एडीसी ने की राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के कार्यों की समीक्षा
धर्मशाला, 28 जुलाई ( विजयेन्दर शर्मा) ।: अतिरिक्त उपायुक्त गन्धर्वा राठौड़ ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल तथा उच्च न्यायालय के आदेशों की पालना के लिए सभी अधिकारी अपने-अपने विभाग के कार्यों के प्रति जिम्मेदार रहें तथा सम्बन्धित विभाग इस योजना के तहत अपने-अपने क्षेत्रों में तेजी से कार्यो का निर्वहन करें।
एडीसी आज वीरवार को डीआरडीए के सभागार में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के तहत कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में जिला में एनजीटी के तहत गठित समितियों द्वारा किये गए कार्यों की समीक्षा की गई
एडीसी ने कहा कि पर्यावरण में स्वच्छता बनाए रखने के दृष्टिगत नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की और से सॉलिड वेस्ट, प्लास्टिक वेस्ट, बायो मेडिकल वेस्ट, ई-वेस्ट तथा कंस्ट्रक्शन आदि के प्रबंधन के लिए जो नियम बनाए गए हैं उनका सफल तरीके से क्रियान्वयन करना सुनिश्चित करें।
एडीसी ने कहा कि जिला के नदी-नालों में प्रदूषण, अवैध डंपिंग और अवैध खनन को रोकने के लिए सभी संबंधित अधिकारी कदम उठाएं तथा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ठोस एवं तरल कचरे का सही निष्पादन सुनिश्चित किया जा सकता है।
बैठक में बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के तहत जिला में स्वास्थ्य सुविधाओं, जिला में बायो मेडिकल वेस्ट की मात्रा व उनका प्रबंधन, बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के लिए ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने आदि बिंदुओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। इसके अलावा जिला में चल रहे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की कार्यप्रणाली, निर्माणाधीन प्लांट की प्रगति आदि बिंदुओं पर चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि सामाजिक सहभागिता को शामिल करने के लिए जिला पर्यावरण योजना का महत्वपूर्ण महत्व है। इसे व्यक्तिगत भूमिकाओं और जिम्मेदारियों से प्रत्येक विभाग एवं अधिकारी को करना चाहिए ताकि मानव गतिविधियों के प्रतिकूल प्रभाव को कम किया जा सके।
उन्होंने आहवान किया कि नागरिक जिले को स्वच्छ बनाने में सहयोग करें और अपने घरों में ही कूड़ा एकत्रित कर नगरपरिषद् द्वारा कूड़ा एकत्रित करने वाली गाडियों में ही कूड़ा डालें। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के लिए डोर टू डोर स्तर पर ही तरल तथा ठोस कूड़ा कचरा अलग-अलग से एकत्रित करना जरूरी है ताकि संयंत्र में तरस तथा ठोस कचरा का सही तरीके से उपयोग हो सके।
बैठक में पर्यावरण संरक्षण से जुड़े अन्य मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। इस अवसर पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एसडीओ राहुल शर्मा ने बैठक का संचालन किया तथा विभिन्न मुद्दों का विस्तृत ब्यौरा पेश किया।
एडीसी ने कहा कि पर्यावरण में स्वच्छता बनाए रखने के दृष्टिगत नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की और से सॉलिड वेस्ट, प्लास्टिक वेस्ट, बायो मेडिकल वेस्ट, ई-वेस्ट तथा कंस्ट्रक्शन आदि के प्रबंधन के लिए जो नियम बनाए गए हैं उनका सफल तरीके से क्रियान्वयन करना सुनिश्चित करें।
एडीसी ने कहा कि जिला के नदी-नालों में प्रदूषण, अवैध डंपिंग और अवैध खनन को रोकने के लिए सभी संबंधित अधिकारी कदम उठाएं तथा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ठोस एवं तरल कचरे का सही निष्पादन सुनिश्चित किया जा सकता है।
बैठक में बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के तहत जिला में स्वास्थ्य सुविधाओं, जिला में बायो मेडिकल वेस्ट की मात्रा व उनका प्रबंधन, बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के लिए ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने आदि बिंदुओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। इसके अलावा जिला में चल रहे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की कार्यप्रणाली, निर्माणाधीन प्लांट की प्रगति आदि बिंदुओं पर चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि सामाजिक सहभागिता को शामिल करने के लिए जिला पर्यावरण योजना का महत्वपूर्ण महत्व है। इसे व्यक्तिगत भूमिकाओं और जिम्मेदारियों से प्रत्येक विभाग एवं अधिकारी को करना चाहिए ताकि मानव गतिविधियों के प्रतिकूल प्रभाव को कम किया जा सके।
उन्होंने आहवान किया कि नागरिक जिले को स्वच्छ बनाने में सहयोग करें और अपने घरों में ही कूड़ा एकत्रित कर नगरपरिषद् द्वारा कूड़ा एकत्रित करने वाली गाडियों में ही कूड़ा डालें। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के लिए डोर टू डोर स्तर पर ही तरल तथा ठोस कूड़ा कचरा अलग-अलग से एकत्रित करना जरूरी है ताकि संयंत्र में तरस तथा ठोस कचरा का सही तरीके से उपयोग हो सके।
बैठक में पर्यावरण संरक्षण से जुड़े अन्य मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। इस अवसर पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एसडीओ राहुल शर्मा ने बैठक का संचालन किया तथा विभिन्न मुद्दों का विस्तृत ब्यौरा पेश किया।