जा रहा है । 5,000 रूपए से 25,000 रूपए तक की कीमत की इन विशिष्ट
कला कृतियों को व्यवसायिक तौर पर बाजार में उतारने के लिए इस व्यापार
मेले के माध्यम से काफी मदद मिलने की आशा है । राज्य के प्रसिद्घ शाल
निर्माताओं भुट्टïी वीर्वसज, हिम बुनकर, हि0 प्र0 हैण्डलूम हैण्डीक्राफ्ट
निगम, शास्त्री नगर हैण्डलूम कार्पोरेशन आदि ने राज्य के कुल्लु, शिमला,
किन्नौर जिलों की विशिष्ट डिजाईन की शालों की प्रदर्शनी लगाई है जिसे
दिल्लीवासियों द्वारा काफी सराहा जा रहा है । यह निर्माता अपने उत्पादों
को लोकप्रिय बनाने के लिए काफी आकर्षक कमीशन भी ग्राहकों को प्रदान कर
रहे हैं ।
पैवेलियन में हि0 प्र0 खादी एवं ग्रामोद्योग
द्वारा राज्य के ग्रामीण
क्षेत्रों के विशुद्घ उत्पादों की बिक्री की जा रही है जिसकी भारी मांग
है । इसके अलावा निजि उद्यमियों द्वारा कांगड़ा हर्बल चाय, शहद,
आयुर्वेदिक दवाईयों, हर्बल सौन्दर्य प्रसाधनों आदि की प्रदर्शनियां
आयोजित की गई हैं जिन्हें ग्राहकों का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है ।
हिमाचल पैवेलियन में राज्य में हुए व्यापक
औद्योगिकरण का भी व्यापक
प्रदर्शन देखने को मिल रहा है । राज्य में प्रतिष्ठिïत माईक्रोटैक,
सोनालिका समूह, वी0डी0एम0, हिमाचल पर्यटन, ओकाया बैटरीज आदि घरानों ने
पैवेलियन में अपने लोकप्रिय उत्पादों की प्रदर्शनियां लगाई हैं जिनके
माध्यम से दर्शकों को हिमाचल प्रदेश में हुए व्यापक औद्योगिकरण की
जानकारी मिल रही है जिससे राज्य की प्रतिष्ठा को चार चॉंद लग रहे हैं ।
कुल्लु की महिलाओं के स्वयं सहायता समूह अंकुर
द्वारा अपने स्टाल में
ऊनी जूतों, स्वेटरों, ऊनी टोपियों तथा दस्तानों की बिक्री की जा रही है
तथा आगामी शर्द ऋतु को देखते हुए ग्राहक इन उत्पादों की धड़ल्ले से
खरीददारी कर रहे हैं ।
हिमाचल पैवेलियन के निदेशक श्री आर0 आर0 पटियाल
ने बताया कि इस बार
पैवेलियन में 25 स्टाल, 20 डिसप्ले तथा 6 काऊन्टर स्थापित किए गए हैं ।
उन्होंने बताया कि अब तक हिमाचल पैवेलियन में 5
लाख दर्शक भ्रमण कर
चुके हैं । उन्होंने बताया कि 10 प्रतिष्ठित औद्योगिक घरानों ने राज्य
में पूंजी निवेश के प्रस्ताव पर चर्चा की है जबकि राज्य में स्थापित
औद्योगिक ईकाईयों को राजधानी दिल्ली तथा एन0सी0आर0 क्षेत्रों में अपने
उत्पादों के वितरक ढूंढने में खासी सफलता मिली ।
श्री आर0आर0 पटियाल पैवेलियन निदेशक ने बताया कि
मेले के दौरान शांति
एवं सुरक्षा बनाए रखने के लिए कड़े सुरक्षा प्रबन्ध किये गए हैं ।
उन्होंने बताया कि पैवेलियन में 960 घण्टे की लगातार रिकार्डिंग क्षमता
के 8 सी सी टी वी कैमरे सामरिक स्थलों पर स्थापित किये गए है तथा
प्रशिक्षित सुरक्षा अधिकारियों द्वारा फ्रेम मेटल डिटेक्टर एवं हैण्ड
हैण्डल मेटल डिटेक्टर के माध्यम से सभी आगन्तुकों की जांच की जा रही है
तथा विशेष महिला कर्मचारियों की अलग से तैनाती की गई है ।
उन्होंने बताया कि पैवेलियन में 24 घण्टे बिजली
आपूर्ति सुनिश्चित
करने के लिए 3 फेस के 25 किलोवॉट क्षमता का जनरेटर तैनात किया गया है तथा
इसके अतिरिक्त दर्शकों एवं स्टालों के लिए लगातार बिजली आपूर्ति के लिए 1
किलोवॉट का इन्वर्टर भी स्थापित किया गया है ।