हिमाचल गृह रक्षक और नागरिक सुरक्षा का 48वाॅं राज्यस्तरीय स्थापना दिवस


धर्मशाला ----हिमाचल गृह रक्षक और नागरिक सुरक्षा का 48वाॅं राज्यस्तरीय स्थापना दिवस आज धर्मशाला के पुलिस मैदान में आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने इस अवसर पर संगठन का ध्वज फहराया व पेरेड का निरीक्षण किया तथा गृह रक्षक स्वयंसेवियों और गृह रक्षा टुकड़ी की सलामी ली, जिसका नेतृत्व श्री भोपाल चैहान ने किया।

इस अवसर पर गृह रक्षक स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गृह रक्षक आंतरिक सुरक्षा बनाए रखने में पुलिस को महत्वपूर्ण सहयोग देने के साथ-साथ आगजनी, भूकम्प, महामारी और बाढ़ इत्यादि जैसी आपात स्थितियों में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि नागरिक सुरक्षा का जिम्मा संभालने के साथ-साथ गृह रक्षक साम्प्रदायिक सौहार्द प्रोत्साहित करने, कमजोर वर्गों की सुरक्षा में प्रशासन को सहयोग तथा सामाजिक-आर्थिक एवं कल्याणकारी गतिविधियों के कार्यान्वयन में भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि गृह रक्षा और नागरिक सुरक्षा संगठन की स्थापना का उद्देश्य लोगों में सेवा, साहस एवं देशभक्ति की भावना उत्पन्न करन उन्हें राष्ट्र निर्माण से जोड़ना है।

प्रो. धूमल ने कहा कि गृह रक्षकों को फायरमैन की भर्ती में शत- प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया है तथा पिछले दो वर्षों में 82 फायरमैन भर्ती किए गए हैं। इसी तरह पुलिस विभाग में कांस्टेबलों की भर्ती, जेल विभाग में वार्डरों और वन विभाग में वन रक्षकों की भर्ती के लिए उन्हें 15 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा दी गयी है। इसके अतिरिक्त गृह रक्षा में हवलदार और प्लाटून कमाण्डर के नियमित पदों के लिए भी उन्हें परीक्षा देने के लिए पात्र बनाया गया है। उन्होंने कहा कि सैंकड़ों गृह रक्षकों ने आरक्षण की सुविधा का लाभ उठाया है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने गृह रक्षकों के सेवाकाल के लिए आयु सीमा 58 वर्ष तक बढ़ाई है और ऐसा करने वाला हिमाचल प्रदेश, देश का एक मात्र राज्य है। गृह रक्षकों के दैनिक भत्तों को भी दो बार बढ़ाया गया है। पहले 15 अगस्त, 2008 को उनके भत्ते को 130 रुपये से बढ़कार 150 रुपये किया गया और बाद में 1 सितम्बर, 2009 से यह भत्ता 150 रुपये से बढ़ाकर 170 रुपये किया गया। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व वर्ष 1998 में भाजपा सरकार

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ने ही उनका दैनिक भत्ता 51 रुपये से बढ़ाकर 60 रुपये किया गया था। उन्होंने कहा कि वर्ष 2009-10 के दौरान 2 कमांडैंट, 4 कंपनी कमांडर और 10 हवलदार इन्स्ट्रक्टर के पद स्वीकृत किए गए, जिन्हें प्राथमिकता के आधार पर भरा जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने गृह रक्षकों की भूमिका की सराहना करते हुए 12 बहादुरी, 7 विशिष्ट और 88 सराहनीय सेवा पदक जीतने पर उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 8 हजार प्राधिकृत गृह रक्षक हैं, जिनमें से 5100 वर्ष भर विभिन्न कार्यों में सेवाएं देने में व्यस्त रहते हैं। उन्होंने कहा कि नागरिक सुरक्षा संगठन के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया जारी है और इसे कस्बों के बजाय जिला स्तर पर केन्द्रित संगठन के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है। गत तीन वर्षों में प्रदेश सरकार ने संगठन के अधोसंरचना को स्तरोन्नत करने और नए उपकरण खरीदने के कार्य को प्राथमिकता दी है तथा संगठन को शिमला एवं धर्मशाला मंडलीय कार्यालयों में नए प्रशिक्षण केन्द्र मिलने की संभावना है।

मुख्यमंत्री ने राज्य और प्रदेश के लोगों के लिए उनकी बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए स्वयंसेवकों को बधाई दी और आशा व्यक्त की कि संगठन अपनी समृद्ध परंपराएं भविष्य में भी बनाए रखेगा।

होम गार्डस् के कमांडैंट जनरल एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री बी. कमल कुमार ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए स्थापना दिवस समारोह में शामिल होने पर उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने संगठन की स्थापना के उद्देश्यों तथा इसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर भी प्रकाश डाला।

डिप्टी कमांडैंट जनरल एवं पुलिस महानिरीक्षक श्री एस.आर. शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

गृह रक्षक बैण्ड ने इस अवसर पर मधुर स्वर लहरियों से उपस्थित जन समूह का भरपूर मनोरंजन किया।

उद्योग मंत्री श्री किशन कपूर, प्रदेश पुलिस महानिदेशक डाॅ. डी.एस. मन्हास, प्रधान गृह सचिव श्री अजय मित्तल, एडीजीपी श्री आई.डी. भण्डारी, महानिरीक्षक (दक्षिणी रेंज) श्री पी.एल. ठाकुर, मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव डाॅ. अरुण शर्मा, उपायुक्त श्री आर.एस. गुप्ता, पुलिस अधीक्षक श्री दिलजीत सिंह ठाकुर तथा पुलिस व होमगार्डस् के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
BIJENDER SHARMA

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