कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने सियासी सरगॢमयां तेज कर दी

चंडीगढ़- पाकिस्तान की लाहौर सैंट्रल जेल की काल कोठरी में बंद भारतीय कैदी सर्बजीत सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपने स्नेहिल हाथों से बना कर कुछ उपहार भेजे हैं।ये उपहार सर्बजीत की पाकिस्तान में पैरवी कर रहे वकील अवैस शेख ने आज यहां पंजाब कांग्रेस मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष कैप्टन अमसिंरदर सिंह को सौंपे। इस मौके पर सर्बजीत की बहन दलबीर कौर भी मौजूद थीं। सर्बजीत ने श्रीमती गांधी के लिए जेल में एक मोतियों की माला बनाई है। इसके अलावा उसने भारतीय तिरंगे और ..सत्यमेव जयते..अंकित एक और कृति भी श्रीमती गांधी के लिए बना कर भेजी है।कैप्टन सिंह ने कहा कि ये दोनों उपहार लेकर वह अब दिल्ली ले जाएंगे और पार्टी अध्यक्ष को सर्बजीत की ओर से भेंट करेंगे। उन्होंने कहा कि वह सर्बजीत की रिहाई के मामले पर पुन: पार्टी अध्यक्ष और प्रधानमंत्री से बात करेंगे और आग्रह करेंगे कि वे पाकिस्तान सरकार के साथ इस बारे में बात करें। उन्होंने कहा कि बतौर मुख्यमंत्री वह इससे पहले भी केंद्र सरकार और पाकिस्तान सरकार के साथ सर्बजीत की रिहाई का मुद्दा उठा चुके हैं।उन्होंने कहा कि सर्बजीत गलत पहचान का शिकार हुआ है जबकि असली गुनाहगार मंजीत सिंह था। पाकिस्तान सरकार ने गलत तथ्यों के आधार पर सर्बजीत को ही मंजीत साबित कर दिया। लेकिन उन्हें उम्मीद है कि अदालत सर्बजीत को इंसाफ देगी

चंडीगढ़---- पंजाब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने सियासी सरगॢमयां तेज कर दी हैं। सोमवार को यहां प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों के सवालों के जवाबों के दौरान अमरेंद्र ने जहां विकास के मामले में गुजरात को मॉडल बताया वहीं धान पर बोनस नहीं दिये जाने का उन्होंने विरोध किया। शिरोमणि अकाली दल से अलग होकर तीसरे मोर्चे के गठन की तैयारियों में जुटे पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल को उन्होंने फ्लॉप करार दिया।
कैप्टन अमरेंद्र ने कहा कि कांग्रेस ही नहीं बल्कि प्रदेश की जनता भी चाहती है कि जल्द से जल्द चुनाव कराये जाएं। सूबे की जनता अकाली-भाजपा सरकार से पूरी तरह से तंग आ चुकी है और जल्द से जल्द इस सरकार से छुटकारा चाहती है। उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल द्वारा समय से पूर्व चुनाव कराये जाने संबंधी दिये गये बयान पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अगर अकाली-भाजपा सरकार ऐसा करती है तो कांग्रेस इसका स्वागत करेगी।
मनप्रीत सिंह बादल के कांग्रेस में शामिल होने संबंधी सवाल के जवाब में अमरेंद्र ने कहा कि मनप्रीत का सूबे में कोई वजूद नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को साथ जोड़कर जिस तीसरे मोर्चे के गठन की बातें कही जा रही हैं, वह तीसरा मोर्चा विधानसभा चुनावों में कहीं नज़र नहीं आयेगा। उन्होंने कहा कि जहां तक बात मनप्रीत के कांग्रेस में शामिल होने की है तो यह बात नहीं भूलनी चाहिये कि राजनीतिक द्वेष के चलते कांग्रेसियों पर सबसे अधिक पुलिस केस मनप्रीत के निर्वाचन क्षेत्र में ही दर्ज हुये हैं।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पूर्ण बहुमत हासिल करेगी। साथ ही, यह भी कहा कि चुनावों में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और अकालियों के बीच ही रहेगा।
एक अन्य सवाल के जवाब में अमरेंद्र ने स्वीकारा कि मनप्रीत चुनावों में कांग्रेस को शहरी और अकालियों को ग्रामीण क्षेत्र में नुकसान पहुंचा सकते हैं। मनप्रीत को आड़े हाथों लेते हुये कैप्टन ने कहा कि स्वयं मनप्रीत ही यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि उन्हें जाना किस दिशा में है।
मनप्रीत के तीसरे मोर्च से गठबंधन की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कांग्रेस अपने बूते चुनाव लड़ेगी।
विकास के मामले में गुजरात मॉडल : पंजाब की अकाली-भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुये अमरेंद्र ने कहा कि बादल सरकार ने प्रदेश को आॢथक तंगी के हालात पर ला दिया है। पंजाब पर लगातार कर्ज का बोझ बढ़ रहा है। विकास का जिक्र आने पर उन्होंने गुजराज सरकार का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि औद्योगिक विकास के लिये पुराने ढर्रे को बदलना होगा और नीतियों में संशोधन करना होगा। गुजरात का हवाला देते हुये उन्होंने कहा कि उस प्रदेश की सोच और मॉडल को अपनाना होगा।
किसानों को बोनस का समर्थन : कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कहा कि किसानों को धान पर बोनस दिया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि किसानों के लिये कृषि अब महंगा सौदा साबित हो रहा है। केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार द्वारा किसानों को धान पर बोनस दिये जाने से इंकार करने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि किसानों के साथ यह रवैया ठीक नहीं है।
बिजली परियोजनाओं पर उठाये सवाल : पूर्व मुख्यमंत्री ने साफ किया कि पंजाब में शुरू की गई चार ताप बिजली परियोजनाओं में से दो की मंजूरी उनके कार्यकाल में दी गई थी। अब बादल सरकार इनका श्रेय भी खुद लेने की कोशिश कर रही है। बिजली परियोजनाओं की स्थापना को जहां उन्होंने प्रदेश हित में बताया, वहीं इनमें हो रही देरी पर सिंचता प्रकट की। उन्होंने कहा कि वर्तमान बिजली परियोजनाओं को पूरा होने में पांच-छह साल लगेंगे तब तक बिजली की मांग में और बढ़ोतरी हो चुकी होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि इन परियोजनाओं के लिए कोल सिंलकेज की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
परमाणु बिजली पर गोलमोल जवाब : परमाणु बिजली के मामले में पूछे गये सवाल पर कैप्टन अमरेंद्र ने गोलमोल जवाब दिया। एक ओर जहां उन्होंने परमाणु बिजली का समर्थन किया, दूसरी ओर पंजाब में परमाण बिजली संयंत्र स्थापित किये जाने का विरोध भी किया। उन्होंने कहा कि चेर्नोबिल जैसी कई अन्य घटनाओं के मद्देनजर ऐसे परमाणु संयंत्र उन सुदूरवर्ती क्षेत्रों में स्थापित किए जाने चाहिएं, जहां आबादी न हो। इन तरह की जगह के लिये उन्होंने राजस्थान और मध्यप्रदेश को उचित बताया
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