पटना, 15 नवंबर )| पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में चल रहे 'राष्ट्रीय
पुस्तक मेले' में पुस्तक प्रेमियों की पहली पसंद महात्मा गांधी और पूर्व
राष्ट्रपति ए़ पी़ ज़े अब्दुल कलाम की पुस्तकें बनी हुई हैं। विदेशी
लेखकों को भी बिहार के पुस्तक प्रेमी पसंद कर रहे हैं।
नेशनल बुक ट्रस्ट व बिहार सरकार के सहयोग से लगने वाले 'राष्ट्रीय पुस्तक
मेले' में प्रतिदिन पुस्तक प्रेमियों का हुजूम उमड़ रहा है। शाम के समय
पुस्तक प्रेमियों की भीड़ के कारण प्रकाशकों के स्टॉल भरे रहते हैं।
स्कूली बच्चे जहां अपने अभिभावकों के साथ पुस्तकें खरीदने पहुंच रहे हैं
तो कॉलेज के छात्र-छात्राएं भी अपनी पसंदीदा पुस्तकों की तलाश में मेले
में नजर आ रहे हैं। कई बुजुर्ग पुस्तक प्रेमी भी पुस्तक मेले में अपने
ज्ञान की वृद्धि के लिए पुस्तकों की खोज में भटक रहे हैं। कुल मिलाकर सभी
उम्र के लोग इस पुस्तक मेले में पहुंच रहे हैं। जमकर हो रही पुस्तकों की
बिक्री के कारण प्रकाशक भी खुश हैं।
प्रभात प्रकाशन में महात्मा गांधी की पुस्तक 'सत्य के साथ मेरे प्रयोग' व
अब्दुल कलाम की पुस्तक 'जीवन वृक्ष' और 'अग्नि की उड़ान' पुस्तकें खूब
बिक रही हैं तो चेतन भगत की पुस्तक 'वन नाइट कॉल सेंटर' युवा पुस्तक
प्रेमियों की पहली पसंद बनी हुई है।
प्रभात प्रकाशन के राजेश शर्मा ने आईएएनएस को बताया कि मनु शर्मा की
'कृष्ण की आत्मकथा' जैसी महंगी और धर्मिक पुस्तकों की भी पटना मेले में
खूब मांग है।
इधर, पेंग्विन इंडिया प्रकाशन की अरुण सिन्हा की लिखी पुस्तक 'नीतीश
कुमार एंड द राइज ऑफ बिहार' नाम की पुस्तक भी मेले में लोगों की पसंद बनी
हुई है तो राजपाल एंड संस में अशोक चक्रधर की पुस्तक 'चक्रधर चमन में' भी
लोग खरीद रहे हैं। प्रकाशक भी यहां के पुस्तक प्रेमियों की संख्या में
वृद्धि को लेकर खुश हैं।
साहित्य अकादमी के नवीन गोयल कहते हैं, "हमारे पास हर आयुवर्ग के लोग आ
रहे हैं क्योंकि हम हर वर्ग की पसंद का ख्याल रखकर पुस्तकें छापते हैं।
यहां बिहार का काफी विकास हुआ है और लोग सक्रिय भी हुए हैं।"
इसके अतिरिक्त इस पुस्तक मेले में खुशवंत सिंह की 'पाकिस्तान मेल' तथा
विदेशी लेखकों में कॉलिस और लापीयर की 'बारह बजे रात के' पुस्तक को लोग
खरीद रहे हैं।
राष्ट्रीय पुस्तक मेले में नेशनल बुक ट्रस्ट, साहित्य अकादमी, ऑक्सफोर्ड,
वाणी, राजकमल, प्रभात प्रकाशन, एकलव्य प्रकाशन, आधार प्रकाशन सहित देश के
करीब 175 प्रकाशकों के स्टॉलों पर पुस्तकों की भरमार है।